प्यार और नफरत जिंदगी के दो पहलू है
अभिषेक कुमार की रिपोर्ट
हम सारी जिंदगी किसी से प्यार या नफरत नहीं कर सकते है।नफरत उसी इंसान से होती है जो हमारे सामने होता है।जो दूर होता है उससे कभी नफरत करने का मन नहीं करता है।साथ होने पर ही इंसान की अच्छाई और बुराई दिखाई देती है।सभी इंसान मे अच्छाई और बुराई होती है। जब साथ रहते है।
तब उसमे कमियाँ दिखाई देने लगती है हम उससे उम्मीद करने लगते है वह कुछ उम्मीदों पर खरे उतरते है कुछ पूरी नहीं कर पाते है ।इस का कारण कुछ भी क्यों न हो हम उसकी मजबूरी समझ नहीं पाते हे इसके कारण नफरत का बीज पनपने लगता है ।धीरे -धीरे वह पेड़ बन जाता है।इस नफरत को हम खुद ही दूर कर सकते है दूसरा इंसान किसी उपाय से दूर नहीं कर पाता है।हम जिन्हे नहीं जानते है उनसे नफरत भी नहीं करते है।जिससे नफरत करते है।
कही न कही उसका वजूद हमारे जीवन मे महत्व रखता है यानि हम प्यार करते है। जिससे प्यार करते है उसी से नफरत होती है। यह जीवन का सत्य है। प्यार और नफरत नदी के दो किनारों के समान है जो कभी भी आपका साथ नहीं छोड़ेंगे।