देश - विदेश

इस्लामिया जामे मस्जिद भौआड़ा में आज तरावीह में क्या पढ़ा, पारा नंबर अठारह

बिहार हलचल न्यूज ,जन जन की आवाज
Listen to this article
  • मधुबनी संवाददाता मो सालिम आजाद

अगर तुम दोनों जहाँ की कामयाबी चाहते हो तो सच्चे मोमिन बन जाओ। ख़ूब दिल लगाकर नमाज़ें अदा करो। झगड़ों और दिल को तकलीफ़ देने वाली बातों से दूर रहो। अपनी सीरत (व्यक्तित्व) को पाकीज़ा से पाकीज़ातर बनाने की कोशिश करो। अपनी शर्मगाहों (गुप्तांगों) की हिफ़ाज़त करो। जहाँ तक अल्लाह ने इजाज़त दी वहीं तक रहो उससे आगे मत बढ़ो । अमानतों और मुआहिदों (समझौतों) का ख़याल रखो। अपनी नमाज़ों की हिफ़ाज़त करो। जन्नतुल फ़िरदौस की नेमतें तुम्हारा इंतज़ार कर रही हैं अल्लाह ने तुम्हें बड़े एहतिमाम से पैदा किया है। तुम्हें बेहतरीन शक्ल अता की है। तुम्हारे रहने-सहने और खाने-पीने का बेहतरीन इंतिज़ाम किया है। वह तुमसे ज़रा ग़ाफ़िल नहीं है, तुम भी उससे ग़ाफ़िल मत रहो ।
अल्लाह ने तुम्हें इस दुनिया में ऐश व आराम का सामान दिया है ताकि तुम्हारी आज़माईश करे। तुम इस धोखे में न रहो कि ज़िंदगी बस यहीं तक है। अल्लाह के सामने हाज़िर होने की तैयारी करो। उसकी बंदगी करो, उसके साथ शिर्क न करो और उसकी नाराज़गी से बचने की फ़िक्र करो। उससे घमंड न करो। माज़ी (भूतकाल) में जो क़ौमें अपने घमंड की वजह से तबाह कर दी गईं, उनसे इबरत (सबक़) हासिल करो।
अल्लाह की दी हुई नेमतें खाओ, नेकियों के आदी बनो और रब की नाराज़गी से बचने की फ़िक्र करो ।
अगर अल्लाह ने तुम्हें दौलत और बेटे अता किए हैं तो यह न समझो कि अल्लाह तुम्हें अपनी नेमतों से नवाज़ रहा है। यह तो तुम्हारे इम्तिहान के लिए तुमको दिया जा रहा है अल्लाह की ख़ुशी के तख़्त व ताज तो वे लोग हासिल करते हैं जो अपने रब के ख़ौफ़ से डरते रहते हैं, जो अपने रब की आयतों पर ईमान रखते हैं, जो अपने रब के साथ शिर्क नहीं करते, जो अपने रब की राह में ख़र्च करते हैं और वह भी इस कैफ़ियत के साथ कि उनके दिल काँपते रहते हैं कि उन्हें उसकी तरफ़ लौट कर जाना है ।
अल्लाह का शुक्र अदा करो उसने तुम्हें सुनने और देखने की कुव्वत (क्षमताएं) दीं और सोचने को दिल-दिमाग़ दिया। अक़्ल से काम लो और आख़िरत का इनकार न करो, उसी ने तुम को पैदा किया है और उसी के हाथ में मौत और ज़िंदगी है। होश में आओ और देखो कि ज़मीन और ज़मीन की हर चीज़ अल्लाह की है। अल्लाह की नाराज़गी से बचो जो सातों आसमानों का मालिक और अर्श-ए-अज़ीम का रब है। किसी धोखे में न रहो हर चीज़ की नकेल उसी के हाथ में है और वही पनाह देने वाला है, उसके मुकाबले में कोई पनाह देने वाला नहीं। उसके साथ किसी को शरीक न करो, किसी की यह हैसियत है ही नहीं कि वह उसका साझी बन सके हक़ का इनकार करने वाले तुम्हारी मुख़ालिफ़त करेंगे। और मुख़ालिफ़त का बुरे से बुरा तरीक़ा इख़्तियार करेंगे, तुम अच्छाई का रास्ता इख़्तियार करो । बुराई को अच्छाई से दफ़ा करो और अल्लाह से दुआ करते रहो कि वह शैतान की उक्साहटों से तुम्हें महफ़ूज़ रखे क़यामत के दिन न कोई रिश्ता काम आएगा, न कोई किसी को पूछेगा, जिसके आमाल वज़नदार होंगे वही कामयाब होगा । झूठी उम्मीदों पर तकिया मत करो । इसकी फ़िक्र करो कि वहाँ तुम्हारे आमाल वज़नदार रहें। साथ ही दुआ करते रहो कि “मेरे रब मुझे माफ़ कर दे, और मुझ पर रहम फ़रमा – तू बेहतरीन मेहरबान है ।

24.  सूरह अन-नूर
अल्लाह और आख़िरत पर ईमान रखो और बदकारी से दूर रहो बदकारी हराम है और उसकी सख़्त सज़ा है। बदकारी का ईमान से कोई जोड़ नहीं है पाकदामन औरतों पर बदकारी का इल्ज़ाम लगाना भी बहुत संगीन जुर्म है। इस जुर्म की भी बहुत सख़्त सज़ा है। अलबत्ता जो लोग तौबा कर लें और अपनी इस्लाह कर लें तो वे अल्लाह को बहुत माफ़ करने वाला और निहायत मेहरबान पाएंगे ।
बीवियाँ अपनी पाकदामनी की हिफ़ाज़त करें और शौहर बीवियों के सिलसिले में बदगुमानी से बचें। पुख्ता यक़ीन के बग़ैर कोई इल्ज़ाम न लगाएँ। बीवियाँ बदकारी का रास्ता इख़्तियार करेंगी तो उन पर अल्लाह का ग़ज़ब नाज़िल होगा और शौहर ग़लत आरोप लगाएंगे तो उन पर अल्लाह की लानत होगी ।
पाकबाज़ मोमिन औरतों पर अगर कोई आरोप लगाए तो सबकी ज़िम्मेदारी है कि पूरी ताक़त से उठकर आरोप की तरदीद (खंडन) की जाए और ऐसे आरोपों को अपने दरमियान पलने-बढ़ने का मौक़ा न दें अपने समाज को बहुत साफ़-सुथरा और पाकीज़ा रखो। किसी को इसका मौक़ा न मिले कि वह तुम्हारे बीच बेहयाई फैलाने में कामयाब हो जाए। शर्म व हया को आम करो और अपने दरमियान किसी को बेहयाई का बीज मत बोने दो। अल्लाह का ख़ास फ़ज़्ल और उसकी ख़ास रहमत (कृपा) है कि उसने बेहयाई से तुम्हें बचाने के लिए ईमान के मज़बूत किले की हिफ़ाज़त अता की। इस किले की दीवारों में किसी को नक़ब मत लगाने दो शैतान के नक़्श-ए-क़दम पर न चलो। शैतान बेहयाई और बुराई का रास्ता दिखाता है । अल्लाह ने अपने ख़ास फ़ज़्ल से तुम्हें इफ़्फ़त व पाकीज़गी की राह दिखाई है, इस राह पर मज़बूती से जमे रहो। अच्छे लोगों को अच्छे नामों से याद करो। बुरे लोगो को बुरे नामों के हवाले करो। अच्छे लोगों को अल्लाह मग़फ़िरत का ताज पहनाएगा दूसरों के घरों में जाने से पहले अपने आने की सूचना दे दो और घरवालों को सलाम करो। यही अच्छा तरीक़ा है। बग़ैर इजाज़त अंदर न जाओ, इजाज़त न मिले तो वापस लौट जाओ। यही पाकीज़ा अंदाज है ।
मर्द अपनी निगाहें नीची रखें और शर्मगाहों की हिफ़ाज़त करें। औरतें अपनी निगाहें नीची रखें और अपनी शर्मगाहों की हिफ़ाज़त करें और जहां तक हो सके अपनी ज़ीनत को छिपाएँ। यही ईमान का तक़ाज़ा है और इसी में दोनों के लिए पाकीज़गी है। ईमान वालो! अल्लाह की तरफ़ रुजू करो, कामयाबी के वादे तुम्हारा इंतज़ार कर रहे हैं समाज में निकाह को बढ़ावा दो। जो औरतें बिना शौहर की हैं या जो मर्द बिना बीवी के हैं उनकी शादियाँ कराओ। ग़रीबी को शादी की राह में रुकावट न बनने दो। इतमिनान रखो अल्लाह रोज़ी में कुशादगी देगा ।
जिन लोगों के निकाह का इंतिज़ाम नहीं हो पा रहा है वे अपने आप पर कंट्रोल रखें और पाकदामनी का दामन मज़बूती से थामे रहें। अल्लाह उनके लिए भी इंतिज़ाम फ़रमाएगा ।
जो ग़ुलाम लोग आज़ाद होना चाहे उनकी राह में रुकावट न डालो। आज़ादी हासिल करने में उनकी मदद करो। उन्हें आज़ादी और इज़्ज़त वाली ज़िंदगी दिलाने के लिए अल्लाह का दिया हुआ माल ख़र्च करो ।
बदकारी को समाज में कमाई का ज़रिया मत बनने दो। दुनिया की चंद दिनों की दौलत के लिए बदकारी का रास्ता न ख़ुद इख़्तियार करो और न किसी और को इसके लिए मजबूर करो अपने दिल में अल्लाह का नूर बसाओ। उस नूर की क़द्र करो। उसे जान से ज़्यादा अज़ीज़ (प्रिय) रखो। अल्लाह का नूर दिल में बसाओगे तो पूरी ज़िंदगी रौशन हो जाएगी और पूरी क़ायनात रौशन नज़र आएगी ।
जिनके दिलों में अल्लाह का नूर होता है उन्हें अल्लाह की याद में लुत्फ़ मिलता है, वे अल्लाह के ज़िक्र से मस्जिदें आबाद करते हैं। सुबह-शाम अल्लाह की तसबीह (महिमागान) करते हैं। दुनिया का कारोबार उन्हें अल्लाह की याद से, नमाज़ और ज़कात से ग़ाफ़िल नहीं करता है। वे आख़िरत के ख़ौफ़ से काँपते रहते हैं और अपनी ज़िंदगी को बेहतरीन कामों से सजाते हैं जब अल्लाह और उसके रसूल की तरफ़ फैसले के लिए बुलाया जाए तो कहो हमने सुना और मान लिया। यही ईमान का तक़ाज़ा है। अल्लाह और उसके रसूल की बात मानो, अल्लाह से डरो, अल्लाह की नाराज़गी से बचने की फ़िक्र करो कामयाबी तुम्हारे क़दम चूमेगी ईमान की हिफ़ाज़त करो, अच्छे नेक काम करो, अल्लाह की बंदगी करो और उसके साथ शिर्क न करो। अल्लाह तुम्हें इक़्तेदार (हुकूमत) देगा, तुम्हारे इस दीन को ग़लबा देगा, जिसे उसने तुम्हारे लिए पसंद किया है। ख़ौफ़ और खतरों के हालात से निजात देगा और अम्न व सलामती से नवाज़ेगा। नमाज़ क़ायम करो, ज़कात दो और रसूल की बात मानो, अल्लाह की रहमत तुम पर नवाज़िश हो ।