24 जनवरी से बिहार में शुरू हुआ छात्रों का आंदोलन
News desk
बिहार में छात्रों का गुस्सा इन दिनों सातवें आसमान पर है। 24 जनवरी से बिहार में शुरू हुआ छात्रों का आंदोलन थमने का नाम नहीं ले रहा है। आरआरबी एनटीपीसी परीक्षा परिणाम में अनियमितता और ग्रुप डी परीक्षा पैटर्न में हुए बदलाव के खिलाफ छात्रों का शुरू हुआ आंदोलन रेलवे की ओर से सफाई देने के बाद भी बरकरार है। 28 जनवरी को छात्र संगठनों ने बिहार बंद बुलाया है।
हालाँकि रेलवे ने छात्रों के गुस्से को देखते हुए न सिर्फ आरआरबी एनटीपीसी परीक्षा परिणाम पर रोक लगाई है और ग्रुप डी परीक्षा स्थगित कर दी है बल्कि एक समिति भी गठित की है।समिति अब छात्रों की समस्या सुनेगी और एक रिपोर्ट पेश करेगी।लेकिन छात्र फ़िलहाल आंदोलन से पीछे हटते नहीं दिख रहे हैं।
बिहार हलचल ने बुधवार को पटना के विभिन्न शिक्षण संस्थानों का दौरा किया और छात्रों की समस्या जानी. छात्रों के एक बड़े वर्ग ने सत्तासीन केंद्र और बिहार सरकार के खिलाफ अपना गुस्सा प्रकट किया।पिछले तीन दिनों के दौरान छात्रों के खिलाफ पुलिस के बल प्रयोग के खिलाफ भी युवाओं में गुस्सा है।एक छात्र ने पुलिसिया पिटाई की याद दिलाते हुए कहा, ‘इतना तो मजनू भी नहीं पिटा होगा लैला के प्यार में, जितना बेरोजगार पीटे जा रहे भाजपा ,जदयू सरकार में उसका गुस्सा केंद्र सरकार पर था जिसने पहले वर्षों रेलवे परीक्षा अटकाकर रखी और अब परिणाम को विवाद में ला दिया है।एक छात्र ने कहा कि यह दिखाता है कि केंद्र सरकार जानबूझकर सरकारी नौकरियों के रस्ते को बंद कर रही ।
वहीं कुछ छात्रों का कहना था कि बिहार सरकार ने आंदोलन को दबाने के लिए जिस प्रकार का बल प्रयोग किया वह ब्रिटिश राज की याद दिलाता है।वहीं यूट्यूब पर live के दौरान एक छात्र ने गुस्से में कहा, मैं शपथ लेता हूँ कि बीजेपी को वोट नहीं करूँगा।
एक ने कहा, अब राजा का बेटा राजा नहीं बनेगा राजा वही बनेगा जो हकदार होगा।वहीं कुछ ने मोदी सरकार की विभिन्न योजनाओं को लेकर सरकार को कटघरे में खड़ा किया।