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शिक्षक नियुक्ति की नई नियमावली 2023 में नहीं होगा कोई परिवर्तन : शिक्षा मंत्री

बिहार हलचल न्यूज ,जन जन की आवाज
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बिहार सरकार ने इस नियमावली को इसलिए बनाया कि बिहारवासियों की बेरोजगारी दूर हो। उन्हें नौकरी पाने का बड़ा अवसर मिले। जो लोग इस नियमावली का विरोध कर रहे हैं वो किसी भी तरह इसे लटकाना चाहते हैं। नियमावली का विरोध ना तो बिहार के बेरोजगारों के हित में है और ना ही बिहार की शिक्षा के हित में है। इसलिए जो भी नियमावली बिहार सरकार ने बनायी है उसके समर्थन में लोगों को खड़ा होना चाहिए। इससे राज्य का तो हित होगा ही शिक्षा में भी सुधार होगा।

बिहार ज्ञान की भूमि रही है। हमारी विरासत ऐसी रही है कि दूनियाभर में बिहार के डंका बजता था। बिहार के ज्ञान की दिशा में सरकार के कदम पड़े हैं। बिहार की शिक्षा व्यवस्था को बेहतर करने की कोशिश की जा रही है। लेकिन लोग इसके खिलाफ खड़े हो रहे हैं यह बिल्कुल नहीं होना चाहिए। बिहार की शिक्षा व्यवस्था में सुधार के लिए इस नियमावली को लाया गया है लेकिन कुछ लोगों को यह अच्छा नहीं लग रहा है। वे इसके खिलाफ आवाज उठा रहे हैं। ऐसे लोगों को भी सोचना चाहिए कि सरकार बिहार के हित में काम कर रही है। ऐसे में कोई संगठन आंदोलन कोई करता है तो यह उचित नहीं होगा।

वही जातीय जनगणना को लेकर नीतीश सरकार को आज दूसरी बार पटना हाईकोर्ट से झटका मिला है। 4 मई को पटना हाईकोर्ट ने जातीय जनगणना पर रोक लगा दी थी। इस मामले पर अगली सुनवाई की तारीख 3 जुलाई तय की गयी थी। लेकिन राज्य सरकार यह चाह रही थी कि इस मामले पर लगे अंतरिम आदेश पर जल्द सुनवाई हो। इसी को लेकर हाईकोर्ट में नीतीश सरकार ने अपील दायर की थी लेकिन आज पटना हाईकोर्ट ने राज्य सरकार की अपील को खारिज कर दिया है। ऐसे में अब इस मामले पर सुनवाई 3 जुलाई को ही होगी। पटना हाईकोर्ट द्वारा राज्य सरकार की अपील खारिज किये जाने को लेकर बिहार के शिक्षा मंत्री से जब सवाल किया गया तो उनका साफ तौर पर कहना था कि जातीय गणना न्यायिक प्रक्रिया है। न्यायालय का आदेश हैं इस आदेश को सब लोग मानेंगे।