अगर राजनीति जनसेवा है तो इतनी मोटी तनख्वाह और पेंशन क्यों
देश की सुरक्षा के लिए अपनी जान की बाजी लगाने वाले ,इनके परिवारों को पेंशन रूपी आर्थिक सुरक्षा का हक मिलना चाहिए।
रेलवे ने पैसे का रोना रोते हुए सीनियर नागरिकों की सबसिडी रोक दी है जबकि नेताओं को रेलवे एवं जहाजों में मुफ्त की सेवा।
भारत सरकार ने अग्निपथ योजना के माध्यम से सेना में जवानों को भर्ती करने की योजना बनाई है जिसमें जवानों को पेंशन की सुविधा नहीं होगी।जबकि ये हर वक्त देश की सुरक्षा के लिए अपनी जान की बाजी लगाएंगे।इनके परिवारों को पेंशन रूपी आर्थिक सुरक्षा का हक मिलना चाहिए।
दूसरी ओर एक अप्रैल 2004 से पेंशन बंद हो चुकी है नई पेंशन प्रणाली में बीमा प्रीमियम की तरह सरकारी कर्मचारियों को खुद अंशदान करना पड़ता है। जितना ज्यादा अंशदान सेवानिवृत्ति पर उतनी ज्यादा पेंशन।एक तरफ हमारे देश में विधायक सांसद एवं मंत्री लोग हैं जिनके पेंशन पर कोई आंच नहीं आ रही।दोनों सदनों के पूर्व सांसदों को हर माह लगभग कई करोड़ रुपए पेंशन मिलती है! देश में कई हजार अधिक पूर्व सांसद हैं।
रेलवे ने पैसे का रोना रोते हुए सीनियर नागरिकों की सबसिडी रोक दी है जबकि नेताओं को रेलवे एवं जहाजों में मुफ्त की सेवा मिलती रहेगी,कोई एक दिन भी सांसद विधायक बन गया तो उसको पेंशन मिलती रहेगी अगर वह पहले विधायक और फिर सांसद बन गया तो उसे दोनों की पेंशन मिलेगी।
नेताजी की मृत्यु के बाद उनके परिवार को आधी पेंशन मिलती रहेगी।हाल ही में पंजाब सरकार ने पूर्व विधायकों के सिर्फ एक पेंशन की घोषणा की हैं।अगर राजनीति जनसेवा है तो इतनी मोटी तनख्वाह और पेंशन क्यों।