बिहार

राजस्व समन्वय समिति एवं आंतरिक संसाधन से संबंधित समीक्षात्मक बैठक : D M ।। 2.बाल श्रमिकों से कार्य कराने वाले व्यक्तियों को ₹20000 से ₹50000 तक का जुर्माना और 2 वर्षों तक के कारावास का प्रावधान

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मधुबनी /जिलाधिकारी अरविन्द कुमार वर्मा की अध्यक्षता में समाहरणालय स्थित सभाकक्ष में जिले के राजस्व समन्वय समिति एवं आंतरिक संसाधन से संबंधित* समीक्षात्मक बैठक आहूत हुई।

बैठक के दौरान राजस्व से संबंधित कई महत्वपूर्ण कार्यों की बिंदुवार समीक्षा की गई। जिसमें नामांतरण की स्थिति, परिमार्जन के लिए प्राप्त आवेदनों पर की गई कार्रवाई, भू स्वामित्व प्रमाण पत्र की समीक्षा, भू लगान, सैरात, जल श्रोतों पर किए गए अतिक्रमण की समीक्षा, सरकारी विभाग की भूमि पर किए गए अतिक्रमण की समीक्षा, लोक शिकायत, अन्य अतिक्रमण से संबंधित मामले, अमीन की नापी से संबंधित प्रतिवेदन, सरजमीनी सेवा, अभियान बसेरा, ऑपरेशन दखल देहानी, राजस्व से संबंधित सीडब्ल्यूजेसी, एमजेसी के मामलों की समीक्षा, भूदान, जमाबंदी से संबंधित मामले, राजस्व न्यायालय वाद आदि शामिल हैं।

बैठक में उपस्थित अधिकारियों को जिलाधिकारी ने सेवांत लाभ के मामलों में तेजी से निपटारा किए जाने के निर्देश दिए। उन्होंने भुअर्जन से संबंधित मामलों में एलपीसी को प्राथमिकता के आधार पर निपटाने के निर्देश दिए हैं।

उन्होंने निर्देश दिया कि लगान वसूली में तेजी लाई जाए। इसके लिए बकायदारों को नोटिस जारी किया जाए। उन्होंने जिले के भूमिहीन विद्यालयों की सूची जल्द से जल्द उपस्थापित करने के निर्देश भी दिए हैं। ताकि, उनके लिए भवन निर्माण की दिशा में आगे की कार्रवाई की जाए।

उन्होंने तालाबों के अतिक्रमण को गंभीरता से लेते हुए उसे अतिक्रमण मुक्त करने की दिशा में ठोस करवाई करने के निर्देश दिए हैं।

उक्त बैठक में अपर समाहर्ता, नरेश झा, नगर आयुक्त, अनिल चौधरी, प्रभारी पदाधिकारी जिला स्थापना शाखा, वंदना कुमारी, जिला राजस्व पदाधिकारी, राकेश कुमार, डीपीओ, शिक्षा, शुभम कसौधन, कार्यपालक अभियंता विद्युत, मधुबनी, मो अरमान, कार्यपालक अभियंता विद्युत, जयनगर, रमण कुमार, जिले के सभी अनुमंडलों के भूमि सुधार उप समाहर्ता सहित जिले के सभी प्रखंडों के अंचल अधिकारी उपस्थित थे। —

 

2.बाल श्रमिकों से कार्य कराने वाले व्यक्तियों को ₹20000 से ₹50000 तक का जुर्माना और 2 वर्षों तक के कारावास का प्रावधान

मधुबनी /श्रम अधीक्षक राकेश रंजन के द्वारा बाल श्रमिकों की विमुक्ति हेतु सदर अनुमंडल क्षेत्र मधुबनी अंतर्गत विभिन्न दुकानों एवं प्रतिष्ठानों में धावा दल की टीम के द्वारा विभिन्न दुकानों/प्रतिष्ठानों में सघन जांच अभियान चलाया गया ।

जांच के क्रम में
1. गंगासागर चौक, मधुबनी स्थित सीतामढ़ी छोला भटूरा की नाश्ता की दुकान से एक बाल श्रमिक को विमुक्त कराया गया।

विमुक्त बाल श्रमिक को बाल कल्याण समिति, मधुबनी के समक्ष उपस्थापित कर निर्देशानुसार उन्हें बाल गृह में रखा गया है ।

बाल एवं किशोर श्रम ( प्रतिषेध एवं विनियमन) अधिनियम 1986 के तहत नियोजक के विरुद्ध नगर थाना मधुबनी में प्राथमिकी दर्ज करने की कार्रवाई की जा रही है ।

श्रम अधीक्षक ने बताया कि बाल श्रमिकों से किसी भी दुकान या प्रतिष्ठान में कार्य कराना बाल एवं किशोर श्रम (प्रतिषेध एवं विनियमन) अधिनियम 1986 के अंतर्गत गैरकानूनी है तथा बाल श्रमिकों से कार्य कराने वाले व्यक्तियों को ₹20000 से ₹50000 तक का जुर्माना और 2 वर्षों तक के कारावास का प्रावधान है ।

इसके अतिरिक्त माननीय सर्वोच्च न्यायालय के द्वारा एम सी मेहता बनाम तमिलनाडु सरकार 1996 में दिए गए आदेश के आलोक में नियोजकों से ₹20000 प्रति बाल श्रमिक की दर से अलग से राशि की वसूली की जाएगी जो जिलाधिकारी के पदनाम से संधारित जिला बाल श्रमिक पुनर्वास सह कल्याण कोष में जमा किया जाएगा ।

इस राशि को जमा नहीं कराने वाले नियोजक के विरुद्ध एक सर्टिफिकेट केस या नीलाम पत्र वाद अलग से दायर किया जाएगा ।

आज की इस धावा दल टीम के सदस्य के रूप में गोविंद कुमार,श्रम प्रवर्तन पदाधिकारी, रहिका, हितेश कुमार भार्गव श्रम प्रवर्तन पदाधिकारी, खजौली, अनूप शंकर श्रम प्रवर्तन पदाधिकारी राजनगर, चाइल्डलाइन के सदस्य के रूप में परितोष कुमार एवम नगर थाना, मधुबनी के पेट्रोलिंग दल के साथ साथ पुलिसकर्मी शामिल थे ।
जांच दल के टीम द्वारा सदर अनुमंडल नगर क्षेत्र अंतर्गत सभी दुकान एवं प्रतिष्ठान में सघन जांच की गई तथा सभी नियोजको से किसी भी बाल श्रमिक को नियोजित नहीं करने हेतु एक शपथ पत्र भरवाया गया तथा सभी दुकानों एवं प्रतिष्ठानों में बाल श्रम मुक्त परिसर से संबंधित स्टीकर भी चिपका गया ।

श्रम अधीक्षक के द्वारा बताया गया कि धावा दल नियमित रूप से प्रत्येक सप्ताह संचालित होगा तथा मधुबनी सदर अनुमंडल शहर क्षेत्र के साथ साथ सभी अन्य अनुमंडल मुख्यालय में भी संचालित किया जाएगा।
तथा बाल श्रमिको की विमुक्ति एवं बाल श्रमिको को नियोजित करने वाले नियोजको के विरुद्ध कठोर करवाई की जाएगी।