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लदनिया प्रखंड व मनरेगा कार्यालय पर बिचौलियों हावी

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मधुबनी जिले के लदनिया प्रखंड में प्रखंड कार्यालय और मनरेगा हुआ बिचौलियों हावी कोई भी काम कराने के लिए बिचौलियों से मिलने के बाद ही हो पाते हैं ।  पदाधिकारी से लेकर प्रखंड और मनरेगा बिचौलियों के हाथ में कई लोगों ने बताया की  पदाधिकारी नहीं सुनते हैं। तो कर्मचारी क्यों सुनेंगे । आप जब भी जाएंगे तो कर्मचारी, तकनीकी सहायक  चाय दुकान पर ही मिलेंगे ।

इसी क्रम में जब प्रखंड प्रमुख  से संपर्क किया गया तो उन्होंने कुछ भी बताने से किया इनकार कर दिया।

जैसे लगता है कि प्रखंड कार्यालय प्रतिनिधि या प्रमुख है ही नहीं । अब प्रखंड कार्यालय और मनरेगा कार्यालय भगवान के भरोसे ही चल रहा है । कभी भी आप जाएंगे तो वहां पर पदाधिकारियों के पास में बिचौलियों ही मिलेंगे। जिनसे आम नागरिक को काफी परेशानी का सामना करना पड़ रहा है ।

खासकर  पदाधिकारी सिर्फ दलालों के बाद ही सुनते हैं और आम नागरिक इसका भूत भोगी हो रहे हैं । सरकार एक तरफ योजना को धरातल पर लाने की बात करते हैं। तो वही पदाधिकारी, बिचौलियों से मिलकर योजनाओं को बंदर बात करने में लगे हुए हैं न तो कहीं पर नल – जल योजना चलने को दिख रही है कहीं नहीं तो कोई योजना सही सलामत काम हो रहा है जहां भी आप देखेंगे वहां भी दो नंबर ईंट , बालू या सीमेंट के मात्रा कम दिखाई देगा पंचायत प्रतिनिधि सिर्फ अपनी योजना को लूटने में लगे हुए हैं।

सरकार चाहे जितना भी दम लगा ले जब तक पदाधिकारी का नियत ठीक नहीं होगा तब तक जनता का विकास नहीं होगा। सरकार ने जनता के दरबार सुनने की योजना बनाई लेकिन उच्च पदाधिकारी जांच करने के लिए तो आते हैं। लेकिन सिर्फ खानापूर्ति करके जाते हैं । सारे पदाधिकारी जैसे लगता है कि यहां पर सिर्फ वसूली करने के लिए पहुंचते हैं।

कई लोगों ने  बताया की यहां पर तो धरातल पर कुछ नहीं है सिर्फ खानापूर्ति होता है । योजना तो बना लेकिन काम नहीं जब पदधिकारी से किसी काम के बारे में पूछा जाता है तो अधिकारी दरकिनार करके अपनी पल्ला झाड़ लेते हैं। यह कब तक चलेगा पदाधिकारियों का खेल क्यों नहीं हो रही है धरातल पर काम क्या सिर्फ लूटने की योजना है ।

यदि लूटने की योजना है तो सरकार वहीं से क्यों नहीं लुटा देते हैं प्राधिकारी के खाता में ही पैसा भेज देना चाहिए और प्रतिनिधि और पदाधिकारी दोनों मिलकर बांट लेंगे क्यों कहे जा रहे हैं कि इस तरह की योजना  लागू और काम करने की जवाबदेही सिर्फ पदाधिकारी की होती है। पदाधिकारी इस पर क्यों नहीं करती अमल क्यों प्रखंड कार्यालय पर बिचौलियों हावी है क्यों बैठे रहते हैं । ये अब लोगों द्वारा सवाल पूछा जा रहा है।