धरना प्रदर्शन में शामिल शिक्षकों एवं शिक्षक नेताओं पर कार्रवाई असंवैधानिक:नवल किशोर
मधुबनी /बिहार प्रदेश प्रारंभिक शिक्षक संघ के प्रदेश अध्यक्ष श्री नवल किशोर सिंह ने कहा कि लोकतंत्र में नागरिक को अपने अधिकार के लिए शांतिपूर्ण धरना प्रदर्शन करने का संवैधानिक अधिकार है जिस तरह भारत के प्रत्येक नागरिक को वोट देने का अधिकार है और उसी अधिकार के तेहत दिनांक-11.07.2023 को शिक्षकों ने पटना में धरना प्रदर्शन किया। चल रहे विधानसभा सत्र में सरकार के मंत्री आदरणीय श्री विजय चौधरी ने सवालों के जवाब में कहा कि माननीय मुख्यमंत्री महोदय जल्द ही खुद शिक्षकों के प्रतिनिधियों ने बात करेंगे। इस आश्य के साथ शिक्षक संघों के प्रतिनिधियों ने धरना प्रदर्शन को समाप्त कर दिया
संघ के प्रदेश प्रवक्ता मशकूर आलम ने कहा कि एक तरफ सरकार के मंत्री आदरणीय श्री विजय चौधरी शिक्षक संघों के प्रतिनिधियों से बात करने की बात कर रहे हैं वहीं लोकतांत्रिक तरीके से शांतिपूर्ण धरना प्रदर्शन में शामिल शिक्षकों एवं शिक्षक नेताओं पर कार्रवाई करके संविधान में निहित लोकतांत्रिक आंदोलन करने की आज़ादी की धज्जियां उड़ाई जा रही है। शिक्षकों का वाजिब मांग बिना शर्त राज्यकर्मी का दर्जा देने के बजाय सरकार दंडात्मक करवाई पर उतारू है। शिक्षकों को दंडित करने एवं भयभीत करने की कोशिश की जा रही है जो उचित नहीं है नियोजित शिक्षकों से शोषण के विरुद्ध लोकतांत्रिक तरीके से आवाज उठाने के अधिकार को छीनने की कोशिश की जा रही है। वहीं राज्य के उपमुख्यमंत्री श्री तेजस्वी यादव जी ने भी शिक्षक प्रतिनिधियों को बुलाकर बात करने की बात कर रहे हैं और दूसरी तरफ आंदोलन में शामील शिक्षकों एवं शिक्षक नेताओं पर निलंबन की कारवाई चल रही है।
संघ के प्रदेश अध्यक्ष श्री नवल किशोर सिंह और संघ के प्रदेश प्रवक्ता मशकूर आलम ने कहा के अविलंब शिक्षकों पर हो रहे कारवाई पर सरकार रोक लगा कर शिक्षकों में बढ़ रहे आक्रोश को शांति प्रदान करें और जल्द ही शिक्षक नेताओं के साथ वार्ता करे।