बिहार

विप के स्नातक एवं शिक्षक निर्वाचन क्षेत्र के पांच रिक्त सीटो का द्विवार्षिक चुनाव मार्च में

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राजकुमार यादव

पटना /बिहार विधानपरिषद में स्नातक और शिक्षक निर्वाचन की चार सीटों का द्विवार्षिक चुनाव का कार्यकाल मई माह में समाप्त हो रहा है। इसके लिए प्रत्याशियों ने वोटर बनाना शुरू कर दिया है इसमें सारण शिक्षक निर्वाचन क्षेत्र से केदार नाथ पाण्डेय के निधन से सीट खाली हुई है।  स्नातक निर्वाचन क्षेत्र से पूर्व सभापति अवधेश नारायण सिंह, सारण स्नातक निर्वाचन क्षेत्र से प्रो बीरेंद्र नारायण यादव, गया शिक्षक निर्वाचन क्षेत्र डां संजीव श्याम सिंह, एवं कोशी निर्वाचन क्षेत्र के डां संजीव कुमार सिंह की सीट खाली हो रही है चुनाव आयोग मार्च में अधिसूचना जारी करेगी एवं अप्रैल तक चुनावी प्रक्रिया पूरी कर ली जायेगी खाली होने वाले सीटों में तीन जदयू एवं एक भाजपा कोटे का विधान पार्षद है! इन चारों सीटों का कार्यकाल 8 मई को समाप्त हो रहा है।

इसके लिए सम्भावित प्रत्याशी अपने अपने हिसाब से वोटर बनाना शुरू कर दिया है।इस पर राजनीतिक विश्लेषक डां रामेश्वर सिंह का कहना है । विधानपरिषद कोटे के सीटों पर छ वर्षों के लिए चुनाव होती है और प्रत्येक चुनावी साल के पहले अपने अपने हिसाब से प्रत्याशी वोटर बनाते हैं । लोकतंत्र के लिए घातक सिद्ध हो रहा है। राज्य सरकार एवं निर्वाचन आयोग को चाहिए कि आम निर्वाचन की तरह स्नातक पास एवं शिक्षक मतदाताओं को वोटर लिस्ट में नाम जोडने के लिए बुथ पर कार्यरत बीएलओ के माध्यम से स्थाई रूप से जोडा जाये।

ताकि वे प्रत्येक पांच वर्ष पर नाम जोड़ ने की झंझट से दूर हो स्नातक पास वोटर जीवन भर विप के स्नातक एवं शिक्षक निर्वाचन के द्विवार्षिक चुनाव में मतदान करने का अधिकार है । स्नातक एवं शिक्षक निर्वाचन क्षेत्र के वोटर प्रत्येक वर्ष न वोटर लिस्ट में जोड़ने का सिस्टम खत्म कर स्थाई किया जाये तभी स्वस्थ्य मतदान की परम्परा कायम रहेगा ।