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अगर संस्कार न भूले तो किसी भी बुजुर्ग को वृद्धाश्रम जाने की आवश्यकता नहीं पड़ेगी

बिहार हलचल न्यूज ,जन जन की आवाज
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न्यूज़ डेस्क

हमारे जीवन में बुजुर्ग एक महत्वपूर्ण भूमिका निभाते हैं।जिस घर में बुजुर्ग सुखी हैं। उसी घर में समृद्धि भी आती है। हमारा देश बुजुर्गों को सम्मान देने वाला और सहारा देने वाला माना जाता है। वास्तव में जब ढलती उम्र में शरीर शिथिल हो जाता है तो निकटतम परिजन बुजुर्गों को बोझ समझने लगते हैं और उनकी वजह से अपने एशो आराम में कोई कमी नहीं होने देना चाहते हैं।इसके लिए सरकार ने वरिष्ठ नागरिक हेल्पलाइन बना रखा है।

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इसके अलावा वक्त के तकाजे के मुताबिक बुजुर्गों के लिए एक सलाह यह है कि उन्हें अपने जीवन भर के कमाई हुई पूंजी को अपने पास ही रखना चाहिए।उन्हें यह लिख देना चाहिए कि जब तक व जीवित हैं यह सब संपत्तियां उन्हीं की रहेंगी और उनकी मृत्यु के बाद ही उसका बंटवारा हो सकेगा।

Advertisment अगर संस्कार न भूले तो किसी भी बुजुर्ग को वृद्धाश्रम जाने की आवश्यकता नहीं पड़ेगीबदलते परिवेश में बुजुर्ग अपने ही परिवार में अपना अस्तित्व तलाश रहे हैं जो बहुत ही दुखद है!हम सभी को आगे आने वाले पीढ़ी को भी सचेत होना चाहिए अगर सभी लोग अपना संस्कार न भूले तो कभी भी किसी भी बुजुर्ग को वृद्धाश्रम जाने की आवश्यकता नहीं पड़ेगी।जिस मां बाप ने अपना खून पसीना एक करके औलाद को पढ़ा लिखाकर काबिल बनाया हो अगर वह ठोकर खाने को मजबूर हो तो उस औलाद का जीवन व्यर्थ है।बुजुर्गों की सेवा से बढ़कर कोई सेवा नहीं है हमें हमेशा उनका आशीर्वाद लेना चाहिए एकल परिवार की परंपरा से परहेज करना चाहिए।