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इंसानियत हुई शर्मशार की सुनने वालों की कांप उठी रूह

बिहार हलचल न्यूज ,जन जन की आवाज
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सेंट्रल डेस्क

कुछ दिन पहले देश की राजधानी दिल्ली में इंसानियत इस तरह शर्मशार हुई कि सुनने वालों की रूह कांप उठी।जहां विधिव्यवस्था अनुशासन आचरण सिखाया जाता है।

वहां महिला के साथ घंटों हैवानियत होती रही यह वहां की सरकार और पुलिस प्रशासन के लिए शर्म की बात होनी चाहिए।उस घटना ने दिखा दिया कि औरत ही औरत की सबसे बड़ी दुश्मन है।कोई उसे जूते मार रहा था तो कोई थप्पड़ और भीड़ तमाशाई बनी देख रही थी।

इस मामले में सबसे हैरान करने वाली बात यह है कि जब उस लड़की को प्रताड़ित किया जा रहा था तो उस भीड़ में से आवाज उठाने वाला एक भी शख्स नहीं था।किसी ने भी पुलिस को फोन पर सूचित करना उचित नहीं समझा।हमारी जनता की फितरत ही यही है कि उसके सामने किसी लड़की को छेड़ा जा रहा हो या किसी औरत को पीटा जा रहा हो तो वह अपने आंख कान और मुंह बंद किए रहती है।जब तक कि वह लड़की उसके अपने घर की बहन बेटी या बीवी न हो।

कोई शराब पीता हुआ अपनी बीवी को गली या सड़क पर ले आए तो भी भीड़ बुदबुदाएगी कि यह तो इनका रोज का काम है और आगे बढ़ जाएगी।बसों में छेड़छाड़ होने पर भी कोई पीड़िता के पक्ष में खड़ा नहीं होता।

क्योंकि उन्हें पता है कि पुलिस उनसे भी सवाल पूछेगी और तंग करेगी। ये व्यवस्था की भी नाकामी कही जाएगी कि कोई पीड़ित की मदद के लिए आगे नहीं आता।अगर बात प्रदर्शन करने मोमबत्ती जलाने धरने देने पुलिस और प्रशासन को कोसने और अखबारों में संपादकीय लिखने की हो तो सभी अपनी अपनी भूमिका निभाने के लिए तुरंत आगे आ जाएंगे! पर सामने कुछ करने को तैयार नहीं दिखते।