बिहार

भाजपा ने इन हस्तियों को अपना लिये कांग्रेस मुक्त भारत बनाने की ओर अग्रसर

बिहार हलचल न्यूज ,जन जन की आवाज
Listen to this article

न्यूज़ डेस्क

राज कुमार यादव की रिपोर्ट

वर्ष 2014 के बाद अधिकतम राज्यों के चुनाव में हार का सामना करने वाली कांग्रेस ने उदयपुर नव संकल्प नामक चिंतन शिविर में कई सुधारों का ऐलान किया है उसमें पार्टी ने 2 अक्टूबर महात्मा गांधी के जयंती के अवसर पर कश्मीर से कन्याकुमारी तक जनता के साथ टूटे संपर्क को फिर से जोड़ने और भाजपा की राजनीति के धारा कुंदे करने के लिए भारत जोड़ो यात्रा निकालने का निर्णय लिया है कांग्रेस चिंतन शिविर में यह स्वीकार किया है कि उनका जनता के साथ संपर्क टूट चुका है इस संपर्क के माध्यम से आम जनता के साथ संपर्क स्थापित की जाएगी जनता के साथ टुटे सम्पर्क को फिर से जोड़ने और भाजपा की राजनीति धारा कुंद करने के लिए भारत जोडो यात्रा निकालने का निर्णय लिया है काग्रेस ने चिंतन शिविर में यह स्वीकार किया है कि उनका जनता के साथ सम्पर्क टूट चुका है सम्पर्क को स्थापित करने के लिए आम जनता के साथ गेट टुगेदर खुलकर संवाद करनी होगी दूसरी तरफ कांग्रेस ने क्षेत्रीय दलों के हाथों गवाई अपनी राजनीतिक जमीन वापस लाने का संकल्प लिया है तीसरी बात देश के प्रथम प्रधानमंत्री स्वर्गीय जवाहरलाल नेहरू के सहयोगी डॉक्टर भीमराव अंबेडकर वल्लभ भाई पटेल सुभाष चंद्र बोस भगत सिंह डॉ राजेंद्र प्रसाद जैसे नामचीन हस्तियों को समानांतर ना समझ सहयोगी बताया है इस चिंतन शिविर में कांग्रेस ने अपनी खोई हुई राजनीतिक गौरव को वापस कैसे लाएंगे इस पर राजनीतिक समीक्षक रंजय कुमार का कहना है कि कांग्रेस का ना तो कभी जनता के साथ संपर्क टूटा है अगर संपर्क टूट जाता तो वे केंद्र एवं अन्य प्रांतों में विपक्ष के पद पर कैसे बैठती कांग्रेसी नेताओं का कार्य शैली बदल गई है कांग्रेसी नेता होटल से बाहर अभी नहीं निकल पाई है पांच सितारा होटलों में प्रेस कॉन्फ्रेंस के माध्यम से चुनावी नैया पार करना चाहती है जनता में खुलकर संवाद करने से भागती है जिसका फायदा भाजपा ने उठा लिया कांग्रेस नेता जिनको सहयोगी बता रहे हैं भाजपा ने उनको अपना गौरव शाली एतिहासिक पुरुष मानकर उनकी जयंती मना रहे हैं उसे अपना चुनावी हथियार बनाकर कांग्रेस मुक्त भारत बनाने की ओर बढ़ गयी कांग्रेस ने अपने चिंतन शिविर में बाबा भीमराव अंबेडकर लौह पुरुष सरदार वल्लभभाई पटेल सुभाष चंद्र बोस जैसे नामचीन हस्तियों को सहयोगी बता कर भूल कर दी है भाजपा ने इन हस्तियों को अपना लिये कांग्रेस मुक्त भारत बनाने की ओर अग्रसर हो गई दूसरी तरफ क्षेत्रीय दलों के हाथों गवाही अपनी राजनीतिक जमीन वापस करना आसान काम नहीं होगा क्योंकि तमिलनाडु झारखंड और महाराष्ट्र में क्षेत्रीय दलों के सहारे सत्ता पर कायम हैं उनके साथ मुकाबला करना आसान नहीं होगा जबकि 2003 के शिमला चिंतन शिविर में कांग्रेस ने राजनीतिक गठबंधन वक्त की जरूरत बताया था और कई राज्यों में क्षेत्रीय दलों के साथ गठबंधन कर सत्ता हासिल की थी लेकिन उसमें अपने दम पर खड़ा होना मुनासिब नहीं समझा और क्षेत्रीय दल हमेशा सामाजिक न्याय के नाम पर राजनीति करती रही है चिंतन शिविर में दिये गये क्षेत्रीय पार्टी से अकेला चलने की बातें पुष्ट हुईं हैं अन्य प्रान्तों के क्षेत्रीय दलों में काफी रोश व्याप्त है जिसका असर बिहार विधान परिषद के चुनाव में पडेगा कांग्रेस ने पहले उत्तर प्रदेश विधानसभा चुनाव में पचास प्रतिशत महिलाओं एवं युवाओं को टिकट देकर प्रयोग कर चुकी है इधर कांग्रेस के वरिष्ठ नोता सह पूर्व युवा कांग्रेस के अध्यक्ष ललन कुमार ने चिंतन शिविर के माध्यम से जो मंथन हुआ है वह सराहनीय है इससे कांग्रेस मजबूत ही नहीं एक नये कलेवर में में उभर कर निकलेगी और पूरे भारत में जनसम्पर्क यात्रा के माध्यम से आम जनता में संवाद कायम कर भाजपा के राजनीतिक धारा कुंद करने सफलता प्राप्त करेगी इसके लिए सोनिया गांधी, राहुल गांधी एवं प्रियंका गांधी के नेतृत्व में एक बार फिर कांग्रेस मजबूत बन कर उतरेगी और पूरे भारत में सत्ता पर काबिज होगे