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किसानों के साथ विश्वासघात व वादाखिलाफी तथा किसान आंदोलन पर दमन करने वाली भाजपा नीत मोदी सरकार के खिलाफ

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पटना /अखिल भारतीय किसान महासभा का बिहार राज्य कार्यकारणी की बैठक 14 मार्च 2024 के देर रात्रि तक विधायक अरुण सिंह के आवासीय सभागार,आर ब्लॉक,पटना में संपन्न हुई। बैठक की अध्यक्षता किसान महासभा के अध्यक्ष कॉमरेड मंजू प्रकाश के नेतृत्व में 11 सदस्यीय अध्यक्ष मंडल ने किया ।
बैठक में किसान महासभा ने अपने गत तीन महीनों में किए गए कार्यक्रमों व संयूक किसान मोर्चा द्वारा देस व्यापी कार्यक्रमों की समीक्षा किया। कार्यकारणी में आए रिपोर्ट के अनुसार किसान महासभा बिहार के तीस जिलों में अपनी पकड़ को मजबूत करते हुए संयुक्त किसान मोर्चा द्वारा आहूत कार्यक्रमों को मजबूती से लागू करते हुए जिलों के किसान समस्याओं पर लगातार विरोध कार्यक्रमों के माध्यम से आवाज बुलन्द करता रहा ।
इस बीच संयुक्त किसान मोर्चा द्वारा आह्वाहित ” संविधान बचाओ लोकतंत्र बचाओ नारे के साथ सभी जिला मुख्यालय पर 26जनवरी 2024 को गणतंत्र दिवस पर ट्रैक्टर मार्च के कार्यक्रम या फिर 16 फरवरी 2024 को ग्रामीण भारत बंद कार्यक्रम को मजबूती से लागू किया ।इन सफल कार्यक्रमों पर कार्यकारणी ने संतोष ब्यक्त किया और संगठन को विस्तार करते हुए बिहार के 38 जिलों में किसानों को संगठित करने व आंदोलन चलाने का कार्यभार तय किया।
बैठक में अतिथि के बतौर उपस्थित भाकपा माले के राज्य सचिव कॉमरेड कुणाल ने बैठक को संबोधित करते हुए कहा कि देश में जो आज सत्ता कायम है वह देश के तमाम संवैधानिक संस्थाओं को अपनी मुठ्ठी में कर लिया है और संविधान को बदल देना चाहता है इसके लिए सत्ता ने सम्पूर्ण रूप से दमनकारी रूप अख्तियार कर लिया है देश के तमाम बुद्धिजीवियों को पहले जेलों में बंद किया और अपने खिलाफ उठने वाले हर आवाज को गोली लाठी के बल पर कुचल देने कि कोशिश जारी है । इस तरह देश में फासीवाद का दौर चल रहा है और अब लोकतंत्र खतरे में है हमें इसे बचाने के लिए कमर कसनी होगी।
यह सरकार किसानो के आंदोलन के साथ जो किया जग जाहिर है लगातार किसानो के आंदोलन को कुचला जा रहा है उनकी जायज मांगे नही मानी जा रही है एम एस पी का प्रश्न हो या कर्ज मुक्ति का कुछ भी नही मिल रहा है एक ओर सरकार कार्पोरेटों के लाखों करोड़ रुपए कर्ज प्रति वर्ष माफ कर दिया जा रहा है तो किसानो का कर्ज क्यों नहीं माफ होगा, यही किसान देश को खाना खिलाते हैं। और करोना काल में भी तीन प्रतिशत का ग्रोथ देश को दिया था।
उन्होंने कहा कि अब वक्त आ गया है हमे इस फासीवादी निजाम को सबक सिखाने का और किसान आपने साथ हुए अन्याय का बदला 2024 के चुनाव में लेंगे ।
किसान महासभा की इस कार्यकारणी बैठक ने निर्णय लिया कि संसदीय चुनाव 2024 में ” कारपोरेट के पक्ष में किसानों के खेत – खेती – जल – जंगल और तमाम सार्वजनिक संसाधनों पर कब्जा कर लेने के लिए नीतियां बनाने वाली और किसान आंदोलन के साथ विश्वासघात व बादाखिलाफी करने वाली फासीवादी निजाम मोदी सरकार को उखाड़ फेंके” नारे के साथ किसानों के नाम एक अपील जारी करेगा। किसान महासभा के बिहार में मौजूद दो लाख से अधिक सदस्य है इस अपील पर्चा को लेकर गांव गांव किसानो के बीच जायेंगे और इस फासीवादी निजाम को उखाड़ फेंकने और महागठबंधन को जीतने की अपील करेंगे।
बैठक को बिहार राज्य किसान महासभा के सचिव उमेश सिंह, राज्य सह सचिव क्रमशः अरुण सिंह (विधायक),सुदामा प्रसाद (विधायक),महानंद सिंह (विधायक), राम बली सिंह यादव (विधायक),बालेश्वर यादव,जितेंद्र यादव,कृपा नारायण सिंह, राजेंद्र पटेल, अविनास पासवान, अभिषेक कुमार,उपाध्यक्ष क्रमशः अमर नाथ यादव(पूर्व विधायक), चंद्रदीप सिंह (पूर्व विधायक), रामाधार सिंह, अलख नारायण चौधरी, शंभू नाथ मेहता, रविंदर सिंह कुशवाहा, नरेंद्र सिंह ने संबोधित किया ।