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राज्य की स्वास्थ्य व्यवस्था पर चिंता जताया :रामनरेश पांडेय

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न्यूज़ डेस्क 

भारतीय कम्युनिस्ट पार्टी के राज्य सचिव कॉमरेड रामनरेश पांडेय ने राज्य की स्वास्थ्य व्यवस्था पर चिंता जताई है। उन्होंने कहा कि राज्य में डेंगू का प्रकोप काफी बढ़ गया है। प्रत्येक दिन सैकड़ो लोग डेंगू से प्रभावित हो रहे हैैं। लेकिन अस्पतालों में जांच की सुविधा उपलब्ध नहीं है, मरीज निजी अस्पतालों में इलाज कराने को बेबस हैं। उन्होंने कहा कि चिकित्सक जिस अस्पताल में पोस्टेड हैं, वहां जाना जरूरी नहीं समज्ञते हैं जबकि राज्य की लाखों जनता बुखार से पीड़ित हैं। भाकपा राज्य सचिव ने राज्य सरकार से स्वास्थ्य में सुधार लाने की मांग की हैं।

banner jjj page 0001 राज्य की स्वास्थ्य व्यवस्था पर चिंता जताया :रामनरेश पांडेयभाकपा राज्य सचिव ने कहा कि बिहार की स्वास्थ्य व्यवस्था अत्यन्त दयनीय अवस्था में है। उन्होंने कहा कि 2005 से लगातार कुछ अंतराल को छोड़कर राज्य का स्वास्थ्य विभाग भाजपा के पास रहा है। उन्होंने पूरी व्यवस्था को इस तरह चौपट कर दिया है कि प्रदेश की जनता त्राहिमाम कर रही है। उन्होंने उप मुख्यमंत्री सह स्वास्थ्य मंत्री तेजस्वी यादव से इस ओर ज्यादा ध्यान देने की अपील की है। इस दौरान भाजपा नेताओं के कई निजी मेडिकल कॉलेज खुले, लेकिन राज्य में सरकारी मेडिकल कॉलेज की स्थिति बद से बदतर होती चली गई। आजादी के 75 वर्ष बाद भी राज्य की अधिकांश आबादी, खासकर ग्रामीण आबादी बेहतर स्वास्थ्य सुविधा के इंतजार में ही है। आज भी राज्य के लाखों लोग इलाज के लिए राज्य से बाहर जाने को विवश हैं।

office page0001 राज्य की स्वास्थ्य व्यवस्था पर चिंता जताया :रामनरेश पांडेयअधिकांश ग्रामीण आबादी आज की तारीख में भी स्थानीय हकीम पर इलाज के लिए निर्भर हैं। ऐसा हो भी क्यों न क्योंकि विश्व स्वास्थ्य संगठन के मानक के अनुसार प्रति एक हजार की आबादी पर एक एम.बी.बी.एस. डॉक्टर अनिवार्य है। राष्ट्रीय स्तर पर यहाँ ग्यारह हजार की आबादी पर एक डॉक्टर है जबकि बिहार में उनतीस हजार की आबादी पर एक एम.बी.बी.एस. डॉक्टर है। यह आंकड़ा भी स्थिति की भयावहता को दर्शाता। यही वजह है कि कोरोना काल में देश के कई राज्यों की भांति बिहार की स्वास्थ्य व्यवस्था की कलई खुल गई थी। वहीं दूसरी ओर वामपंथ शासित प्रदेश केरल ने उस आपदा की घड़ी में भी स्वास्थ्य क्षेत्र में एक नया सफल मॉडल पेश किया जो दुनिया भर में केरल मॉडल के नाम से जाना गया। उन्होंने राज्य सरकार से सभी स्वास्थ्य केन्द्रों तथा सदर अस्पताल में चिकित्सकों तथा अन्य स्वास्थ्य कर्मियों की उपस्थित सुनिश्चित कराने की मांग की है।