बिहार

राज्यपाल द्वारा आरक्षण बिल को स्वीकृति दिए जाने का स्वागत : राजद

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पटना / राजद प्रवक्ता चित्तरंजन गगन ने आरक्षण बिल को महामहिम राज्यपाल द्वारा स्वीकृति दिए जाने का स्वागत करते हुए कहा है कि इससे विकास की धारा में पिछड़े समुदाय को विकास के मुख्य धारा से जुड़ने की दिशा में मिल का पत्थर साबित होगा।
राजद प्रवक्ता ने इस ऐतिहासिक पहल के लिए बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार जी एवं उपमुख्यमंत्री तेजस्वी प्रसाद यादव जी को बधाई देते हुए कहा कि तेजस्वी जी ने बिहार की जनता से आवादी के अनुपात में आरक्षण देने का जो वादा किया था वह आज साकार हो गया। इसी प्रकार दस लाख नौकरी देने सहित उनके द्वारा किए गए अन्य वादों को पुरा करने की दिशा में भी बिहार की गठबंधन सरकार द्वारा मुख्यमंत्री नीतीश जी के नेतृत्व में सार्थक पहल की जा रही है।
राजद प्रवक्ता ने कहा कि राज्यपाल द्वारा बिल को स्वीकृति दिए जाने के बाद भाजपा की बेचैनी काफी बढ़ गई है और वह एनडीए के अन्य घटक दलों के माध्यम से अनर्गल और अव्यवहारिक बयान दिलवाकर अपना खीझ उतार रही है। यदि भाजपा एवं एनडीए के घटक दलों में थोड़ी भी नैतिकता है तो वह राष्ट्रीय स्तर पर एवं भाजपा शासित राज्यों में अविलम्ब जाती आधारित गणना कराकर आवादी के अनुपात में आरक्षण लागू करे।
उन्होंने कहा कि आरक्षण की यह व्यवस्था तत्काल प्रभाव से लागू हो गया है। और अब जो भी बहाली होगी उसमें आरक्षण की यही व्यवस्था लागू होगी। इस आरक्षण का लाभ सभी वर्गों को मिलने जा रहा है इसीलिए इसको लेकर सर्वसमाज में काफी खुशी है।इस नई आरक्षण नीति के तहत अनुसूचित जाति (एससी) के लिए मौजूदा 16% की बजाय 20% आरक्षण, एसटी के लिए 1% की बजाय 2%, पिछड़े वर्गों (ओबीसी) के लिए 12% की बजाय 18% और अत्यंत पिछड़ा वर्ग (EBC) के लिए 18 फीसदी की बजाय 25% आरक्षण की व्यवस्था की गई है। पिछड़ी जाति की महिलाओं को दिया जाने वाला 3 फीसदी आरक्षण को उसी वर्ग के आरक्षण में समाहित कर दिया गया है। आर्थिक रूप से कमजोर वर्ग को पहले की तरह 10 फीसदी आरक्षण मिलता रहेगा।
जातीय सर्वे की रिपोर्ट के बाद बिहार विधानमंडल में आरक्षण का दायरा बढ़ाने को लेकर बिल पारित हुआ था अब उसी आरक्षण संशोधन बिल को राज्यपाल ने मंजूरी दे दी है। आरक्षण का दायरा 50 से 65 प्रतिशत करने का प्रस्ताव था इसमें ईडब्ल्यूएस के 10 फीसदी जोड़ा गया और इसे 75 प्रतिशत किया गया। भाजपा एवं एनडीए नेताओ और उनके संपोषित एजेंसियों द्वारा जो भी भ्रम फैलाया जा रहा है उसका कोई आधार नहीं है।