बिहार

वेतन को लेकर तरस रही दिव्यांग विधवा आदेशपाल

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निशांत मिश्रा की रिपोर्ट 

अरवल/इनके आँखों का मर गया पानी, मेरी आँखों मे भर गया पानी, बादलों से चलकर रास्ते मे बिखर गया पानी। ये युक्ति सटीक बैठती है दिव्यांग विधवा आदेशपाल पर। जिला के कुर्था प्रखंड मुख्यालय स्थित राजकीयकृत मध्य विद्यालय के प्रांगण में संचालित कस्तूरबा गांधी आवासीय बालिका विद्यालय में कार्यरत आदेशपाल गुड्डी देवी। जिनके पति स्व०  मिथिलेश कुमार कुर्था स्थित कस्तूरबा गांधी आवासीय बालिका विद्यालय के स्थापना काल से ही बतौर आदेशपाल इस विद्यालय में कार्यरत रहते हुए बखूबी अपने कार्यों को अंजाम देते रहे।

banner jjj page 0001 1 वेतन को लेकर तरस रही दिव्यांग विधवा आदेशपाललेकिन दुर्भाग्य की बात है की दो वर्ष पूर्व हृदय गति रुक जाने से मिथलेश कुमार की अचानक मौत हो गई। इनके मौत के पश्चात विद्यालय के संचालक तथा सम्बन्धित कर्मियों एवं अधिकारियों द्वारा मृतक आदेशपाल की पत्नी गुड्डी देवी को उनके पति के स्थान पर बतौर आदेशपाल नियुक्त किया गया। इनकी नियुक्ति मार्च 2022 से की गई। लेकिन अब तक तकरीबन सात महीने बीत जाने के बावजूद यह दिव्यांग विधवा महिला अपने दो नवनिहाल बच्चों के भरण पोषण हेतु नियमित रूप से विद्यालय में अपनी सेवा दे रही है।

office page0001 1 वेतन को लेकर तरस रही दिव्यांग विधवा आदेशपालगुड्डी देवी ने अबतक अपने स्व० पति के द्वारा किए गए सेवा में किसी प्रकार की कमी नहीं होने दी और अनवरत आज भी इस दिव्यांग विधवा महिला समय से विद्यालय के कार्यों में अपना योगदान दे रही है। लेकिन अब- अब तक विभागीय उदासीनता के कारण उन्हें वेतन नहीं दी जा रही है और न ही उन्हें यह आश्वस्त किया जा रहा है की आपकी सेवा नियमित है । ऐसे में अपने दो नवनिहाल बच्चों के साथ किसी प्रकार जीवन यापन करने को मजबूर है गुड्डी देवी। कस्तूरबा गांधी आवासीय बालिका विद्यालय के कर्मियों की माने तो दिव्यांग होने के बावजूद आदेशपाल गुड्डी देवी ने अबतक अपने सात माह के कार्यकाल में कभी भी विद्यालय संचालन समिति तथा विभागीय अधिकारियों को शिकायत का मौका नहीं दिया है।