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विदेशी विश्वविद्यालयों की शाखा खुलने से उच्च शिक्षा व्यवस्था हो जायेगी चौपट : कॉमरेड रामनरेश पांडेय

बिहार हलचल न्यूज ,जन जन की आवाज
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पटना /भारतीय कम्युनिस्ट पार्टी के राज्य सचिवमंडल ने यूजीसी द्वारा विदेशी विश्वविद्यालयों को भारत में शाखाएं खोलने की अनुमति देने के फैसले पर कड़ा विरोध जताया है। पार्टी ने केंद्र सरकार से इस फैसले को वापस लेने की मांग की है। भाकपा राज्य सचिव कॉमरेड रामनरेश पांडेय ने कहा कि नरेंद्र मोदी सरकार के इस फैसले से उच्च शिक्षा व्यवस्था पूरी तरह चौपट हो जाएगी। शिक्षा का व्यवसायीकरण हो जाएगा। भारतीय उच्च शिक्षा प्रणाली कमजोर और नष्ट हो जाएगी।

शिक्षा महंगी होगी और दलित, आदिवासी, अल्पसंख्यकों और गरीबों के बच्चे उच्च शिक्षा ग्रहण नहीं कर पाएंगे। शिक्षा व्यवस्था पूरी तरह पंूजीपतियों के हाथ में चली जायेगी। शिक्षा व्यवस्था को निजी हाथों में देने के उद्देश्य से केंद्र सरकार ने यह फैसला लिया है। भाजपा एक तरफ भारतीय सभ्यता और संस्कृति की बातें करती है तो दूसरी तरफ विदेशी विश्वविद्यालयों को अपनी शाखा खोलने की अनुमति दे रही है। भाजपा नेतृत्व वाली मोदी सरकार सत्ता में आने के बाद से ही शिक्षा व्यवस्था को बर्बाद करने पर तूली हुई है। देश में शिक्षा पहले से ही महंगी है।सरकार के इस फैसले से उच्च शिक्षा और महँगी हो जाएगी। विश्वविद्यालयों को सरकार द्वारा वित्त पोषित किया जाना चाहिए। सरकार शिक्षा पर अपने बजट का तीन प्रतिशत से भी कम खर्च कर रही है जबकि अधिक आवंटन की आवश्यकता है। आरक्षण की नीति और सामाजिक न्याय के सिद्धांत को भारी नुकसान होगा। राज्यों पर इस तरह की नीति लागू करना संघीय विरोधी और राज्य सरकारों की शक्तियों का अतिक्रमण है। सीपीआई मांग करती है कि ऐसे विश्वविद्यालयों के लिए नियामक ढांचे को संसद में पेश किया जाना चाहिए और संसद में चर्चा की जानी चाहिए ताकि जल्दबाजी में और एकतरफा निर्णय नहीं लिया जा सके जो हमारे छात्रों और देश के भविष्य को खतरे में डाल सकता है। सीपीआई सभी छात्र-छात्राओं और शिक्षक संगठनों से सरकार के इस फैसले का विरोध करने का आह्वान करती है।