बिहार

राजद के मीसा भारती एवं फयाज अहमद ने राज्यसभा के लिए नामांकन पर्चा दाखिल किया

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राजकुमार यादव की रिपोर्ट

पटना बिहार में राज्यसभा के पांच सीटों पर हो रहे द्विवार्षिक चुनाव में राजद कोटे से दो प्रत्याशियों ने नामांकन पर्चा दाखिल किया नामांकन पर्चा दाखिल करने वाले में राजद सुप्रीमो लालू प्रसाद यादव के बडी पुत्री डां मीसा भारती एवं मधुबनी जिले के बिस्फी विधानसभा के राजद पूर्व विधायक फयाज अहमद शामिल थे ।दोपहर 12.30 बजे राजद सुप्रीमो लालू प्रसाद यादव ने दोनों प्रत्याशियों को साथ लेकर बिहार विधानसभा पहुंचे और सीधे विधानसभा सचिव सह रिर्टनिग अफिसर शैलैश सिंह के कर्यालय कक्ष पहुंचे और नामांकन की प्रक्रिया शुरू हुई। पूर्व विधायक भोला यादव ने चार चार सेटो में नामांकन पर्चा दाखिल करने के लिए आगे बढाया, सचिव सह रिटर्निंग अफिसर ने नामांकन की प्रक्रिया पूरी किया उक्त अवसर पर प्रतिपक्ष के नेता तेजस्वी प्रसाद यादव, पूर्व मंत्री सह राजद विधायक तेजप्रताप यादव ललित यादव भोला यादव, विजय राय ,शिव चन्द्र राम इत्यादि मौजूद थे ।

वही भारी संख्या में राजद कार्यकर्ताओं की भीड़ जमा शुरू होने लगा इसको ले सुबह से ही गहमागहमी शुरू हो गया था ।

हलांकि राजद सुप्रीमो लालू प्रसाद यादव की पुत्री डां मीसा भारती को दुबारा भेजना तय था क्योंकि लालू प्रसाद का तबियत खराब होने तथा नयी दिल्ली में चारा घोटाले के मामले में चल रहे केशो को लेकर दिल्ली आना जाना लगा रहता है। इसको ले दिल्ली में ठहराव के लिए आवास की जरूरत थी वही पूर्व केन्द्रीय मंत्री शरद यादव भेजने की तैयारी थी ।

लेकिन अंत समय में यह कहकर मना कर दिया गया कि अगर दोनों सीटों पर एक ही बिरादरी के उम्मीदवार होने से भाजपा का कोप भजन का शिकार होना पड़ता वही अल्पसंख्यक समुदाय के फयाज आलम को भेज कर राजनीतिक समीकरण साधकर भेजा गया । अहमद कार्यकर्ता के रूप में कार्य करते रहे हैं ।अल्पसंख्यक समुदाय को राज्यसभाभेजकर राजनीतिक साधने की कोशिश की गई इसमें एनडीए के जातिवाद से बचने के लिए किया गया है ।राजद सुप्रीमो लालू प्रसाद ने शरद यादव को नहीं भेजा इससे कयास लगाये जा रहे हैं कि शरद यादव ने जदयू को राजद के साथ तालमेल कराया था। जब राजद के साथ गठबंधन टूट जाने के बाद शरद यादव ने नीतीश कुमार के साथ दूरियाँ बना ली थी और राजद के साथ आ गये थे ।जिसके कारण नीतीश कुमार के कोप भाजन का शिकार बनना पडा ।जिसके कारण जदयू ने राज्यसभा से न हटाकर उनकी सारी सुविधाओं को छीन लिया गया यहाँ तक दिल्ली में रहते हुए ठौर ठीकाना नहीं रहने के कारण सरकारी आवास भी छोडना पडेगा शरद यादव गुट में प्रत्याशी न बनाये जाने को लेकर काफी नाराजगी है ।इस मसले को ले शरद यादव एवं उनकी बड़ी पुत्री ने सोनिया गांधी से मिलकर आपना पक्ष रखा है इधर पटना सहित अन्य राज्यों में चर्चा का विषय बना हुआ है ।शरद गुट सहित राजद में पूर्ण विश्वास था कि इसबार शरद यादव राजद कोटे से राज्यसभा जायेंगे।