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प्रमुख किसान संगठनों ने यौन उत्पीड़न के खिलाफ दिल्ली के जंतर-मंतर पर पिछले एक माह से प्रदर्शन कर रहे महिला पहलवानों के समर्थन में विरोध सभा

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पटना / संयुक्त किसान मोर्चा के आह्वान पर पटना जिला के प्रमुख किसान संगठनों ने यौन उत्पीड़न के खिलाफ दिल्ली के जंतर-मंतर पर पिछले एक माह से प्रदर्शन कर रहे महिला पहलवानों के समर्थन में विरोध सभा आयोजित किया।

जैसा कि सर्वविदित है हमारे देश की कई शीर्ष महिला पहलवानों ने भाजपा सांसद और भारतीय कुश्ती महासंघ के प्रमुख बृजभूषण शरण सिंह पर यौन उत्पीड़न के गंभीर आरोप लगाए हैं। ये पहलवान इससे पहले भी 18 जनवरी को यौन उत्पीड़न के विरोध में उतरे थे। लेकिन सरकार द्वारा कार्रवाई का आश्वासन दिए जाने के बाद उन्होंने अपना विरोध समाप्त कर दिया। हालांकि, सरकार निष्पक्ष और पारदर्शी जांच की उनकी मांग से मुकर गई। मामले में एफआईआर भी दर्ज नहीं किया गया। अंततः पहलवानों को एक बार फिर विरोध में उतरना पड़ा। ये खिलाड़ी 23 अप्रैल से दिल्ली के जंतर-मंतर पर धरने पर बैठे हैं।

IMG 20230518 WA0011 प्रमुख किसान संगठनों ने यौन उत्पीड़न के खिलाफ दिल्ली के जंतर-मंतर पर पिछले एक माह से प्रदर्शन कर रहे महिला पहलवानों के समर्थन में विरोध सभाइस विरोध के प्रति सरकार की प्रतिक्रिया असंवेदनशील और शर्मनाक रही है। जहां केंद्रीय खेल मंत्री अनुराग ठाकुर ने मामले को दबाने की कोशिश की, वहीं भाजपा सांसद और केंद्रीय मंत्री मीनाक्षी लेखी ने विरोध की विश्वसनीयता पर सवाल उठाया। इसके अलावा 3 मई की रात को पहलवानों पर की गई पुलिस की बर्बरता की घटना क्रूर और शर्मनाक है। उच्चतम न्यायालय के हस्तक्षेप के बाद बृज भूषण शरण सिंह के खिलाफ दो प्राथमिकी दर्ज की गईं , जिनमें POCSO (यौन अपराधों से बच्चों का संरक्षण) अधिनियम की धारा 10 और POSH (यौन उत्पीड़न की रोकथाम) अधिनियम की धारा 354 A शामिल हैं। इस सबके बाद भी, आज तक बृजभूषण शरण सिंह की गिरफ्तारी नहीं हुई है।

संयुक्त किसान मोर्चा ने 30 अप्रैल की राष्ट्रीय बैठक में दिल्ली के जंतर-मंतर पर यौन उत्पीड़न के खिलाफ प्रदर्शन कर रहे पहलवानों को अपना समर्थन दिया था। इसके बाद मोर्चा ने 6 मई को जारी प्रेस विज्ञप्ति में प्रदर्शनरत पहलवानों के समर्थन में राष्ट्रव्यापी विरोध प्रदर्शन का आह्वान भी किया था। 7 मई को पंजाब, हरियाणा, दिल्ली और पश्चिमी उत्तर प्रदेश के एसकेएम के कई वरिष्ठ नेता, सैकड़ों किसानों के साथ, पहलवानों के समर्थन में जंतर-मंतर पहुँचे। एसकेएम ने 11 से 18 मई तक, राज्य राजधानियों, जिला मुख्यालयों और तालुक मुख्यालयों पर विरोध प्रदर्शन भी आयोजित करने का आह्वान किया।

इसी क्रम में आज अखिल भारतीय किसान संघर्ष समन्वय समिति द्वारा यौन उत्पीड़न के खिलाफ विरोध कर रहे पहलवानों के समर्थन में और उनके लिए न्याय की मांग के लिए पटना के बुद्ध स्मृति पार्क पर एक प्रतिरोध सभा आयोजित किया गया।

इस कार्यक्रम में अ. भा. किसान महासभा के उमेश सिंह, राजेन्द्र पटेल, केडी यादव, शिवसागर शर्मा और कृपा नारायण सिंह, किसान सभा (जमाल रोड) के विनोद कुमार, राजेंद्र सिंह, अवधेश कुमार, ललन चौधरी, रणधीर यादव और सोना लाल प्रसाद , एआईकेएमकेएस के नंद किशोर सिंह, जय किसान आंदोलन के ऋषि आनंद और अनूप सिंहा, एआईकेकेएमएस के इंद्रदेव राय, अनामिका और सरोज कुमार सुमन, क्रांतिकारी किसान यूनियन के वी० वी० सिंह, बिहार किसान समिति के बलदेव झा, इफ्टू की आकांक्षा एवं मंटू कुमार , एडवा की रामपरी और ‘अघोषित आपातकाल विरोधी मोर्चा’ के अमलेंदु मिश्रा और दर्जनों आम नागरिक शामिल हुए।
इस प्रतिवाद सभा की अध्यक्षता अखिल भारतीय किसान महासभा के नेता के. डी. यादव और संचालन बिहार राज्य किसान सभा के नेता सोनालाल प्रसाद ने किया।