बिहार

असंगठित क्षेत्र के कामगारों एवं शिल्पकारों की दुर्घटना मृत्यु में उनके परिवार को अब मिलेंगे दो लाख रुपए

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पटना /राज्य के असंगठित क्षेत्र के कामगारो एवं शिल्पकारो के परिवार को सामाजिक सुरक्षा प्रदान किये जाने हेतु श्रम संसाधन विभाग, बिहार सरकार द्वारा संचालित बिहार शताब्दी असंगठित कार्यक्षेत्र कामगार एवं शिल्पकार सामाजिक सुरक्षा योजना, 2011 में आशिक संशोधन करते हुए बिहार शताब्दी असंगठित कार्यक्षेत्र कामगार एवं शिल्पकार सामाजिक सुरक्षा (संशोधन) योजना, 2024 लागु किया गया है।

यह संशोधन 23.01.2024 से प्रभावी हुआ है। उक्त योजना के प्रभावी हो जाने के उपरांत पूर्व से दी जाने वाली अनुदान राशि में बढ़ोतरी की गयी है, जिसकी विवरणी निम्न प्रकार है:-

1. कामगार या शिल्पकार की स्वाभाविक मृत्यु होने की दशा में पूर्व में राशि 30.000/- (तीस हजार रू०) का अनुदान उनके आश्रितो को दिया जाता था, जो अब बढ़कर राशि 50,000/- (पचास हजार रू०) कर दिया गया है।

2. कामगार या शिल्पकार की दुर्घटना मृत्यु होने की दशा में पूर्व में राशि 1,00,000/- (एक लाख रू०) का अनुदान उनके आश्रितो को दिया जाता था, जो अब बढ़कर राशि 2,00,000/- (दो लाख रू०) कर दिया गया है।

3. कामगार या शिल्पकार को स्थायी आशिक निःशक्कता की दशा में पूर्व में राशि 37,500/- (सैतिस हजार पाँच सौ रू०) का अनुदान दिया जाता था, जो अब बढ़कर राशि 50,000/- (पचास हजार रू०) कर दिया गया है।

4. कामगार या शिल्पकार को पूर्ण स्थायी निःशक्कता की दशा में पूर्व में राशि 75,000/- (पचहत्तर हजार रू०) का अनुदान दिया जाता था, जो अब बढ़कर राशि 1,00,000/- (एक लाख रू०) कर दिया गया है।

5. छात्रवृति के रूप मे कामगार या शिल्पकार के अधिकतम दो बच्चों/बच्चियों (जिन्हे अन्य किसी सरकारी विभाग से छात्रवृति नहीं मिल रहीं) जो राज्य के अंदर कक्षा 11वी एवं 12वी में अध्ययनरत हो, को प्रति वर्ष रू0 2,500/- की दर से एक मुश्त वार्षिक छात्रवृति, राज्य के सरकारी औद्योगिक प्रशिक्षण संस्थान में अध्ययनरत छात्र/छात्रा को प्रति वर्ष 5,000/- की दर से एक मुश्त वार्षिक छात्रवृति तथा राज्य के सरकारी पॉलिटेक्निक मे अध्ययनरत छात्र/छात्रा को प्रति वर्ष 10,000/- की दर से एक मुश्त वार्षिक छात्रवृति राशि दी जाएगी।

6. कामगार एवं शिल्पकार की दुर्घटना के फलस्वरूप चोट के लिए कम से कम पाँच दिनों तक अस्पताल में भर्ती होने पर उसे रू0-10,000/- की चिकित्सीय सहायता उसके इलाज और उससे संबंधित खर्च हेतु दिया जाएगा, जो राशि पूर्व में 5,000/- रु० थी ।

7. असाध्य रोग से ग्रसित कामगार एवं शिल्पकार को चिकित्सा तथा संबंधित खर्च हेतु अनुसूची मे विहित दर बढ़ाकर रू0 15,000/- से 60,000/- तक कर दिया गया है।

साथ ही साथ नयी अधिसूचना के लागू होने के उपरांत प्रखंड स्तर पर अब इस योजना के त्वरित क्रियान्वयन हेतु जॉच पदाधिकारी संबंधित प्रखंड के श्रम प्रवर्तन पदाधिकारी को बनाया गया है जबकि जिला स्तर पर अनुदान की स्वीकृति श्रम अधीक्षक द्वारा की जायेगी ।

इस योजना का लाभ प्राप्त करने के लिए असंगठित कामगार या शिल्पकार की मृत्यु के अधिकतम दो वर्षों के अंदर श्रम अधीक्षक कार्यालय या श्रम प्रवर्तन पदाधिकारी के कार्यालय में आवेदन जमा कराना होगा । दो वर्ष की अवधि से पुराने आवेदन मान्य नहीं होंगे ।

आवेदन के साथ संलग्न होनेवालों दस्तावेजों में मुख्यतः मृतक/कामगार की उम्र से संबंधित दस्तावेज, मृतक के कार्य की प्रकृति से संबंधित उस क्षेत्र के जनप्रतिनिधि द्वारा निर्गत प्रमाण पत्र, मृत्यु प्रमाण पत्र, अंचलाधिकारी द्वारा निर्गत पारिवारिक सूची एवं आवासीय प्रमाण पत्र, आश्रित का आधार कार्ड एवं बैंक खाता, शपथ पत्र, पुलिस थाना में दर्ज प्राथमिकी/यूडी केस/सनहा एवं पोस्टमार्टम रिपोर्ट (दुर्घटना मृत्यु के मामले में) आदि हैं ।

असगठित क्षेत्र के कामगारो / शिल्पकारो के मृत्यु एवं दुर्घटना की दशा में विहित प्रपत्र मे अनुलग्नक सहित अपने क्षेत्र के श्रम प्रवर्तन पदाधिकारी के कार्यालय तथा जिला स्तर पर श्रम अधीक्षक के कार्यालय में जमा किया जायगा।

विशेष जानकारी के लिए जिला परिषद, मधुबनी परिसर स्थित श्रम अधीक्षक कार्यालय या प्रखंड कार्यालय परिसर में स्थित श्रम प्रवर्तन पदाधिकारी के कार्यालय में संपर्क किया जा सकता है ।

आवेदन हेतु विहित प्रपत्र श्रम संसाधन विभाग बिहार सरकार के वेबसाइट तथा श्रम संसाधन विभाग में जिला एवं प्रखंड कार्यालय से प्राप्त किए जा सकते हैं।