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सरकारी स्कूलों का आदर्श बन चुका है मध्यविद्यालय महथा

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लदनियां से अमरनाथ यादव की रिपोर्ट

मधुबनी /लदनियां प्रखंड के  के विद्यालयों में गुणवत्तापूर्ण शिक्षा देने के लिए लगभग सारे संसाधन जुटा चुकी है, बावजूद इसके सरकारी स्कूल की सरकारी जांच रिपोर्ट उससे मेल नहीं खाती। बढ़ते साधन के बीच साधना घटती नजर आ रही है।

ऐसा तब प्रतीत होता है, जब छात्र के जवाब से असंतुष्ट पदाधिकारी शिक्षक से अपेक्षित जवाब चाहते हैं और पदाधिकारी को असलियत की जानकारी हो पाती है। लेकिन उक्त शैक्षणिक परिवेश के बीच प्रखंड में एक ऐसा मध्यविद्यालय है, जहां साधन और साधना के बीच बेहतर सामंजस्य स्थापित है।

वह है मध्यविद्यालय महथा, जहां का शैक्षणिक वातावरण अन्य विद्यालयों से भिन्न है। वहां के दर्जनों छात्र जिले से राज्य स्तर पर अपना परचम लगातार लहराया है। एचएम प्रेमनाथ गोसाईं को राजकीय पुरस्कार देकर सरकार ने नवाजा है।

स्कूल का रंग रोगन, कम्प्यूटर कक्ष, सर्वत्र वाटर सप्लाई, बेसिन व्यवस्था, बिजली बल्ब, पंखे, सुलझे हुए शिक्षक, अनुशासन, सभाकक्ष, विज्ञान के प्रोजेक्ट को दर्शाता विज्ञानकक्ष, साज संपृक्त प्रार्थना, दीवारों पर सुसज्जित शहीद व पहापुरुषों के दर्जनों तैलचित्र, बेहतर वर्ग प्रबंधन आदि विद्यालय की पहचान है,जो इसे अन्य से भिन्न करते हैं और यही उसकी उत्कृष्टता का कारण है।

उत्कृष्ट विद्यालय की श्रेणी में दर्ज इस स्कूल में पढ़नेवाले बच्चों को स्मार्ट क्लासेज दी जा रही हैं, जिसकी व्यवस्था शिक्षकों के चन्दे से संभव हो सकी है। बच्चों को वर्गानुसार समझ व जरूरत के हिसाब से स्मार्ट क्लासेज दी जा रही हैं। सरकारी विद्यालय से भिन्न चलाई जा रही इन क्लासेज के बारे में पूछे जाने पर राजकीय पुरस्कार प्राप्त एचएम प्रेमनाथ गोसाईं ने बताया कि यह उनकी निजी व्यवस्था है, जिसकी शुरुआत शिक्षकों के सहयोग से संभव हो सका है। स्मार्ट क्लास देख या सुनकर बच्चे स्मार्ट बनने का संस्कार पाते हैंं। स्मार्ट क्लास में स्क्रीन पर दिखने वाले छात्र व शिक्षक ग्रामीण परिवेश से भिन्न होते हैं। इसके माध्यम से छात्रों का परिचय इस भिन्नता से सहज ही संभव हो पाता है।

उन्होंने कहा कि स्तरीय कार्टून, शब्दचित्र, रेखाचित्र, विषय प्रवेश, संक्षेपण, पल्लवन, सबजेक्टिव, ऑब्जेक्टिव, क्यूट कन्टेस्ट आदि विधाओं से गांव के छात्रों का परिचय हो सके, ऐसा प्रयास किया जा रहा है। वैसे छात्र व अभिभावकों ने भी उक्त सभी व्यवस्था का स्वागत किया है, जो अन्य विद्यालयों से हटकर है।