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जातीय जनगणना के सवाल पर तेजस्वी यादव की पदयात्रा से भाजपा इतना बेचैन क्यों है :एजाज अहमद

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न्यूज़ डेस्क 

पटना /
बिहार प्रदेश राष्ट्रीय जनता दल के प्रवक्ता एजाज अहमद ने कहा कि भाजपा के प्रदेश अध्यक्ष संजय जायसवाल ने गरीबों, वंचितों और पिछड़ों के हक और अधिकार दिलाने की बात पर जिस तरह से तंज कस रहे हैं ,उससे स्पष्ट होता है कि भाजपा के खेमे में जाति आधारित जनगणना के लिये तेजस्वी यादव की पदयात्रा पर किस तरह से बेचैन है। जहाँ एक ओर नेता प्रतिपक्ष श्री तेजस्वी प्रसाद यादव ने गरीबों, झोपड़ी में रहने वालों, दिहाड़ी मजदूरों तथा एक ही कमरे  में रहकर परिवार का भरण- पोषण करने वालों के सामाजिक- आर्थिक स्थिति को जानने के लिए जाति आधारित जनगणना के सवाल पर पटना से दिल्ली तक पैदल मार्च करने की घोषणा की है । उसके बाद से भाजपा को यह लगने लगा है कि वह जिस तरह से देश में उन्माद और नफरत का वातावरण तैयार करके राजनीतिक रोटी सेंकना चाह रहे थे, उसे सही समय पर राजद और श्री तेजस्वी प्रसाद यादव ने मुद्दों के आधार पर जातीय जनगणना, बढ़ते पलायन, रोजगार, महंगाई और बिहार को विशेष राज्य का दर्जा सहित अन्य ज्वलंत मुद्दों पर आम जनता का ध्यान आकर्षित करके कहीं ना कहीं भाजपा को बैकफुट पर ला दिया है ।

ये आज उसी बेचैनी का परिणाम है कि भाजपा के प्रदेश अध्यक्ष संजय जयसवाल अनर्गल प्रलाप करके अपना ही भद्द पिटवा रहे हैं।क्योंकि बिहार और देश की गरीब जनता इस बात को अच्छी तरह से जानती है कि जबसे भाजपा केंद्र में सरकार में आई है तभी से ही उसके द्वारा बड़े उद्योगपतियों जैसे अडानी, अंबानी, नीरव मोदी, ललित मोदी, विजय माल्या,मेहुल चौकसी जैसे लोगों के हितों मे ही काम करती आई है और कर भी रही है। इन्होंने ने कहा कि भाजपा के प्रदेश अध्यक्ष को इस बात का जवाब देना चाहिए की जब कोविड कार्यकाल में गरीब देश के सभी कोनों से अपने-अपने प्रदेशों मे पैदल जा रहे थे किन परिस्थितियों का सामना करते हुए , तब उस पीड़ा को भाजपा ने क्यों महसूस नहीं किया। गरीबों की बात करने वालों का उपहास उड़ाने में भाजपा को मजा आता है।
राष्ट्रीय जनता दल हमेशा गरीबों , वंचितों , मजदूरों तथा कमेरे वर्गों की बात करती रही है और उनके हक और अधिकार के लिए संघर्ष और आंदोलन करती रही है। उनके साथ हमेशा खड़ी रही है।इसीलिए नेता प्रतिपक्ष ने उनके उस पीड़ा के साथ स्वयं को जोड़कर तथा उन को अधिकार दिलाने के के लिए जातीय जनगणना कराने के लिए पटना से दिल्ली तक पदयात्रा की बातें की है और जिस तरह से देश स्तर पर लोगों ने इस यात्रा का समर्थन और स्वागत किया है उसके कारण भाजपा खेमे में बेचैनी है ।