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नीतीश कुमार के इस फैसले के बाद बीजेपी में खामोशी क्यों

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बिहार /आखिर नीतीश कुमार ने फिर से नरेंद्र मोदी से दोस्ती तोड़ ली और सोनिया ,लालू के साथ ही ममता का साथ लेंगे और देश में पीएम मोदी को चुनौती पेश करेंगे।  राजनीतिक समीकरण है जिसे लेकर नीतीश आगे बढ़ गए हैं और बिहार में चल रही एनडीए गठबंधन से खुद को अलग कर लिया।

आरजेडी, कांग्रेस के साथ ही जीतन राम मांझी के साथ महागठबंधन को पूर्ण जीवित कर नई सरकार का गठन बिहार में करेंगे। सरकार गठबंधन की प्रतिक्रिया से पहले मंगलवार को नीतीश कुमार दोपहर बाद यानी 4:00 बजे राज भजन जाकर अपना इस्तीफा देंगे और साथ ही नई सरकार की गठन के लिए दबा पेश करेंगे। इस दौरान नीतीश कुमार के साथ तेजस्वी यादव ,मदन मोहन झा और बामदल के प्रतिनिधि भी रहेंगे।

नीतीश कुमार के इस फैसले के बाद बीजेपी में खामोशी है।

हालांकि बीजेपी एक बड़े नेता कहते की राजनीति में धंधे बाजी की एक नई परंपरा नीतीश कुमार ने शुरू की है जो अधिक दिनों तक नहीं चल पाएगी।

हालांकि जदयू के एक नेता कहते हैं की नीतीश कुमार ने किसी को कभी भी धोखा नहीं दिया जो खासा नीतीश कुमार के खिलाफ बीजेपी ने किया था ।उसका उत्तर दिया जा रहा है। अब आपको बता दें की आखिर नीतीश कुमार ने  खेल क्यों खेला असल मैं नीतीश कुमार ने अपना खेल पहले ही शुरू कर दिया था ।

केंद्र सरकार के आयोजनों से खुद को दूर कर लिया और बीजेपी के खिलाफ माहौल तैयार करने में जुट गए। नीतीश इसी बीच उनको सोनिया गांधी का सपोर्ट मिला और लालू ने भी सहमति दी और देश में पीएम मोदी के खिलाफ उम्मीदवार का ऑफर दिया तो नीतीश कुमार सामने आ  गए और अपने इंडिया से खुद को अलग करने का फैसला ले लिया।

एक बात तो है की नीतीश कुमार ने दूरगामी फैसला लिया 2024 में लोकसभा चुनाव में नीतीश खुद को पीएम पद के उम्मीदवार प्रोजेक्ट किए जाने के सोनिया के इस फैसले को और नरेंद्र मोदी और अमित शाह के खिलाफ मॉडल बदलाव भी है ।जिससे नीतीश ने बीजेपी आरसीपी को   तौर पर प्रोजेक्ट करना शुरू कर दिया था और आरसीपी के पास नीतीश कुमार की कुंडली है जो आरसीपी ने इसे बीजेपी को सपोर्ट कर दिया  और पलटी मार की कहानी दोहरा दी है।