दिल्लीदेश - विदेश

जब न्यायपालिका भटक जाए तो उन्हें सुधारने का कोई उपाय नहीं है : किरेन रिजिजू 

बिहार हलचल न्यूज ,जन जन की आवाज
Listen to this article

सेंट्रल डेस्क 

नई दिल्ली/ देश के कानून मंत्री किरेन रिजिजू  ने अहमदाबाद में आयोजित एक कार्यक्रम में न्यायपालिका को लेकर महत्वपूर्ण बात कहा। उन्होंने बताया की जब न्यायपालिका को नियंत्रित करने का कोई तरीका नहीं होता है तो ज्यूडिशियल एक्टिविज्म जैसे शब्दों का इस्तेमाल किया जाता है। कई न्यायाधीश ऐसी टिप्पणियों को पारित करते हैं जो कभी भी उनके निर्णय का हिस्सा नहीं बनते हैं।

banner jjj page 0001 1 जब न्यायपालिका भटक जाए तो उन्हें सुधारने का कोई उपाय नहीं है : किरेन रिजिजू रिजिजू ने कहा की जजों को जो भी फैसला देना हो वो ऑर्डर के जरिएदेना चाहिये न की टिप्पणियों के जरिये। इसके लिए उन्होंने एक उदाहरण देकर कहा की अगर कोई जज कहता है कि यह कचरा यहां से हटाकर वहां डालो, इन लोगों का अपॉइंटमेंट आप दस दिन में पूरा करो। पीडब्ल्यूडी के इंजीनियर को कोर्ट में बुलाकर कहेंगे कि ये करो। ये सारे काम एग्जिक्यूटिव के हैं आप एक जज हैं।

office page0001 1 जब न्यायपालिका भटक जाए तो उन्हें सुधारने का कोई उपाय नहीं है : किरेन रिजिजू विधायिका, कार्यपालिका और न्यायपालिका ये भारत में लोकतंत्र के तीन स्तंभ हैं। कार्यपालिका और विधायिका अपने कर्तव्यों में बंधे हैं लेकिन न्यायपालिका उन्हें सुधारती है। लेकिन जब न्यायपालिका भटक जाए तो उन्हें सुधारने का कोई उपाय नहीं है।