Uncategorized

शासकीय कर्मचारियों की पेंशन बंद करने का निर्णय तो लिया गया पर नेतागण अपनी पेंशन नियमित लेते

बिहार हलचल न्यूज ,जन जन की आवाज
Listen to this article

सेंट्रल डेस्क

राजस्थान सरकार ने 2004 के बाद नियुक्त शासकीय कर्मचारियों की पेंशन बहाल कर एक अप्रत्याशित ऐतिहासिक फैसला लिया समय समय पर विभिन्न संगठनों द्वारा पेंशन पुन: बहाल करने की मांग उठती रही है ।

अब अन्य राज्यों में भी पेंशन को लेकर कर्मचारी और संगठन लामबंद होने को हैं ।उल्लेखनीय है कि 2004 में तत्कालीन प्रधानमंत्री अटल बिहारी वाजपेयी ने शासकीय कर्मचारियों की पेंशन बंद करने का फैसला किया था। ऐसे में अब केंद्र और राज्य सरकारों के ऊपर भी दबाव बन रहा है।

लिहाजा चुनाव के रिजल्ट आने से पहले अन्य राज्यों के कर्मचारियों को भी राजस्थान की तर्ज पर खुशखबरी सुनने कि उत्सुकता है। 2004 में शासकीय कर्मचारियों की पेंशन बंद करने का निर्णय तो लिया गया । नेतागण अपना पेंशन नियमित लेते रहे उनकी भी पेंशन बंद होनी चाहिए थी ।खास बात यह है कि पेंशन हर सदस्य को मिलती है चाहे उन्होंने अपना कार्यकाल पूरा किया हो या नहीं गौरतलब है । तृतीय और चतुर्थ श्रेणी के शासकीय कर्मचारी भी मध्यवर्गीय जीवन यापन करते हैं ।

अपने पूरे जीवनकाल में बच्चों कि शिक्षा विवाह और घर बनाने में पैसे खर्च हो जाते हैं ईमानदार कर्मचारी जीवनपर्यंत ऋण और किस्तों पर जीते हैं वृद्धावस्था में पेंशन एक सहारा रहता है ताकि बची जिंदगी ठीक से गुजर बसर की जा सके वर्तमान में महंगाई को देखते हुए सरकारो को चाहिए ।  शासकीय कर्मचारियों की पेंशन बहाल करे ताकि वृद्धावस्था में व भी आत्मनिर्भर बन खुशहाल और बेहतर जीवन जी सकें।