कोशी नदी के जल स्तर में वृद्धि तथा कटाव संबंधी सूचना उपरांत वास्तविक वस्तुस्थिति का आकलन करते हुए CO, BDO व RO
सन्तोष कुमार की रिपोर्ट
सुपौल जिला निर्मली एवं मरौना प्रखंड में कोसी क्षेत्र में रहने वाले लोग कोसी नदी जलस्तर बढ़ने हो रहे भयभीत।
बिहार की सबसे खतरनाक नदी कोसी ने अपना कहर फिर से दिखाना शुरू कर दिया है। नेपाल के इलाके में लगातार हो रही बारिश के कारण कोसी का जलस्तर तेजी से बढ़ने लगा है। रविवार को कोसी बराज से दो लाख 10 हजार क्यूसेक पानी छोड़ने के बाद बिहार का शोक कही जाने वाली कोसी नदी मचलने लगी है। इसके अगोश में आने वाले गांव के लोगों में तबाही की आशंका से त्राहिमाम मचा हुआ है। कहर बरपाने को बेताब मचलती लहरों को देख तटबंध के अंदर की ¨जदगानी सहम सी गई है। कोसी नदी ने कई गांवों को अपना शिकार बनता हैं।। कोसी के जलस्तर में वृद्धि के बाद जिले के मरौना प्रखंड के दर्जनों गावों में बाढ़ का पानी फैल जाता हैं। कोसी की उफनती धाराओं को देख कई गांव के लोगों ने पलायन करना शुरू कर दिया है। स्थिति की जानकारी लेने प्रशासनिक अधिकारियों की टीम ने प्रभावित इलाकों का निरीक्षण भी किया है।
निरीक्षण करने गए टीम में।अंचल अधिकारी निरंजन सुमन
प्रखंड विकास पदाधिकारी अभिमन्यु कुमार आरओ किसलय कुमार पहुंचे।
अंचलाधिकारी निरंजन सुमन ने बताया कि कोसी नदी में इस तरह की स्थिति नहीं है अभी सामान्य से कुछ ज्यादा है।
Lलेकिन आसमान्य होने पर बचाव कार्य के लिए तत्पर हैं ।शुरू हुआ लोगों का पलायन हर साल बाढ़ झेलने वाले बाढ़ प्रभावित क्षेत्र के लोगों को पता है कि अब तो खुद के सहारे ही जीना है। मरौना प्रखंड के सिसौनी पंचायत के सिसौनी छीट, पिपरपती, जोबहा, घोघरारिया पंचायत के खुखनाहा, अमीन टोला, माना टोला, लक्ष्मीनिया, बेलहा, बड़हरा पंचायत के कुछ गांव सहित अन्य गांवों में घर-घर बाढ़ का पानी घुस गया जाता हैं। इन गांवों में बाढ़ का पानी घुस जाने से यहां के लोगों का जीना काफी मुश्किल हो जाता हैं सैकड़ों एकड़ में लहलहाती फसलें बर्बाद हो जाता है।