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G 20 समीट के लिए कड़ी सुरक्षा में तैनात सिक्योरिटी

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प्रदीप कुमार नायक

 

G20 समिट की सिक्योरिटी में 1.30 लाख जवान:मिसाइल-फाइटर जेट तैनात, हमला होने पर सेफ हाउस में शिफ्ट होंगे विदेशी लीडर्स । दिल्ली पुलिस के 50 हजार जवान, NSG, CRPF, CAPF और आर्मी के करीब 80 हजार जवान, बुलेट प्रूफ गाड़ियां, एंटी ड्रोन सिस्टम, एयर डिफेंस सिस्टम, फाइटर जेट राफेल, एयरफोर्स और सेना के हेलिकॉप्टर, हवा में 80 किमी तक मार करने वाली मिसाइल, चेहरा पहचानने वाले कैमरे, दिल्ली के आसपास के 4 एयरपोर्ट अलर्ट मोड पर… ये सब G20 समिट की सुरक्षा के लिए हैं। पुलिस के मुताबिक पहली बार दिल्ली में इतनी सिक्योरिटी की गई है।
9 और 10 सितंबर को होने वाली इस समिट में G20 के मेंबर 18 देशों के राष्ट्रपति-प्रधानमंत्री, यूरोपियन यूनियन के डेलीगेट्स और 9 गेस्ट कंट्री के राष्ट्राध्यक्ष दिल्ली में रहेंगे। ये पहला मौका है, जब इतने वर्ल्ड लीडर एक साथ भारत आ रहे हैं। यही वजह है कि पूरी दिल्ली को हाई अलर्ट पर रखा गया है।
एयरपोर्ट: दिल्ली और पालम एयरपोर्ट के चारों तरफ सेंट्रल फोर्स के कमांडो G20 समिट में आ रहे वर्ल्ड लीडर्स की सिक्योरिटी की सबसे पहली कड़ी एयरपोर्ट है। राष्ट्रपति और प्रधानमंत्री के विमान पालम एयरबेस पर लैंड करेंगे। एयरपोर्ट के आसपास की सुरक्षा में सेंट्रल फोर्स और दिल्ली पुलिस के जवान तैनात हैं। दूसरे डेलीगेट्स दिल्ली एयरपोर्ट के टर्मिनल 3 पर लैंड करेंगे। डेलीगेट्स के लिए दिल्ली एयरपोर्ट पर डेडिकेटेड कॉरिडोर बनाया जाएगा।
एयरपोर्ट की इंटरनल सिक्योरिटी CISF के पास है। यहां अतिरिक्त CCTV कैमरे लगाए गए हैं। स्पेशल कमांड सेंटर के जरिए पूरे एयरपोर्ट की मॉनिटरिंग हो रही है।
दिल्ली के आसपास बने एयरपोर्ट हिंडन एयरबेस, अंबाला, सिरसा, भटिंडा डिफेंस एयरबेस को अलर्ट मोड पर रखा गया है। समिट के दौरान एयरफोर्स भी अलर्ट पर रहेगी। एयरफोर्स ने फाइटर जेट राफेल, एंटी ड्रोन सिस्टम के अलावा 70 से 80 किलोमीटर दूर तक टारगेट हिट करने वालीं मिसाइलें तैनात की हैं।
किसी अनजान एयरक्राफ्ट या मिसाइल का पता लगाने के लिए एयरबोर्न अर्ली वॉर्निंग एंड कंट्रोल सिस्टम तैनात किए जा रहे हैं। एयरफोर्स का पहला स्वदेशी जासूसी विमान ‘नेत्र’ दिल्ली रीजन के एयर स्पेस की निगरानी करेगा।
भारत मंडपम: इमरजेंसी के लिए बैलिस्टिक शील्ड सेफ हाउस, NSG मूवमेंट के लिए हेलीपैडG20 समिट के वेन्यू वाली जगहों पर स्पेशल CP लेवल के अफसर वेन्यू कमांडर बनाए गए हैं। उनकी मदद के लिए जोनल इंचार्ज के तौर पर जॉइंट CP लेवल के अधिकारी होंगे। वर्ल्ड लीडर्स के लिए बैलिस्टिक शील्ड वाले सेफ हाउस बनाए गए हैं। कोई इमरजेंसी या अटैक होने पर उन्हें इन्हीं सेफ हाउस में ले जाया जाएगा, ताकि वे सुरक्षित रहें।
इमरजेंसी में NSG के ऑपरेशन के लिए भारत मंडपम के पास हेलिकॉप्टर तैनात हैं। 200 से ज्यादा कमांडो को ऐसे ऑपरेशन की ट्रेनिंग दी गई है।
रेलवे और मेट्रो स्टेशन: दिल्ली पुलिस के खास दस्ते तैनात
दिल्ली के सभी रेलवे और मेट्रो स्टेशन पर पुलिस के खास दस्ते तैनात हैं। दिल्ली पुलिस के एक अधिकारी ने नाम न बताते हुए कहा, ‘दिल्ली मेट्रो के फ्लाइंग स्क्वॉड, पुलिस और CISF स्टाफ मिलकर लगातार ड्रिल कर रहे हैं। आने-जाने वालों के मूवमेंट को CCTV के जरिए मॉनिटर किया जा रहा है। कोई संदिग्ध लगता है, तो उसे हिरासत में लेकर पूछताछ की जा रही है।’
VVIP मूवमेंट: सड़क पर NSG-SPG के जवान, आसमान में एयरफोर्स के प्लेन
विदेशी मेहमानों का काफिला एयरपोर्ट या होटल से बाहर निकलेगा, तो उन्हें मल्टीलेयर सिक्योरिटी से कवर किया जाएगा। काफिले के सड़क पर आने से 45 मिनट पहले सभी जवान पोजिशन ले लेंगे। सुरक्षा एजेंसियों से क्लियरेंस मिलने के बाद ही काफिला बाहर आएगा।
VVIP मूवमेंट के दौरान ट्रैफिक पुलिस के साथ अमेरिकी खुफिया एजेंसी CIA, ब्रिटेन की खुफिया एजेंसी MI6 के अलावा नेशनल सिक्योरिटी गार्ड, स्पेशल प्रोटेक्शन ग्रुप के जवान भी तैनात रहेंगे। काफिले के साथ एयरफोर्स के प्लेन और हेलिकॉप्टर भी उड़ान भरते रहेंगे।
ट्रैफिक मैनेजमेंट से जुड़े एक पुलिस अधिकारी ने बताया कि हर VVIP काफिले में कम से कम 15 गाड़ियां रहेंगी। इनमें 2-3 गाड़ियां जिस देश के नेता हैं उनकी और बाकी भारत की रहेंगी।
काफिलों की सिक्योरिटी के लिए CRPF के 950 कमांडो को ट्रेनिंग
वर्ल्ड लीडर्स के काफिलों की सिक्योरिटी CRPF के कमांडो संभालेंगे। इसके लिए CRPF ने ग्रेटर नोएडा के VIP सिक्योरिटी ट्रेनिंग सेंटर में 950 कमांडो का खास दस्ता तैयार किया है। विदेशी मेहमानों को होटल से वेन्यू तक पहुंचने में 50 मिनट से ज्यादा समय नहीं लगेगा।
सभी नेताओं के काफिले होटल से राजघाट तक 30 मिनट में पहुंचेंगे। किस नेता का काफिला सबसे पहले निकलेगा, उसके बाद किसका नंबर होगा, ये सब तय है। राजघाट से लौटने का क्रम भी तय है।
राजघाट से सभी मेहमानों के काफिले 45 मिनट में प्रगति मैदान में मेन वेन्यू भारत मंडपम तक पहुंच जाएंगे। इनके लिए 5 रूट तय हैं। इनमें एयरपोर्ट से होटल तक, होटल से प्रगति मैदान तक, होटल से राजघाट तक, राजघाट से प्रगति मैदान तक और प्रगति मैदान से होटल का रूट शामिल है।
कोड के जरिए होगा मूवमेंट से जुड़ा कम्युनिकेशन
भारत आ रहे विदेशी लीडर्स की सुरक्षा के लिए कोड डिजाइन किए गए हैं। इंटेलिजेंस ब्यूरो के एक अधिकारी के मुताबिक, हर इंटरनेशनल समिट में इस तरह के कोड तय किए जाते हैं। किसी देश के प्रमुख का कोडनेम ‘प्रिंसिपल’ और उनके डेलीगेट्स या मिनिस्टर का कोडनेम ‘एसेंशियल’ रहेगा। कोडनेम के आगे उस देश का नाम रहेगा, जैसे ब्रिटेन के प्रधानमंत्री के लिए ‘principal BR’ या कनाडा के विदेश मंत्री के लिए ‘essential CAN’ कोड तैयार किए गए हैं।
मॉनिटरिंग के लिए स्पेशल कमांड सेंटर, साइबर क्राइम पर भी नजर रखेगी टीम
दिल्ली पुलिस के मुताबिक, कई देशों के लीडर्स की पर्सनल सिक्योरिटी तो चुनौती है ही, इंटरनेट से होने वाले क्राइम पर भी नजर रखी जा रही है। इसके लिए सभी साइबर टीम अलर्ट मोड पर हैं। ये टीमें सोशल मीडिया, वीडियो-ऑडियो में हेरफेर यानी डीप फेक मिसयूज, डेटा चोरी, रैंसमवेयर, मैलवेयर की निगरानी कर रही हैं।
दिल्ली पुलिस के एक अधिकारी कहते कि ‘मॉडर्न वारफेयर के दौर में बड़े इवेंट के दौरान टेक्नोलॉजी सिस्टम्स टारगेट पर रहते हैं। हमने ऐसे खतरों से निपटने की तैयारी कर ली है।’
G20 के लिए रिजर्व कंट्रोल्ड जोन के हर हिस्से की निगरानी के लिए दिल्ली पुलिस ने स्पेशल कमांड सेंटर बनाया है। आम दिनों में इसी कमांड सेंटर से शहर में निगरानी रखी जाती है। यहीं से 24 घंटे पूरे रूट, वेन्यू और होटल पर नजर रखी जाएगी।