बिहार

पत्रकार प्रमोद यादव पटना में प्रथम सूर्य नारायण चौधरी पत्रकारिता सम्मान से सम्मानित, दैनिक आज समाचार पत्र में हैं कार्यरत और कोशी प्रहरी एनजीओ से ला रहे परिवर्तन

बिहार हलचल न्यूज ,जन जन की आवाज
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सुभाष सिंह यादव की रिपोर्ट

पटना(बिहार) बिहार की राजधानी पटना में पत्रकार प्रमोद कुमार यादव को प्रथम सूर्य नारायण चौधरी पत्रकारिता सम्मान से सम्मानित किया गया है। उन्हें मैंगल्स रोड स्थित बाबू जगजीवन राम शोध संस्थान में बीरेंद्र यादव न्यूज और बीरेंद्र यादव फाउंडेशन चैरिटेबल ट्रस्ट द्वारा संयुक्त रूप से 05 मई शुक्रवार को आयोजित प्रथम गैर सवर्ण पत्रकारिता सम्मान कार्यक्रम में इस सम्मान से सम्मानित किया गया है। समारोह में प्रमोद यादव, योगेश चक्रवर्ती समेत बिहार राज्य से चयनित कुल 12 पत्रकारों को विभिन्न पत्रकारिता सम्मान से सम्मानित किया गया है।

राजनीतिक, सामाजिक और पत्रकारीय गलियारों में बहुचर्चित सामाजिक सरोकारों की वैचारिक हिंदी मासिक पत्रिका “वीरेंद्र यादव न्यूज” और “वीरेंद्र यादव फाउंडेशन चैरिटेबल ट्रस्ट” में “गैर सवर्ण पत्रकारिता सम्मान” की शुरुआत हुई है। 2023 ई. में पहली बार बिहार राज्य में बेहतर पत्रकारिता कर रहे बहुजन पत्रकारों को गैर सवर्ण पत्रकारिता सम्मान से सम्मानित किया गया है। इस आयोजन की परिकल्पना और समन्वय बीरेंद्र यादव न्यूज और बीरेंद्र यादव फाउंडेशन चैरिटेबल ट्रस्ट ने संयुक्त रूप से किया है। इसके अंतर्गत पूर्व में पत्रकार रहे 12 पत्रकारों के नाम पर शुरू किया गया है। ये सभी लोग पत्रकारिता के साथ सामाजिक और राजनीतिक कार्यकर्ता रहे हैं। इनमें कई विधायक, सांसद और मंत्री भी रहे। ये सभी सामाजिक स्तर पर गैर सवर्ण जातियों से हैं और सामाजिक सरोकारों के लिए पत्रकारिता और लेखनी के माध्यम से संवेदनशील रहे।

पत्रकारिता में छाप छोड़ चुके 12 पत्रकारों के नाम पर 12 श्रेणियों में बिहार राज्य के 12 ऐसे सक्रिय पत्रकारों को चयनित किया गया था जिनकी लेखनी और समाचारों का समाज में हस्तक्षेप रहा हो। ये सभी पत्रकार अपने-अपने माध्यम से सामाजिक सरोकार पर मुखर हैं और इनका चयन बिहार के विभिन्न क्षेत्रों से किया गया था।

पहली बार आयोजित हुए गैर-सवर्ण पत्रकारिता सम्मान में बिहार प्रदेश से चयनित 12 पत्रकारों में कोसी क्षेत्र के सुपौल जिला के रहने वाले प्रमोद कुमार यादव का भी चयन किया गया था। प्रमोद कुमार यादव सुपौल जिला मुख्यालय में रहते हैं और जिले के मरौना प्रखंड के खुखनहा गाँव निवासी हैं। वे “कोशी प्रहरी” नाम से एक एनजीओ भी संचालित कर रहे हैं और इसके माध्यम से कोसी क्षेत्र और कोसी नदी घाटी के लोगों के जीवन में जागरूकता के माध्यम से परिवर्तन ला रहे हैं। वे वर्तमान में दैनिक हिंदी समाचार पत्र “आज” के सुपौल ब्यूरो चीफ हैं। इससे पहले प्रभात खबर, राष्ट्रीय सहारा, रोजनामा सहारा, बिहार न्यूज एवं अन्य कई चैनलों में कार्य कर चुके हैं। वे मासिक हिंदी पत्रिका “बिहार हलचल” और “बिहार हलचल न्यूज” पोर्टल में भी बिहार हेड हैं। वे सामाजिक सरोकारों पर सक्रिय रहते हैं।

उन्हें राजधानी पटना के मैंगल्स रोड स्थित बाबू जगजीवन राम संसदीय अध्ययन एवं शोध संस्थान में 05 मई को आयोजित हुए प्रथम गैर सवर्ण पत्रकारिता सम्मान के सूर्य नारायण चौधरी पत्रकारिता सम्मान से सम्मानित किया गया।

कार्यक्रम में सम्मान समारोह के साथ ही विचार गोष्ठी भी आयोजित किया गया और इसका विषय “मीडिया का सामाजिक सरोकार” रखा गया था। इसमें मुख्य अतिथि बिहार विधान परिषद के उप सभापति डॉ. रामचंद्र पूर्वे, अध्यक्षता बिहार सरकार के शिक्षा मंत्री प्रो. चन्द्रशेखर, विशिष्ट अतिथियों में बिहार सरकार के पूर्व मंत्री श्याम रजक, विधान पार्षद डॉ. रामबली सिंह, विधान पार्षद कुमुद वर्मा, विधायक छत्रपति यादव, पूर्व विधान पार्षद उपेंद्र प्रसाद की उपस्थिति रही।

कार्यक्रम में बिहार के चयनित 12 पत्रकारों में द एक्टिविस्ट चैनल के वेद प्रकाश को राम अवधेश पत्रकारिता सम्मान, स्वतन्त्र पत्रकार हेमन्त कुमार को राजेन्द्र प्रसाद यादव पत्रकारिता सम्मान, राष्ट्रीय सहारा के जावेद आलम को कृष्ण मुरारी किशन पत्रकारिता सम्मान, आज समाचार पत्र के प्रमोद यादव को सूर्य नारायण चौधरी पत्रकारिता सम्मान, आरएडी न्यूज नेटवर्क के योगेश चक्रवर्ती को उपेंद्र नाथ वर्मा पत्रकारिता सम्मान, स्वतंत्र पत्रकार राजीव कुमार को रघुनीराम शास्त्री पत्रकारिता सम्मान, फोर्थ व्यू के उपेंद्र कश्यप को मधुकर सिंह पत्रकारिता सम्मान, जनता जंक्शन के सन्नी कुमार को प्रभात शांडिल्य पत्रकारिता सम्मान, अजीज तंजीम उर्दू समाचार पत्र के अनवर उल्लाह को गुलाम सरवर पत्रकारिता सम्मान, स्वतन्त्र पत्रकार प्रसिद्ध यादव को रवींद्र सिंह लड्डू पत्रकारिता सम्मान, प्रभात खबर के वकील प्रसाद को अब्दुल कय्यूम अंसारी पत्रकारिता सम्मान और राजद समाचार के दिनेश पाल को आरएल चन्दापुरी पत्रकारिता सम्मान से सम्मानित किया गया।

कार्यक्रम का आयोजन बीरेंद्र यादव न्यूज के प्रधान संपादक और बीरेंद्र यादव फाउंडेशन चैरिटेबल ट्रस्ट के मुख्य ट्रस्टी पत्रकार बीरेंद्र कुमार यादव के सानिध्य में हुआ। श्री यादव पिछले ढ़ाई दशकों से अधिक समय से पत्रकारिता में सक्रिय हैं और जाति आधारित अनोखी लेकिन तथ्यात्मक और आंकड़ों से पूर्ण पत्रकारिता के लिए जाने जाते हैं। वे पिछले आठ वर्षों से मासिक हिंदी पत्रिका बीरेंद्र यादव न्यूज प्रकाशित कर रहे हैं। इससे पहले वे दैनिक हिंदुस्तान, फॉरवर्ड प्रेस, प्रभात खबर में कार्य कर चुके हैं। उन्होंने माखनलाल चतुर्वेदी राष्ट्रीय पत्रकारिता विश्वविद्यालय से पत्रकारिता की पढ़ाई की है। वे मूलरूप से दक्षिण बिहार के औरंगाबाद जिले के रहने वाले हैं।

क्या है कोशी प्रहरी और इसके द्वारा पत्रकार प्रमोद कैसे ला रहे परिवर्तन?
पत्रकार प्रमोद कुमार यादव पिछले 14 वर्षों से पत्रकारिता में सक्रिय हैं और 2009 ई. के लोकसभा चुनाव के समय पत्रकारिता की शुरुआत किये। उन्होंने समय-समय पर सुपौल जिले की विभिन्न क्षेत्रों की जनसमस्याओं को विभिन्न पत्र-पत्रिकाओं में प्रकाशित किया और प्रकाशित रिपोर्टों पर जनप्रतिनिधियों और जिला प्रशासन ने संज्ञान लेते हुए कार्रवाई की और सुधार किया। वे कोशी प्रहरी नामक गैर सरकारी संगठन(एनजीओ) भी चलाते हैं और इसके माध्यम से विशेषकर कोसी प्रमंडल में जैविक खेती एवं कोसी में उद्योग की संभावनाओं पर जागरूकता अभियान चलाते रहे हैं। उनके अभियानों के प्रभाव से पटेर से चटाई निर्माण वृहद स्तर पर हो सकता है। वेटलैंड्स क्षेत्र में मखाना उत्पादन को बढ़ावा देने हेतु कृषकों को प्रोत्साहित किया और जिले के विभिन्न विद्यालयों एवं मुक्तिधाम में कोशी प्रहरी संस्था के द्वारा वृक्षारोपण कार्य किया गया है।

पत्रकार प्रमोद कुमार यादव को पत्रकारिता के क्षेत्र में उत्कृष्ट कार्य के लिए बिहारी अस्मिता सम्मान समारोह में बिहार के पूर्व मुख्यमंत्री डॉ. जगन्नाथ मिश्रा के द्वारा वर्ष 2012 ई. में सम्मानित किया गया था। वहीं प्रेस से जुड़े कई संगठनों द्वारा इनके सामाजिक कार्यों की सराहना करते हुए सम्मानित किया गया है। कोसी क्षेत्र में कोसी जीवन पाठशाला की शुरुआत वर्ष 2014 में अंबेडकर जयंती के अवसर पर कोसी नवनिर्माण मंच एवं विभिन्न सामाजिक कार्यकर्ताओं के सहयोग से शुरुआत करने में इनकी अहम भूमिका रही। श्री यादव ने अपने निजी खर्च पर विद्यालय बनाकर बच्चों को नि:शुल्क पढ़ाई हेतु दिया जिससे सैकड़ों बच्चे लाभान्वित हो रहे हैं, एवं इस कार्य हेतु इनकी प्रशंसा सुपौल के निवर्तमान जिलाधिकारी महेंद्र कुमार एवं पुलिस अधीक्षक मनोज कुमार और अन्य प्रशासनिक अधिकारियों ने इनके मूल निवास पर पहुँचकर किया। प्रशासनिक अधिकारियों ने इनके निवास सुपौल जिला के मरौना प्रखंड के मरौना गाँव स्थित माना टोला में इनके कार्यों का निरीक्षण किया है। इन्होंने अपना 3 बीघा जमीन अस्पताल के लिए नि:शुल्क देने की बात जिला प्रशासन को कह रखा है जिला अधिकारी को बताया है। कोसी दियारा क्षेत्र में समय-समय पर वे स्वास्थ्य शिविर लगाकर आम मरीजों का इलाज करवाते हैं। प्रत्येक महीना कोसी तटबंध के अंदर शिविर लगाकर दियारा क्षेत्र में लोगों की नि:शुल्क दवा वितरण एवं इलाज कराई जाती है। इतना ही नहीं महादलित बस्ती में महादलित वर्ग के शिक्षक के द्वारा महादलित बच्चों को साक्षर करने का काम वर्षों से कराया जाता है। बिहारी खबर पत्रिका में में उनके द्वारा “अपराधियों का गढ़ है कोसी” शीर्षक से खबर प्रकाशित होने के बाद नदी थाना की स्थापना सुपौल जिले में हुआ। स्थानीय विधायक और बिहार के ऊर्जा मंत्री के विधानसभा क्षेत्र में बिजली से वंचित समाचार को प्रकाशन पर वर्तमान में सौर ऊर्जा संचालित बिजली ससमय कोसी दियारा क्षेत्र में मुहैया कराई जाती है। तटबंध के अंदर शिक्षा की स्थिति दयनीय की खबर प्रकाशन के बाद शिक्षा विभाग के अधिकारियों द्वारा जांच कर समय से विद्यालय संचालित हुआ। वे पत्रकारिता के माध्यम से सामाजिक परिवर्तन ला रहे हैं। उन्हें 14 मार्च 2022 को प्रेस क्लब मधुबनी में “जयनगर न्यूज” के द्वारा सम्मानित किया गया था।

कौन थे पत्रकार सूर्य नारायण चौधरी?
सूर्यनारायण चौधरी बिहार के एक बहुत ही मेधावी, परिश्रमी और दूरदृष्टि सम्पन्न पत्रकार थे। वे बिहार की अतिपिछड़ी केवट जाति से थे। वे विचारों से समाजवादी थे, स्पष्ट है कि समाजवाद के सिद्धांतों को ही राष्ट्र की मूल समस्याओं का समाधान मानते रहे। वे एक निष्ठावान कार्यकर्ता के रूप में समाजवादी संगठनों के प्रचारात्मक एवं आंदोलनात्मक कार्यों में जीवन की अंतिम घड़ी तक सक्रिय रहे। बिहार आंदोलन से लेकर ट्रेड यूनियन आंदोलनों से उनका गहरा जुड़ाव रहा। समाजसेवा की इच्छा के कारण रेलवे की सेवा छोड़ी, कई संकट भी आए। अन्ततः बिहार विधान परिषद् के सदस्य निर्वाचित हुए लेकिन इसी दौरान उनका निधन हो गया।

12 जनवरी 1933 ई. को सूर्य नारायण चौधरी का जन्म मधुबनी जिला के मिर्जापुर गाँव में हुआ था। उनके पिता रामलखन चौधरी गृहस्थ थे। वे बिहार आंदोलन के समय फणीश्वरनाथ रेणु के साथ मिलकर नुक्कड़ कवि सम्मेलनों, नाटकों एवं चित्र प्रदर्शनियों का आयोजन करते थे। 1981 ई. में वे पूर्व मुख्यमंत्री कर्पूरी ठाकुर की प्रेरणा से लालू प्रसाद एवं सच्चिदानंद के साथ राजगीर में साहित्यकारों, बुद्धिजीवियों एवं राजनीतिज्ञों को एक मंच पर एकत्रित कर सम्पूर्ण क्रांति एवं कौमी एकता सम्मेलन किया। वे ऑल इंडिया रेलवे मेंस एसोसिएशन से भी जुड़े रहे। उन्होंने बिहारी उपराष्ट्रीयता और बिहारी अस्मिता को लेकर ठोस एवं तार्किक विचार प्रस्तुत किये।