जिला प्रशासन ने किया पटना के 14 घाटों को खतरनाक घोषित
न्यूज़ डेस्क
लोकास्था का महापर्व छठ 28 अक्टूबर को नहाय-खाए के साथ शुरू हो जाएगा। राजधानी पटना में गंगा के घटते-बढ़ते जलस्तर ने टेंशन बढ़ा रखा है।घाटों पर अब धीरे-धीरे गंगा का जलस्तर खतरे के निशान से नीचे जा रहा है। लेकिन घाट की स्थिति किचड़मय है। ऐसे में घाटों को समय रहते दुरुस्त करना जिला प्रशासन के लिए एक चुनौती बन गया है।पटना के डीएम चंद्रशेखर सिंह ने पटना के 14 घाटों को खतरनाक घाट घोषित कर दिया है। यह भी कहा है की स्थिति को देखकर घाटों की अंतिम स्थिति के बारे में सूचना दी जाएगी।
पटना के डीएम डॉ. चंद्रशेखर सिंह ने जानकारी देते हुए बताया कि जिला प्रशासन लोक आस्था का महा पर्व को सकुशल और शांति पूर्ण तरीके से संपन्न कराने के लिए प्रतिबद्ध है। फिलहाल छठ घाटों की प्रारंभिक सूची बनाई गयी है।आने वाले दो दिनों में गंगा के जलस्तर में और कमी आने की संभावना है। हो सकता है की सूची में परिवर्तन किया जाए। पटना में बड़ी संख्या में लोग छठ व्रत करते हैं। उनकी सुविधा को देखते हुए जिला प्रशासन हर संभव कदम उठा रही है। वर्तमान स्थिति के तहत कुल 14 घाटों को खतरनाक घाट घोषित किया गया है जिसमे कुर्जी घाट,राजापुर पुल घाट,बांस घाट,पहलवान घाट,महेंद्रू घाट आदि शामिल है।
बताया जा रहा है की छठ पूजा से ठीक पहले पटना के विभिन्न घाटों पर अभी भी गंगा का पानी लबालब भरा हुआ है।लगभग चार दशक बाद ऐसा नजारा देखने को मिल रहा है। जब सितंबर-अक्टूबर में गंगा नदी पटना के घाटों के पास है । ज्यादातर अगस्त के बाद गंगा घाटों से काफी दूर चली जाती है। गंगा के नए रौद्र रूप के वजह से पटना समेत पूरे बिहार में छठ के आयोजन में एक बड़ी बाधा उत्पन्न हो रही है।