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विश्व महिला दिवस के अवसर पर जल, स्वास्थ्य एवं महिला सशक्तिकरण संगोष्ठी

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रिपोर्ट-सुरेश कुमार गुप्ता

 

मधुबनी /विश्व महिला दिवस के अवसर पर घोघरडीहा प्रखंड स्वराज विकास संघ, जगतपुर, मधुबनी द्वारा “एक्सेस टू सेफ ड्रिंकिंग वाटर” परियोजना के अंतर्गत टीoपीoसी भवन, जयनगर में “जल, स्वास्थ्य एवं महिला सशक्तिकरण संगोष्ठी” का आयोजन किया गया I दुनिया भर में हर साल 8 मार्च को महिला दिवस मनाया जाता है। महिला दिवस के नाम से ही जाहिर है कि ये दिन महिलाओं को समर्पित है। महिला दिवस के बहाने हम देश-दुनिया की ऐसी महिलाओं को याद करते हैं जिन्होंने वैश्विक पटल पर अपनी अमिट छाप छोड़ी है। इस खास दिन को मनाने का मकसद उन महिलाओं की उपलब्धियों, उनके जज्बे, उनकी ऐतिहासिक यात्राओं और उनके जीवन को याद करना हैं।
घोघरडीहा प्रखण्ड स्वराज्य विकास संघ विगत 43 वर्षो से बिहार के कई जिलो में विभिन्न सामाजिक मुद्दों पर कार्य कर रही है जैसे आपदा प्रबंधन, वाश, आजीविका, स्वास्थ्य, शिक्षा, आपदा रहत, COVID – 19 जागरूकता, महिला शास्क्तिकरण एवं अन्य समसामयिक मुद्दों पर संस्था द्वारा सामाजिक और आर्थिक उत्थान के लिए कार्य किया जा रहा है| इसके अतिरिक्त जयनगर, बाबूबरही, खजौली एवं अंधराठाढ़ी प्रखंड के कुल 50 गांवों में “वाडी तकनीक के उपयोग से सुरक्षित पेयजल कि उपलब्धता कार्यक्रम” चलाया जा रहा है| इस कार्यक्रम के अन्तर्गत 2500 परिवार प्रत्यक्ष रूप से लाभान्वित एवं अप्रत्यक्ष रूप से 5000 परिवार लाभान्वित होगे| इस परियोजना को सुचारू रूप से चलाने के लिए समुदाय आपदा प्रबंधन समिति (CDMC) का भी गठन किया गया है| इस कार्यक्रम का मुख्य उद्देश्य समुदाय की क्षमता वृद्धि के साथ साथ, जल संरक्षण एवं जल की गुणवत्ता के विभिन्न उपायों को सशक्त करने एवं बहु-हितभागी संवाद के माधयम से जन-जागरुकता बढ़ाने एवं समुदाय को सुरक्षित पेयजल की उपलब्धता को भी सुनिश्चित करना हैं, साथ ही जल जनित बिमारियो से कैसे बचा जाइए उसके लिए जागरूकता बढ़ाना है!
मुख्य अतिथि के रूप में जयनगर उप-प्रमुख श्री विनोद कुमार यादव ने कहा कि वैसे तो आज समाज काफी आगे निकल गया है, लेकिन महिलाओं के हक की लड़ाई आज भी जारी है। हालांकि कई महिलाएं ऐसी हैं जो आज भी अपने हक के लिए के लिए लड़ रही है, आज भी कई जगहों पर सम्मान और अधिकार नहीं मिल रहे है। ऐसे में ये दिन महिलाओं के अधिकार, सम्मान दिलाने के लिए समाज को जागरूक करने के लिए इस दिवस को मनाया जाता है।
श्री तपेश्वर सिंह (संस्थापक, जीoपीoएसoभीएस) ने महिला दिवस का शुभकामनाएं देते हुए कहा कैसे हुई इस दिन की शुरुआत? इस दिन की शूरुआत एक आंदोलन से हुई थी। दरअसल, साल 1908 में 15000 महिलाएं ने कम का घंटे, बेहतर सैलरी और वोट देने के अधिकार की मांग करते हुए न्यूयॉर्क में मार्च निकाला था। जिसके एक साल बाद अमेरिका की सोशलिस्ट पार्टी ने पहले राष्ट्रीय महिला दिवस की घोषणा की। ये थी क्लारा जेटकिन जो एक कमयूनिस्ट और महिलाओं के अधिकार के लिए वकील भी। क्लारा ने ही अंतर्राष्ट्रीय दिवस के निर्माण का सुझाव दिया था। अंतर्राष्ट्रीय महिला दिवस पहली बार 1911 में ऑस्ट्रिया, डेनमार्क, जर्मनी और स्विटजरलैंड में मनाया गया था। वहीं साल 1975 में चीजों को आधिकारिक बना दिया गया जब संयुक्त राष्ट्र ने इस दिन को मनाना शुरू किया। आगे उन्होने ने कहा की 1917 अगर महिलाएं आजादी में भाग नही लेती तो हमे आज़ादी मिलना मुश्किल था और आज हमें आपने अधिकार के लिए खुद ही आगे आना पड़ेगाI
अनीता देवी (जल सहेली ) उन्होंने अपनी बात को रखते हुए बोली की आज़ादी के इतने साल भी हम महिलाएं इस समाज में समानता का अधिकार मांगना पड़ रहा है, चाहे वो आसमानता बेटा और बेटी के खाने, खलने या शादी में होI इसलिए हमे समानता का अधिकार लेना है तो खुद के घर से ही करना होगाI
कार्क्रम में सभी प्रतिभागी ने आपने आपने बात को गीत के रूप में तथा आपने समाज में चल रहे घटना को वर्णन किया I कार्यकर्म में महिला के अधिकार पर विशेष रूप से ध्यान केंद्रित किया गयाI
कार्यक्रम में 140 प्रतिभागियों ने भाग लिया| इस कार्यक्रम की अध्यक्षता अम्बिका कुमारी ने किया I संस्था के ओर से प्रियंका कुमारी, डीफ पंकज कुमार, प्रकाश कुमार, मानस कुमार, उमेश कुमार , अकाउंट ऑफिसर वरिन्द्र शर्मा, एवं प्रोजेक्ट मैनेजर मोहम्मद अत्ताउल्लाह के नेतृत्व में इस कार्यक्रम का आयोजन किया गयाI