बिहार

चुनाव परिणाम से स्पष्ट हो गया कि जमीनी सतह पर ए टू जेड ने तेजस्वी के नेतृत्व पर विश्वास किया है : कार्तिक कुमार

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News डेस्क

पटना / बिहार विधान परिषद के सदस्य कार्तिक कुमार ने बोचहां विधानसभा उपचुनाव की जीत पर प्रसन्नता व्यक्त करते हुए कहा कि नेता प्रतिपक्ष श्री तेजस्वी प्रसाद यादव ने जिस तरह से बिहार विधान परिषद के चुनाव में सभी वर्गों और समूह का ख्याल रखते हुए ए टू जेड की बातें की और उसी के अनुरूप टिकट का वितरण भी किया जिस का प्रतिफल रहा कि बिहार के पंचायत जनप्रतिनिधियों ने राष्ट्रीय जनता दल के पक्ष में वोटिंग करके भाजपा और जदयू को स्पष्ट संदेश दिया कि उनके द्वारा जो ठगी और हकमारी की जाती रही उसको अब और बर्दाश्त नहीं किया जा सकता। राष्ट्रीय जनता दल ने 6 सीटों पर विधान परिषद के चुनाव में जीत हासिल कर स्पष्ट कर दिया कि वह सबको लेकर चलने पर विश्वास करते हैं , जो चुनाव परिणाम से साफ दिखा कि राष्ट्रीय जनता दल और तेजस्वी जी के नेतृत्व पर बिहार की जनता का पूरा विश्वास है ,और उन्होंने जो एटूजेड की बातें की है वह सरजमीन पर वोटर्स ने भी स्वीकार किया है।
इन्होंने आगे कहा कि बोचहां के चुनाव में भाजपा -जदयू को सबक सिखा कर भूमिहार समाज ने बता दिया कि वह तेजस्वी जी के नेतृत्व पर विश्वास करते हैं और भाजपा जदयू के ठगी और हकमारी की राजनीति को अब और बर्दाश्त नहीं कर सकते हैं। जिस तरह से तेजस्वी प्रसाद यादव ने विधान परिषद चुनाव में 5 भूमिहार को टिकट दिया उससे समाज के लोगों का विश्वास राजद और तेजस्वी जी के नेतृत्व पर बढा है। बोचहां के चुनाव में भूमिहार समाज के लोगों ने राजद के पक्ष में वोट देकर यह साबित कर दिया कि भाजपा और जदयू के द्वारा राजद के संबंध मे बनाये गये गलत सोच और दृष्टिकोण को हर तरह से समझ गए हैं, और अब नीतीश और भाजपा के झांसे में नहीं आने वाले हैं।उपचुनाव में राजद की जीत ने यह स्पष्ट कर दिया कि बिहार की जनता तेजस्वी प्रसाद यादव के नेतृत्व में परिवर्तन चाहती है क्योंकि वह सुनवाई और कार्रवाई वाली सरकार के साथ-साथ नौजवानों के नौकरी, बढते भ्रष्टाचार , महंगाई , अपराध तथा महिलाओं के ऊपर हो रहे अत्याचार की घटनाओं को मजबूती के साथ सदन और सडक पर संघर्ष करके सरकार को बेनकाब बेहतर तरीके से करते रहे हैं, इससे अब ऐसा लगता है कि बिहार में सरकार नाम की कोई चीज नहीं है ।
साथ ही साथ भाजपा और जदयू सरकार के द्वारा बदले की भावना से जिस तरह से भूमिहार समाज के नेतृत्वकर्ता के खिलाफ उन्हे बदनाम और प्रताड़ित करने की नीति चलाई जा रही है यह इस बात का प्रमाण है कि भाजपा और जदयू सिर्फ वोट लेना जानती है इस समाज के साथ न्याय करना नहीं।