बड़ी खबरेबिहार

विशेष राज्य के दर्जे के सवाल पर भाजपा -जदयू के नूरा -कुश्ती के खेल से बिहार का नुकसान रहा है : एजाज अहमद

बिहार हलचल न्यूज ,जन जन की आवाज
Listen to this article

News डेस्क

बिहार प्रदेश राजद के प्रवक्ता एजाज अहमद ने कहा कि बिहार को विशेष राज्य के दर्जे के सवाल पर भाजपा जदयू की नुरा-कुश्ती के खेल में बिहार का नुकसान हो रहा है। और आम जनता विकास से कोसों दूर होती जा रही है, दरअसल केंद्र सरकार के द्वारा बिहार को विशेष आर्थिक सहायता की जगह सिर्फ जुमला- बाजी की जा रही है जहां बिहार सरकार ने माना कि 2018-19 मे केंद्र सरकार ने केंद्रीय करों के हिस्से में कमी कर दी, वही राज्य को मिलने वाले हिस्से को भी पूरा नही किया गया। बिहार में विकास का मामला भाजपा- जदयू का नहीं, बल्कि बिहार के सभी लोगो का है। दोनो दल के नेता एक दूसरे को नीचा दिखाने के गर्ज में बिहार का निरंतर ह्रास कर रहे हैं। केंद्र एवं राज्य दोनों सरकार की कमियों और निकम्मेपन के कारण बिहार निचले पायदान पर पहुंच गया है, ये नीति आयोग की रिपोर्ट से समझा जा सकता है। जहां 2022 -23 के बजट में केंद्र सरकार ने बिहार में भ्रम जाल फैला कर बिहार को शिक्षा स्वास्थ्य और अन्य मानवीय सूचकांक में निचले स्तर पर पहुंचा दिया है । इन्होंने पूछा है कि आखिर बिहार में शिक्षा और शिक्षकों के वेतन में सरकार उपेक्षापूर्ण व्यवहार क्यों कर रही है दोनों सरकार अपनी जिम्मेदारी निभाने में पूरी तरह से असफल है जिसके कारण शिक्षा की गुणवत्ता पर असर पड़ रहा है। इनमे शिक्षकों का दोष क्या है जो केंद्र और राज्य सरकार इनके वेतन को देने में भी उपेक्षापूर्ण व्यवहार कर रही है ।
इन्होंने कहा कि विडंबना की स्थिति यह है कि जहां विधान परिषद के चुनाव में भाजपा और जदयू सौहार्दपूर्ण वातावरण में समझौता कर लेते है ,वहीं बिहार विकास के मामले में चाहे विशेष राज्य का दर्जा हो या विशेष पैकेज उसमें भाजपा और जदयू के नेता एक दूसरे के साथ बयानबाजी करके बिहार का नुकसान कर रहे हैं, और बिहारियों के हितों को चोट पहुंचा रहे हैं । आखिर इनकी नियत क्या है यह स्पष्ट करें सिर्फ बयानबाजी से भाजपा के प्रदेश अध्यक्ष संजय जयसवाल और जदयू के राष्ट्रीय अध्यक्ष ललन सिंह अपनी कमियों को नहीं छुपा सकते है।इसके लिए बिहार को विशेष राज्य के सवाल पर दोनों दलो को स्थिति स्पष्ट करनी होगी ,क्योंकि सरकार की नीतियां पार्टी तय नहीं करती है इसके लिए विधानमंडल और सदन में लिए गए फैसलों के आधार पर तय होता है जिसे भाजपा और जदयू दोनों नकार रही है क्योंकि बिहार विधान मंडल सर्वसम्मति से बिहार को विशेष राज्य का दर्जा देने की मांग की थी जिसे दोनों दल के नेता एक दूसरे पर बयानबाजी करके बिहार के हितों के नुकसान कर रहे हैं।