बिहार

उप मुख्यमंत्री तेजस्वी यादव द्वारा दिया गया पथ निर्माण विभाग संबंधित बजट भाषण

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बिहार राज्य के सर्वांगीण विकास में सड़क प्रक्षेत्र में हुये कार्यों की विशेष भूमिका है। विगत वर्षों में पथ निर्माण विभाग का यह सतत् प्रयास रहा है कि आवागमन की सुविधा बेहतर हो जिसके लिए बड़े पैमाने पर सड़कों एवं पुलों के निर्माण का कार्य कराया गया है। इसके साथ निर्मित परियोजनाओं के रख-रखाव की सुदृढ़ एवं ठोस नीति भी बनाई गई है।
महोदय, इसी क्रम में विभाग द्वारा पिछले एक वर्ष में कई महत्वपूर्ण परियोजनाओं को आमजन के लिए लोकार्पित किया गया है, जिनमें से प्रमुख हैंः-
जे0पी0 गंगा पथ परियोजना के दीघा से पी0एम0सी0एच0 पथांश का लोकार्पण।
अटल पथ फेज-2
महात्मा गाँधी सेतु के पूर्वी लेन का लोकार्पण, जिससे उत्तर बिहार एवं दक्षिण बिहार का आवागमन सम्पर्कता सुगम हुआ है।
महोदय, अब मैं विभाग की विभिन्न योजनाओं की अद्यतन स्थिति एवं उपलब्धियों से माननीय सदस्यों को अवगत कराना चाहूँगा।
1.0 वृहद जिला पथ
महोदय, पथ निर्माण विभाग के अधीन वर्तमान में कुल 15637 कि0मी0 वृहद जिला पथ है, जिसमें से 5531 कि0मी0 सिंगल लेन है, जिसे कम से कम इन्टरमीडिएट लेन में उन्नयन किया जाना है। इसमें से लगभग 2000 कि0मी0 पर कार्य किया जा रहा है। वर्ष 2023-24 में 272.00 कि0मी0 पथों के चौड़ीकरण एवं मजबूतीकरण की योजना नाबार्ड के तहत प्रस्तावित है। शेष पथों का भी चरणबद्ध तरीके से राज्य योजना से चौड़ीकरण किये जाने की योजना है।

सात निश्चय पार्ट-।।: सुलभ सम्पर्कता (बाईपास /एलिवेटेड पथ)
1.1 माननीय मुख्यमंत्री बिहार की समाधान यात्रा के संदर्भ में विभिन्न जिलों में आयोजित बैठकों के आलोक में यातायात को बेहतर व्यवस्थित ढंग से संचालन हेतु कई बाईपास के निर्माण की योजना प्रस्तावित है जिसमें कुछ महत्वपूर्ण योजनाएं स्वीकृत भी हो चुकी है। इस योजना के क्रियान्वयन से राज्य के सभी शहरों एवं सघन बसावटों से होकर गुजरने वाले मार्गों में जाम की समस्या से मुक्ति मिलेगी तथा आवागमन सुगम होगा।
1.2 सात निश्चय पार्ट-।।: वर्ष 2021-22 में सुलभ सम्पर्कता के तहत कुल स्वीकृत 8 बाईपास (₹143.16 करोड़) की योजनाएँ कार्यान्वित कराई जा रही है तथा वर्ष 2022-23 में स्वीकृत 11 बाईपास (₹313.74 करोड़) की योजनाओं की निविदा प्रक्रियाधीन है।
1.3 वर्ष 2023-24 में दरभंगा जिलान्तर्गत बहेड़ी बाईपास, भोजपुर जिलान्तर्गत चँदवा से धनुपरा बाईपास, खगड़िया जिलान्तर्गत नगर सुरक्षा बांध बाईपास, गया जिलान्तर्गत गुरूआ बाईपास, किशनगंज जिलान्तर्गत बहादुरगंज बाईपास, सारण जिलान्तर्गत मशरख बाईपास प्रस्तावित है।
नाबार्ड सम्पोषित
1.4 महोदय, राज्य के चहुँमुखी विकास को ध्यान में रखते हुए सुदूर ग्रामीण क्षेत्रों में आर्थिक गतिविधियों को तीव्र एवं सुगम बनाने के निमित पथ निर्माण विभाग द्वारा नाबार्ड ऋण अन्तर्गत वित्तीय वर्ष 2021-22 में कुल 20 पथों (लम्बाई 259 43 कि0मी0 एवं लागत ₹718 69 करोड़) के चौड़ीकरण एवं मजबूतीकरण तथा कुल 18 अदद् पुल/पुलिया (लागत ₹103 42 करोड़) के निर्माण की स्वीकृति प्रदान की गई, जिसका क्रियान्वयन विभिन्न चरणों में है।
वित्तीय वर्ष 2022-23 में नाबार्ड ऋण के तहत लगभग ₹1850 करोड़ से अधिक की कुल 41 (25 पथ योजना एवं 16 पुल योजना) योजनाओं की स्वीकृति प्रक्रियाधीन है। इसके अन्तर्गत कुल 272 62 कि0मी0 वृहद जिला पथों के चौड़ीकरण एवं मजबूतीकरण का कार्य प्रस्तावित है। इसके निर्माण के फलस्वरूप ग्रामीण क्षेत्रों में आवागमन सुगम होगा तथा सरकार की अन्य सुविधाओं का लाभ ग्रामीणों तक सुगमता से पहुँचाया जा सकेगा। इनमें प्रमुख योजनाएँ हैंः-
नालन्दा जिलान्तर्गत नूरसराय – राजगीर ग्रीनफिल्ड पथ (₹862 करोड़),
पटना जिलान्तर्गत लोदीपुर से पैनाल भाया गोपालपुर पथ (₹50 करोड़),
मनेर से हल्दी छपरा भाया हाथी टोला पथ (₹40 करोड़),
दरभंगा जिलान्तर्गत करेह नदी पर हायाघाट के पास बने पुल से इनमाईत ढाला तक पुल का निर्माण (₹80 करोड़),
भोजपुर जिलान्तर्गत आरा-छपरा के बीच वीर कुंवर सिंह सेतु के पहुँच पथ का निर्माण कार्य (₹90 करोड़)
रोहतास जिलान्तर्गत अकबरपुर – अधौरा पथ (₹118 करोड़)
सीवान जिलान्तर्गत आन्दर – तीयर पथ में गंडक नहर के उपर सीवान-सिसवन पथ तक का कार्य (₹90 करोड़)
लखीसराय जिलान्तर्गत पचना रोड – लखीसराय – शेखपुरा पथ (₹65 करोड़)
सुपौल जिलान्तर्गत बी0एस0एस0 कॉलेज परसरमा से चैनसिंहपट्टी पथ
समस्तीपुर जिलान्तर्गत सरायरंजन से ककड़घट्टी पथ (₹35 करोड़)
सीतामढ़ी जिलान्तर्गत पुपरी से चोरौत पथ का निर्माण कार्य (₹70 करोड़) आदि सम्मिलित है।
केन्द्रीय सड़क अवसंरचना निधि
1.5 महोदय, केन्द्रीय सड़क अवसंरचना निधि ;ब्त्प्थ्द्ध के तहत राज्य में कुल 12 योजनाओं की स्वीकृति ₹1097.51 करोड़ की लागत से प्रदान की गई है, जो कार्यान्वित हैः-
पटना जिलान्तर्गत मीठापुर-खगौल मेन रोड संख्या-1 से गोरया मठ, मीठापुर बी एरिया रोड (₹35.13 करोड़)
पटना जिलान्तर्गत छितनावा (एन॰एच॰ 30) उसरी-दानापुर-षिवाला बाईपास (₹137.62 करोड़)
बक्सर जिलान्तर्गत इटाढ़ी-धनसोई पथ (₹38.31 करोड़)
मधुबनी जिलान्तर्गत निधि चौक से रेलवे स्टेशन महावीर मंदिर चौक तक (₹31 18 करोड़) –
गया जिलान्तर्गत एन0एच0-83 केे अवशेष पथांश (₹149.81 करोड़)
जहानाबाद जिलान्तर्गत एन॰एच॰ 83 के अवशेष पथांश जहानाबाद बाईपास के प्रारंभ से अन्त तक पथ (₹99.84 करोड़)
सिवान जिलान्तर्गत मैरवा-दरौली पथ (₹61 16 करोड़)
मुजफ्फरपुर जिलान्तर्गत बुढ़ी गंडक नदी पर अखाड़ा घाट पुल के नजदीक उच्चस्तरीय पुल (₹69.58 करोड़) का निर्माण कार्य
सारण जिलान्तर्गत रिविलगंज विशुनपुरा बाईपास पथ (₹228.53 करोड़)
सारण जिला अन्तर्गत अमनौर बाजार बाईपास पथ (₹69.23 करोड़)
गरखा बाईपास पथ (₹91 87 करोड़)
परसा बाजार बाईपास पथ (₹85.24 करोड़)
बिहार-झारखण्ड की सीमा पर रोहतास जिलान्तर्गत पण्डुका के पास सोन नदी पर ₹210 13 करोड़ की लागत से 1500 मीटर लम्बे उच्च स्तरीय आर0सी0सी0 पुल का निर्माण कार्य प्रगति में है।
वामपंथ उग्रवाद प्रभावित क्षेत्र पथ विकास योजना (RCPLWEA)%
1.6 राज्य के अति वामपंथ उग्रवाद प्रभावित जिलों में सुगम आवागमन एवं विधि-व्यवस्था के दृष्टिकोण से ग्रामीण विकास मंत्रालय, भारत सरकार द्वारा 60(केन्द्रांश):40(राज्यांश) कॉस्ट शेयरिंग के आधार पर RCPLWEA Phase-I के तहत् राज्य के पाँच जिले औरंगाबाद, गया, बांका, जमुई एवं मुजफ्फरपुर में 64 अदद् पथ पैकेजों (कुल लम्बाई 1038 कि0मी0) एवं 39 पुल पैकेजों के निर्माण की स्वीकृति कुल ₹1228 83 करोड़ की लागत पर दी गई है। इसके अतिरिक्त इस परियोजना के भू-अर्जन, utility shifting तथा निर्माणोपरान्त रख-रखाव इत्यादि का वहन राज्य सरकार द्वारा किया जाना है। इस परियोजना के तहत 988 कि0मी0 पथों एवं 31 पुलों का निर्माण कार्य पूर्ण हो चुका है तथा शेष कार्य प्रगति पर है।
RCPLWEA Phase-II के तहत् वर्ष 2019-20 में 50 अद्द पथ पैकेजों (कुल लम्बाई-589.66 कि0मी0) एवं 27 अदद् पुल पैकेजों के ₹1034.06 करोड़ की स्वीकृति उपरान्त 470 कि0मी0 पथों एवं 16 पुलों का निर्माण कार्य पूर्ण हो चुका है तथा शेष कार्य प्रगति पर है।
RCPLWEA Phase-III के तहत् वर्ष 2021-22 एवं वर्ष 2022-23 में 39 अद्द पथ पैकेजों (कुल लम्बाई-353.18 कि0मी0) एवं 14 अदद् पुल पैकेजों की स्वीकृति कुल ₹508.04 करोड़ की लागत पर दी गई है। निविदा निस्तारण हो चुका है तथा 4 पैकेजों (गया-03 एवं जमुई-01) को छोड़कर अन्य सभी पैकेजों में कार्य प्रगति पर है।
भारत नेपाल सीमा सड़क परियेाजनाः
1.7 भारत-नेपाल सीमा परियोजना अन्तर्गत बिहार राज्य में कुल 552.29 कि॰मी॰ में निर्माण कार्य किया जा रहा है। यह परियोजना सीमावर्त्ती सात जिलों यथा पश्चिमी चम्पारण, पूर्वी चम्पारण, सीतामढ़ी, मधुबनी, सुपौल, अररिया तथा किशनगंज से गुजरता है जो पश्चिमी चम्पारण के मदनपुर से आरंभ होकर किशनगंज जिला के गलगलिया में समाप्त होता है।
इस पथ के निर्माण से सीमा पार शस्त्र एवं अन्य नशीले पदार्थों की तस्करी पर नियंत्रण के साथ-साथ सीमावर्त्ती इलाकों में सुगम यातायात की सुविधा प्रदान होगी जिससे इस क्षेत्र के आर्थिक एवं सामाजिक विकास होगा।
इस परियोजना में निर्माण कार्य का विŸाीय वहन गृह मंत्रालय, भारत सरकार द्वारा तथा भू-अर्जन, Utility Shifting एवं फॉरेस्ट क्लीयरेंस में आने वाले व्यय सहित इस मार्गरेखण पर कुल 121 उच्चस्तरीय पुलों का निर्माण राज्य सरकार के निधि से किया जा रहा है।
वर्तमान में 226ण्17 कि॰मी॰ पथ एवं 119 उच्चस्तरीय पुलों का निर्माण कार्य पूर्ण किया जा चुका है। परियेाजना के शेष कार्य को दिसम्बर 2024 तक पूर्ण करने का लक्ष्य है।
2.0 राज्य उच्च पथ
2.1 महोदय, राज्य सरकार सभी राज्य उच्च पथों को 2-लेन मानक संरचना में उन्नयन हेतु दृढ़संकल्पित है। इस लक्ष्य के तहत वर्तमान में 3638 कि0मी0 राज्य उच्च पथों में से लगभग 2890 कि0मी0 का 2-लेन में उन्नयन किया जा चुका है तथा लगभग 325 कि0मी0 उन्नयन हेतु स्वीकृति प्रदान की गई है जिसका क्रियान्वयन विभिन्न चरणों में प्रक्रियाधीन है।
2.2 एशियन डेवलपमेंट बैंक के वित्त पोषण से 1595 कि0मी0 राज्य उच्च पथों का 2-लेन मानक संरचना के अनुरूप उन्नयन का कार्य पूर्ण किया जा चुका है तथा 202 कि0मी0 का निर्माण कार्य प्रगति पर है।
2.3 ADB के वित्त पोषण से BSHP-III (Phase-2) के अन्तर्गत 6 राज्य उच्च पथों (i) मानसी-सिमरी बख्तियारपुर पथ (SH-95), (ii) कटिहार-बलरामपुर पथ (SH-98), (iii) वायसी-बहादुरगंज-दीघलबैंक पथ (SH-99), (iv) बेतिया-नरकटियागंज पथ (SH-105), (v) अम्बा-देव-मदनपुर पथ (SH-101) एवं (vi) मंझवे-गोविन्दपुर पथ (SH- 103) कुल लम्बाई 266.55 कि०मी० का ₹2680 35 करोड़ की लागत से 2 लेन मानक संरचना के अनुरूप उन्नयन हेतु स्वीकृत परियोजनाओं में से राज्य उच्च पथ सं०-99, 103 एवं 105 का कार्य प्रारंभ किया जा चुका है। शेष राज्य उच्च पथों यथा SH- 95ए 98 एवं 101 की निविदा प्रक्रियाधीन है।
2.4 महोदय, BSHP-IV के अन्तर्गत ADB के वित्त पोषण से कुल ₹5153.11 करोड़ की अनुमानित लागत से 09 पथों (कुल लम्बाई-462.07 कि0मी0) एवं एक उच्चस्तरीय पुल के निर्माण कार्य हेतु प्रस्ताव भारत सरकार के आर्थिक कार्य मंत्रालय द्वारा अनुशंसित कर ADB को भेजा गया है। ए0डी0बी0 के स्तर पर वित्त सम्पोषण हेतु इन योजनाओं की स्वीकृति प्रक्रियाधीन है। योजनाएँ हैः-
नवादा एवं गया जिलान्तर्गत बनगंगा-जेठियन-गहलौत-भिन्डस ;छभ्.82द्ध पथ (लम्बाई-41.6 कि0मी0, लागत-₹407.46 करोड़)
बांका एवं भागलपुर जिलान्तर्गत धोरैया-इंगलिस मोड़-असरगंज पथ (लम्बाई-58 कि0मी0, लागत-₹595.78 करोड़),
सुपौल एवं अररिया जिलान्तर्गत गणपतगंज-परवाहा ;SH-92द्ध पथ (लम्बाई-53 कि0मी0, लागत-₹644.04 करोड़),
मधुबनी जिलान्तर्गत मधुबनी राजनगर-बाबूबरही-खुटौना पथ (लम्बाई-41.1 कि0मी0, लागत-₹511.07 करोड़),
सीतामढी एवं मधुबनी जिलान्तर्गत सीतामढ़ी-पुपरी-बेनीपट्टी ;ैभ् 52द्ध पथ (लम्बाई-51.35 कि0मी0, लागत-₹517.05 करोड़),
सारण एवं सिवान जिलान्तर्गत छपरा-मांझी-दरौली-गुठनी पथ (लम्बाई-71.6 कि0मी0, लागत-₹684.22 करोड़),
भोजपुर जिलान्तर्गत आरा-एकौना-खैरा-सहार पथ (लम्बाई-32.2 कि0मी0, लागत-₹322.35 करोड़),
बक्सर जिलान्तर्गत ब्रह्मपुर-कोरानसराय-इटाढ़ी-सरंजा-जालीपुर पथ (इटाढ़ी-बक्सर सम्पर्क मार्ग एवं उजियारपुर इंदौर सम्पर्क मार्ग सहित) (लम्बाई-80 कि0मी0, लागत-₹792.59 करोड़),
मुजफ्फरपुर जिलान्तर्गत हथौड़ी-औराई पथ में एक उच्च स्तरीय पुल का पहुँच पथ सहित निर्माण कार्य (लागत-₹228.99 करोड़)
दरभंगा एवं सीतामढ़ी जिलान्तर्गत अतरबेल-जाले-घोघराचट्टी ;ैभ् 97द्ध पथ (लम्बाई-31.70 कि0मी0, लागत-₹449.56 करोड़)।

3.0 राष्ट्रीय उच्च पथ
महोदय, बिहार राज्य के अन्तर्गत वर्तमान में कुल 5977 कि0मी0 राष्ट्रीय उच्च पथ है, जिसमें 3122 कि0मी0 भारतीय राष्ट्रीय राजमार्ग प्राधिकरण (NHAI) एवं 2855 कि0मी0 MORTH के अधीन है।
3.1 भारतमाला परियोजना फेज-1 के अन्तर्गत निम्नलिखित महत्वपूर्ण परियोजनाएँ सम्मिलित हैः-
(i) आमस – दरभंगा,
(ii) पटना – सासाराम,
(iii) पटना – अरेराज – बेतिया,
(iv) मुजफ्फरपुर – बेगुसराय,
(v) किशनगंज -बहादुरगंज एवं
(vi) चकिया- बैरगनिया
उपरोक्त वर्णित योजनाओं में किसी भी योजना का कार्य अभी प्रारंभ नहीं हो सका है। कुछ योजनाएँ भू-अर्जन की प्रक्रिया में तथा कुछ योजनाएँ निविदा की प्रक्रिया में है। आमस-दरभंगा का कार्य आवंटित हो चुका है।
3.2 भारतमाला परियोजना फेज-2 अन्तर्गत गोरखपुर – सिलीगुड़ी एक्सप्रेसवे, रक्सौल – पटना – हल्दिया एक्सप्रेसवे का पटना तक विस्तारीकरण एवं पटना – पूर्णियाँ एक्सप्रेसवे पर मात्र सैद्धान्तिक सहमति प्राप्त हुई है। वाराणसी – कोलकाता एक्सप्रेसवे के निर्माण हेतु निविदा प्रक्रियाधीन है।
3.3 राष्ट्रीय उच्च पथों के 4-लेनिंग के तहत पटना-गया-डोभी पथ, आरा-मोहनियाँ पथ, रजौली-बख्तियारपुर पथ, नरेनपुर-पूर्णियाँ पथ, मुंगेर-मिर्जा चौकी पथ, गलगलिया-अररिया पथ आदि का कार्य किया जा रहा है।
3.4 महोदय, राष्ट्रीय राजमार्ग के परियोजनाओं के क्रियान्वयन में राज्य सरकार द्वारा पूर्ण सहयोग किया जा रहा है। इसी क्रम में राष्ट्रीय उच्च पथ के मेगा परियोजनाओं में भू-अर्जन की समस्याओं का राज्य सरकार के विभिन्न स्तरो पर अनुश्रवण कर निदान किया जा रहा है। विशेष व्यवस्था के तहत इस हेतु एक भू-अर्जन कोषांग कार्यरत है, जिसमें मुख्य भू-अर्जन विशेषज्ञ एवं दो भू-अर्जन विशेषज्ञ के पदों का सृजन कराकर भू-अर्जन कार्य में तेजी लाई जा रही है। इतने सहयोग के बावजूद राष्ट्रीय उच्च पथ संख्या-19 (हाजीपुर – छपरा), राष्ट्रीय उच्च पथ संख्या-83 (पटना – गया – डोभी), राष्ट्रीय उच्च पथ संख्या-106 (बीरपुर – बिहपुर), राष्ट्रीय उच्च पथ संख्या-107 (महेशखुंट – सहरसा – मधेपुरा-पूर्णियाँ), मुजफ्फरपुर रा0उ0प0-77 आदि के कार्य में प्रगति अपेक्षा के अनुरूप नहीं है। इस हेतु राज्य सरकार के द्वारा संबंधित बैठकों में भी भारत सरकार के पदाधिकारियों का ध्यान आकृष्ट कराया जाता है तथा भारत सरकार से लगातार पत्राचार भी किया जा रहा है।
उल्लेखनीय है कि उपरोक्त योजनाओं की धीमी गति के कारण इसकी लगातार समीक्षा माननीय उच्च न्यायालय, पटना के द्वारा भी की जा रही है।
3.5 केन्द्र सरकार की अन्य महत्वपूर्ण परियोजनाएँः
पटना रिंग रोड के मार्गरेखन पर गंगा नदी पर शेरपुर-दिघवारा के बीच 6-लेन सेतु निर्माण
दानापुर – बिहटा एलिवेटेड पथ का निर्माण
बख्तियारपुर – मोकामा तक 4-लेन उन्नयन कार्य।
औटा – सिमरिया में गंगा नदी पर राजेन्द्र सेतु के समानान्तर 6-लेन पुल का निर्माण।
भेजा – बकौर के बीच कोशी नदी पर पुल का निर्माण।
मेहरौना – सीवान पथ (राम जानकी मार्ग) का निर्माण।
4.0 आर0ओ0बी0
4.1 महोदय, निर्बाध एवं सुरक्षित आवागमन सुनिश्चित करने हेतु 15 त्व्ठ का निर्माण कार्य प्रगति में है, जिसमें से 11 ROB बिहार राज्य पुल निर्माण निगम लिमिटेड द्वारा एवं 4 ROB बिहार स्टेट रोड डेवलपमेंट कॉरपोरेशन लिमिटेड द्वारा क्रियान्वित किया जा रहा है।
वित्तीय वर्ष 2022-23 में भी कुल 13 ROB के निर्माण हेतु स्वीकृति प्रदान की गई है एवं 3 ROB की स्वीकृति प्रक्रियाधीन है।
4.2 इस वित्तीय वर्ष में स्वीकृत ROB में-
MOU के अन्तर्गत
पूर्वी चम्पारण के मोतिहारी शहर में समपार संख्या-158 (जीवधारा – बापूधाम), समपार संख्या -160 (बापूधाम-मोतिहारी यार्ड) पर एवं समपार संख्या – 178 (सुगौली – मंझौलिया)
पष्चिमी चम्पारण जिला में समपार संख्या-188 (मंझौलिया-बेतिया) पर,
दरभंगा जिला में समपार संख्या- 21 (लहेरिया सराय – दरभंगा), समपार संख्या-2 Spl (दरभंगा – मोहम्मदपुर), समपार संख्या- 1 – 28 ( दरभंगा – मोहम्मदपुर एवं दरभंगा – ककड़घट्टी),
मधेपुरा जिला में समपार संख्या-90 (मधेपुरा यार्ड)
सारण जिला में समपार संख्या-7 (छपरा कचहरी – मढ़ौरा)
समपार संख्या – 9 Spl (बरौनी-तेघड़ा) पर ROB का निर्माण कार्य सम्मिलित है।
राज्य योजना अन्तर्गत स्वीकृत
भागलपुर में मिर्जानहाट ब्रिज नं0-152 के स्थान परए
पटना जिला में बख्तियारपुर इंजीनियरिंग कॉलेज के नजदीक,
नालंदा जिला में हरनौत रेल फैक्ट्री के निकट समपार संख्या-10/C पर
5.0 प्रमुख नदियों पर पुलों का निर्माण
5.1 महोदय, राज्य अन्तर्गत पूरब से पश्चिम एवं उत्तर से दक्षिण निर्बाध एवं सुगम आवागमन सुनिश्चित करने हेतु राज्य सरकार द्वारा राज्य की प्रमुख नदियों पर पुलों का नेटवर्क तैयार किया गया है।
गंगा नदी पर राज्य सरकार द्वारा आरा -छपरा को जोड़ने वाली वीर कुँवर सिंह 4-लेन सेतु का निर्माण कर आवागमन के लिए चालू है। 21 00 कि0मी0 के च्फब् पहुँच पथ की योजना तैयार की गई है जिससे सुगम यातायात सुनिश्चित हो सके।
गंगा नदी पर राज्य सरकार द्वारा तीन नये पुलों का निर्माण कार्य प्रगति में है -कच्ची दरगाह – बिदुपुर के बीच 6-लेन पुल, सुल्तानगंज-अगुवानी घाट 4-लेन पुल, बख्तियारपुर-ताजपुर में 4-लेन पुल।
कोशी नदी पर राज्य सरकार द्वारा विजयघाट, बलुआहा घाट एवं गण्डौल-बिरौल के बीच निर्मित पुलों पर आवागमन चालू है।
मानसी – हरदी चौघड़ा पथ (एस0एच0-95) में कोशी नदी पर उच्च स्तरीय पुल का निर्माण स्वीकृत है। निविदा की कार्रवाई की जा रही है।
गंडक नदी पर धनहा-रतवल पुल, गोपालगंज-बेतिया के बीच विशनपुर पुल, सत्तरघाट पुल, बंगराघाट पुल का निर्माण कार्य किया गया है एवं इन पुलों से आवागमन चालू है। सत्तरघाट पुल में अतिरिक्त वाटर-वे प्रदान करने के लिए लगभग 984 मीटर लम्बाई में नये उच्च स्तरीय पुल का निर्माण किया जा रहा है।
धनहा-रतवल पुल के रतवल साईड पहुँच पथ का मजबूतीकरण कार्य किया जाना प्रस्तावित है।
सोन नदी पर अरवल-सहार तथा दाउदनगर-नासरीगंज के बीच राज्य सरकार द्वारा निर्मित 4-लेन पुल पर आवागमन चालू है। सोन नदी पर पण्डुकाघाट में नये पुल का निर्माण कार्य किया जा रहा है।
इसके अतिरिक्त राज्य सरकार द्वारा राज्य के विभिन्न नदियों पर अनेकों पुल का निर्माण कराकर राज्य में निर्बाध आवागमन की सुविधा सुनिश्चित करने का प्रयास किया गया है।
5.2 केन्द्र सरकार द्वारा महत्वपूर्ण पुल परियोजनाएँः-
गंगा नदी पर बक्सर में 2-लेन अतिरिक्त पुल (निर्माणाधीन)
शेरपुर – दिघवारा के बीच गंगा नदी पर 6-लेन पुल (निविदा की प्रक्रिया में)
जे0पी0 सेतु के समानान्तर 6-लेन पुल (स्वीकृति की प्रक्रिया में)
महात्मा गाँधी सेतु के समानान्तर 4-लेन पुल (निर्माणाधीन)
औटा-सिमरिया के बीच गंगा नदी पर राजेन्द्र सेतु के समानान्तर 6-लेन पुल (निर्माणाधीन)
विक्रमशीला सेतु के समानान्तर गंगा नदी पर 4-लेन पुल (कार्य आवंटित)
मनिहारी – साहेबगंज के बीच गंगा नदी पर 4-लेन पुल (निर्माणाधीन)
कोशी नदी पर एन0एच0-106 फुलौत घाट पर 4-लेन पुल (निर्माणाधीन)
कोशी नदी पर भेजा-बकौर के बीच 2-लेन पुल (निर्माणाधीन)
गंडक नदी पर डुमरियाघाट स्थित 2-लेन पुल (निर्माणाधीन)
हाजीपुर – छपरा के बीच सोनपुर घाट स्थित 2-लेन पुल (निर्माणाधीन)

6.0 अन्य महत्वपूर्ण आधारभूत ढाँचे का विकास
6.1 जे0पी0 गंगा पथ
पटना शहर में सुगम यातायात के दृष्टिगत शहर के पष्चिमी भाग (दीघा) से पूर्वी भाग (दीदारगंज) को सुलभ सम्पर्कता प्रदान करने हेतु महत्वाकांक्षी जे0पी0 गंगा पथ परियोजना की शुरूआत की गई है। कुल ₹3831.00 करोड़ की लागत से 20 500 कि0मी0 की इस परियोजना का कार्य प्रगति पर है। इस परियोजना हेतु ₹2441.00 करोड़ का वित्त पोषण हुडको से तथा शेष ₹1390.00 करोड़ का वहन राज्य सरकार द्वारा किया जा रहा है। परियोजना क्रियान्वयन के क्रम में गंगा नदी के बहाव की प्रवृति पटना शहर की तरफ की संभावना को दृष्टिगत आई0आई0टी0 रूड़की के विषेषज्ञ दल द्वारा अध्ययन कराया गया एवं प्राप्त सुझाव के अनुरूप गायघाट से दीदारगंज तक पथ तटबंध संरचना के बदले एलिवेटेड संरचना निर्माण करने का निर्णय लिया गया।
दीघा से पी0एम0सी0एच0 पथांष (7 400 कि0मी0) का लोकार्पण दिनांक 24.06.2022 को किया गया है। द्वितीय चरण अर्थात् पी॰एम॰सी॰एच॰ से गायघाट (4.700 कि0मी0) जून 2023 तक एवं गायघाट से पटना घाट (4.500 कि0मी0) तक सितम्बर 2023 तक पूर्ण किये जाने का लक्ष्य है।
दीघा से दीदारगंज तक (20.500 कि0मी0) दिसम्बर 2023 तक पूर्ण करने का लक्ष्य निर्धारित है। इस परियोजना को पटना के यातायात व्यवस्था को सुगम करने के साथ-साथ मनोरंजन स्थल के तौर पर विकसित करने का प्रस्ताव है। जे0पी0 गंगा पथ के दीघा से ए0एन0 सिन्हा संस्थान तक के पथांश में रिभर फ्रंट डेवलपमेंट एवं सौंदर्यीकरण की योजना पर विभाग कार्य कर रहा है।
आगामी चरण में इस पथ को दीघा से पश्चिम शेरपुर तक एवं पूरब में दीदारगंज से बख्तियारपुर तक विस्तारित करने की योजना है। इस हेतु विस्तृत परियोजना प्रतिवेदन तैयार किया जा रहा है।
6.2 कच्ची दरगाह से बिदुपुर के बीच 6-लेन न्यू गंगा पुल
एशियन डेवलपमेंट बैंक के वित्त पोषण से राष्ट्रीय उच्च पथ सं0 30 स्थित कच्ची दरगाह से राष्ट्रीय उच्च पथ सं0 103 स्थित बिदुपुर के बीच 6-लेन ग्रीनफिल्ड पुल परियोजना (₹4988.40 करोड़) का निर्माण कार्य प्रगति पर है। पुल की लम्बाई 9.76 कि0मी0 एवं पहुँच पथ की लम्बाई 10 00 कि0मी0 है। अभी तक लगभग 60 प्रतिशत से अधिक का कार्य किया जा चुका है। सबलपुर से राघोपुर तक (4.50 कि0मी0) का कार्य दिसंबर, 2023 तक पूर्ण कर राजधानी पटना से राघोपुर की सम्पर्कता सुनिश्चित हो जायेगी। इस परियोजना के क्रियान्वयन के दौरान उत्पन्न जटिलताओं का निराकरण कर लिया गया है। सभी कार्य को दिसंबर, 2024 तक पूर्ण करने का लक्ष्य है।
इस पुल के निर्माण से उत्तर बिहार से दक्षिण बिहार की अतिरिक्त संपर्कता हो जायेगी। यह परियोजना पटना रिंग रोड का भी हिस्सा है तथा पटना-बख्तियारपुर 4-लेन पथ के जंक्शन पर निर्बाध परिचालन हेतु ज्तनउचमज संरचना का भी निर्माण किया जा रहा है।
राघोपुर दियारा क्षेत्र का आर्थिक एवं व्यवसायिक विकास के मद्देनजर दियारा क्षेत्र में पथ नेटवर्क सहित राघोपुर रिंग रोड सह सुरक्षा बांध (60.69 कि0मी0) निर्माण की योजना है। इसके निर्माण पर लगभग ₹1600.00 करोड़ रुपये की लागत संभावित है।
6.2 बख्तियारपुर-ताजपुर के बीच गंगा नदी पर पहुँच पथ के साथ पुल परियोजना-
राज्य में जन निजी भागीदारी के अन्तर्गत राष्ट्रीय उच्च पथ सं०-31 के प्रस्तावित बाईपास में करजान गाँव से राष्ट्रीय उच्च पथ सं०-28 में ताजपुर को जोड़ने वाली गंगा नदी पर कुल ₹1602.74 करोड़ रूपये की लागत पर 5.550 कि०मी० लम्बाई का 4-लेन पुल एवं 45.393 कि०मी० 4-लेन पहुँच पथ की योजना स्वीकृत है। विगत तीन वर्षों से रियायतग्राही ¼Concessionaire½ की प्रतिकूल वित्तीय स्थिति के कारण कार्य बाधित था। बिहार में पहली बार OTFI (One Time Fund Infusion) पद्धति का उपयोग कर जन-निजी-भागीदारी के इस परियोजना का पुनरूद्धार किया गया है। इसके तहत परियोजना के शेष कार्य को पूर्ण करने हेतु ₹935 775 करोड़ का OTFI राज्य सरकार द्वारा किया जा रहा है। इस परियोजना में कार्य समाप्ति के पश्चात् Toll से प्राप्त आय के बँटवारा हेतु Water Fall Mechanism का इस्तेमाल किया जाएगा जिसके तहत First Charge on Toll का अधिकार Lender Bank को, इसके बाद राज्य सरकार एवं अन्त में Concessionaire का रहेगा। पूरक / त्रिपक्षीय एकरारनामा की कार्रवाई प्रक्रियाधीन है एवं कार्य को 30 माह में पूर्ण करने का लक्ष्य है।
6.3 मीठापुर से रामगोविन्द सिंह महुली हॉल्ट तक पथ का निर्माण-
राज्य योजना मद अन्तर्गत मीठापुर से रामगोविन्द सिंह महुली हॉल्ट तक 8.86 कि0मी0 लंबे 4-लेन एलीभेटेड पथ का निर्माण कार्य ₹1030.586 करोड़ रू0 की लागत से प्रगति पर है। इस पथ के बन जाने से पटना के दक्षिण भाग से राजधानी आने-जाने में ट्रैफिक सिग्नल मुक्त संपर्कता स्थापित होगी। द्वितीय चरण में मीठापुर से सिपारा तक एन0एच0.30 के ऊपर 4-लेन का निर्माण प्रस्तावित है।
6.5 कारगिल चौक से साईन्स कॉलेज तक डबल डेकर एलिवेटेड कोरिडोरः
पटना शहर अन्तर्गत गाँधी मैदान के कारगिल चौक से साईन्स कॉलेज, पटना तक अशोक राजपथ में सुगम यातायात हेतु डबल डेकर एलिवेटेड कोरिडोर का निर्माण कार्य प्रगति में है, जिसकी लम्बाई 2.20 कि0मी0 एवं लागत ₹422.00 करोड़ है। पी0एम0सी0एच0 से इस कोरिडोर की सम्पर्कता हेतु डबल डेकर के दोनों स्तर से रैम्प का प्रावधान किया गया है। इस कार्य को दिसम्बर, 2024 तक पूर्ण किये जाने का लक्ष्य है।
6.6 लोहिया पथ चक्रः
पटना शहर अन्तर्गत पटना उच्च न्यायालय से पटेल भवन तक नेहरू पथ में विभिन्न जंक्शन पर यातायात का निर्बाध परिचालन सुनिश्चित करने हेतु लोहिया पथ चक्र की स्वीकृति कुल ₹391.48 करोड़ की लागत से की गई है। प्रथम चरण में ललित भवन के पास निर्मित संरचना पर नवम्बर 2021 से यातायात चालू है। द्वितीय चरण में हड़ताली चौक स्थित संरचना का निर्माण कार्य प्रगति में है जिसे जून 2023 तक पूर्ण करने का लक्ष्य है। इसके निर्माण के फलस्वरूप बोरिंग कैनाल रोड, दारोगा राय पथ, अटल पथ एवं नेहरू पथ जंक्शन पर सिग्नल रहित यातायात का परिचालन सुनिश्चित होगा।

7.0 नई तकनीक का अभिनव प्रयोग
7.1 महोदय, पथ निर्माण विभाग अच्छी सड़कों के निर्माण के साथ-साथ उसके उत्कृष्ट संधारण हेतु नये-नये तकनीक का उपयोग कर रहा है। इसी क्रम में विभाग द्वारा OPRMC प्रथम चरण (वर्ष 2013-18) के सफल क्रियान्वयन के पश्चात् OPRMC द्वितीय चरण (वर्ष 2019-25) में 13064 कि0मी0 पथों का 7 वर्षों के लिए संधारण किया जा रहा है।
विभागीय पथों के उत्कृष्ट संधारण के लिए साक्ष्य आधारित विस्तृत एवं सटीक अनुश्रवण हेतु एक नई एवं बेहतर व्यवस्था पथ संधारण ऐपतथा मुख्यालय स्थित कन्ट्रोल एण्ड कमाण्ड सेन्टर (Control and Command Centre) की स्थापना की गई है जिसमें मोबाईल ऐप के माध्यम से पथ की खराबियों का वास्तविक काल (real time) अनुश्रवण के साथ-साथ क्षेत्रीय अभियंताओं द्वारा निर्धारित निरीक्षण चक्र सुनिश्चित कराया जा रहा है। सभी पथों में पाये जा रहे कमियों का आँकड़ा संकलित किया जाता है ताकि बार-बार खराब होने वाले पथों को OPRMC से विलोपित कर विस्तृत तकनीकी जाँच के आधार पर मजबूतीकरण की कारवाई की जा सके। इस नूतन व्यवस्था से पथों के रख-रखाव में काफी सुधार आया है। इसी क्रम में विभाग द्वारा 28 अक्टूबर 2022 को पॉटलेस दिवस के रूप में घोषित करते हुए सभी पथांषों को छठ से पूर्व पॉटलेस करने का लक्ष्य प्राप्त किया गया।
इस अभिनव तकनीक के अध्ययन हेतु कोलकाता स्थित आस्ट्रेलियन वाणिज्यिक दूतावास के सदस्यगण, भारतीय राष्ट्रीय राजमार्ग प्राधिकरण के अध्यक्ष एवं अन्य राज्यों यथा उड़ीसा एवं उत्तर प्रदेश के वरीय अभियंताओं के दल द्वारा कन्ट्रोल एण्ड कमाण्ड सेन्टर का भ्रमण किया गया।
पटना शहर के अन्तर्गत विभिन्न फ्लाईओवर, महत्वपूर्ण पुलों एवं मुख्य मार्गों पर सजावटी रोशनी एवं प्रकाश की व्यवस्था की गयी है।
8.0 सड़क सुरक्षा
8.1 पथ निर्माण विभाग द्वारा सड़कों पर दुर्घटनाओं के रोकथाम के लिये पथों का सड़क सुरक्षा अंकेक्षण (Road Safety Audit) का कार्य लगातार किया जा रहा है तथा सड़कों का संरचनात्मक सुधार एवं सड़क सुरक्षा उपायों को क्रियान्वित किया जा रहा है। इसके तहत राज्य सरकार द्वारा अबतक कुल 159 ब्लैक स्पॉट पर संरचनात्मक सुधार कर लिया गया है। इसके अतिरिक्त सभी पथों में सड़क सुरक्षा अंकेक्षण के सभी सुझावों यथा- जंक्शन उन्नयन, दुर्घटना प्रबल स्थानों पर यातायात शांत करने के उपाय, रोड साईनेज, रोड मार्किंग, जेब्रा क्रॉसिंग, गति सीमा संकेतक चिन्ह एवं रम्बल स्ट्रीप आदि का प्रावधान किया जा रहा है ताकि दुर्घटनाओं एवं उससे होने वाली क्षति को न्यूनतम किया जा सके। वाहनों के तीव्र गति को नियंत्रित करने के लिए परिवहन विभाग के द्वारा मोबाईल स्पीड रडार गन की व्यवस्था जे0पी0 गंगा पथ में की गयी है।
9.0 नई नियुक्तियाँ
9.1 महोदय, पथ निर्माण विभाग के कार्य संस्कृति में बदलाव एवं विगत वर्षों से हासिल किये गये उपलब्धियों में विभागीय अभियंताओं का योगदान महत्वपूर्ण रहा है। विगत एक वर्ष में 248 सहायक अभियंताओं की नियुक्ति बिहार लोक सेवा आयोग के अनुशंसा के आधार पर एवं33 कनीय अभियंताओं की नियुक्ति बिहार तकनीकी सेवा आयोग के अनुशंसा पर की गई है।
31 सहायक अभियंता (असैनिक) की नियुक्ति हेतु बिहार लोक सेवा आयोग को अनुशंसा भेजी गई है। विभागीय अनुशंसा के आलोक में 463 कनीय अभियंता(असैनिक), 62 कनीय अभियंता (यांत्रिक) एवं 10 कनीय अभियंता (विद्युत) की नियुक्ति हेतु बिहार तकनीकी सेवा आयोग द्वारा कार्रवाई की जा रही है।

10.0 प्रशिक्षण, परीक्षण एवं शोध
10.1 प्रशिक्षण, परीक्षण एवं शोध संस्थान का मूल उद्देश्य पथ निर्माण विभाग अन्तर्गत चल रही योजनाओं में उच्च गुणवत्ता स्थापित करना एवं अभियंताओं को आधुनिकताम तकनीकी का प्रशिक्षण प्राप्त करवाना है। राज्य प्रशिक्षण नीति के तहत कनीय अभियंताओं से मुख्य अभियंता स्तर तक के पदाधिकारियों का नियमित प्रशिक्षण यथा- Induction Course, Orientation Course एवं Refresher Course का आयोजन वाल्मी पटना में किया जाता है। साथ ही देश के प्रतिष्ठित प्रशिक्षण संस्थानों यथा- CRRI-New Delhi, ASCI- हैदराबाद IAHE-Noida, NICMAR-Pune एवं IIT जैसे संस्थानों में लगातार कई वर्षों से विभाग के अभियंताओं को प्रशिक्षण हेतु भेजा जाता है एवं Webinar के माध्यम से भी अभियंताओं का ज्ञान संवर्द्ध्रन कराया जा रहा है। विगत वर्ष अप्रैल 2022 से दिसम्बर 2022 तक देश के ख्याति प्राप्त संस्थानों/संस्थानों के विशेषज्ञों द्वारा 18 Online/Offline प्रशिक्षण कार्यक्रम के अन्तर्गत मुख्य अभियंता से कनीय अभियंता स्तर के कुल 613 अभियंताओं को प्रशिक्षण कराया गया। इसके अतिरिक्त अभियंत्रण एवं पोलिटेक्निक संस्थानों में अध्ययनरत कुल 380 छात्र/छात्राओं को Internship/ Inplant Training/Industrial Training/Vocational Training के तहत पथ निर्माण विभाग के विभिन्न प्रमंडलों, BRPNNL, BSRDCL एवं परीक्षण एवं शोध संस्थान से प्रशिक्षण कराया गया।
10.2 माह अप्रैल 2022 से माह दिसम्बर 2022 तक परीक्षण एवं शोध संस्थान, पटना के द्वारा उड़नदस्ता प्रमंडलों एवं अन्य से प्राप्त नमूनों में कुल 115 बिटूमिनस एवं 66 नन बिटूमिनस नमूनों के जाँच को संपादित किया गया। इस संस्था के द्वारा विभिन्न परियोजनाओं के निरूपण आदि हेतु आवश्यक जाँच भी संपादित किए जाते हैं।
इनके द्वारा BIS/IRC/MORT&H द्वारा निर्धारित मापदण्डों के अनुरूप जाँच कार्य सम्पन्न किया जाता है। विभाग के अधीन निर्माणाधीन कार्यों की गुणवत्ता जाँच हेतु त्रि-स्तरीय व्यवस्था स्थापित है, जिसमें प्रथम स्तर पर संबंधित प्रमंडल की गुण नियंत्रण ईकाई, द्धितीय स्तर पर क्षेत्रीय गुण नियंत्रण ईकाई के रूप में अंचल स्तरीय उड़नदस्ता दल और तृतीय स्तर पर मुख्यालय स्थित चार उड़नदस्ता प्रमंडल कार्यरत है। मुख्यालय स्तर पर प्राप्त शिकायतों/परिवादों के आलोक में एवं निदेशानुसार कार्यरत योजनाओं में गुणवत्ता बनाये रखने हेतु प्रत्येक उड़नदस्ता प्रमंडलों द्वारा पथों का औचक निरीक्षण एवं जाँच सुनिश्चित की जाती है। इनके द्वारा मंत्रिमंडल निगरानी विभाग, तकनीकी परीक्षक कोषांग के निदेशों के आलोक में जाँच कार्य सम्पन्न किया जाता है।
उड़नदस्ता जाँच दल से प्राप्त जाँचफल की समीक्षा हेतु विभाग में दो समिति यथा मुख्यालय स्तर पर मुख्य अभियंता (अनुश्रवण) की अध्यक्षता में त्रिसदस्यीय उड़नदस्ता जाँच मूल्यांकन समिति एवं दूसरी मुख्य अभियंता (संबंधित) की अध्यक्षता में त्रिसदस्यीय क्षेत्रीय उड़नदस्ता जाँच मूल्यांकन समिति गठित है। इसके अतिरिक्त मुख्यालय स्तर पर तकनीकी पहलूओं की समीक्षा हेतु अभियंता प्रमुख की अध्यक्षता में सात सदस्यीय तकनीकी समिति भी गठित है।
विभाग में पारदर्शिता हेतु इन जाँच प्रतिवेदनों को जन-साधारण के अवलोकन के प्रयोजन से सार्वजनिक डोमेन में प्रदर्शित किया जा रहा है।
10.3 विश्वस्तरीय मानकों के अनुरूप सड़कों एवं पुलों के निर्माण में नवीनतम तकनीक से अवगत कराने के उद्देश्य से बिहार सड़क शोध संस्थान की स्थापना प्रक्रियाधीन है।
पथ निरूपण, निर्माण, संधारण, सड़क सुरक्षा, नई तकनीक का उपयोग, अभियंताओं को विश्वस्तरीय मानक प्रशिक्षण, waste material का निर्माण कार्यों में उपयोग, तमबलबसपदह तकनीक इत्यादि क्षेत्र में इस संस्थान द्वारा अग्रणी भूमिका निभायी जायेगी।
11.0 वित्तीय वर्ष 2023-24 हेतु नई परियोजनाओं की घोषणाः
दीघा से दीदारगंज तक जे0पी0 गंगा पथ की उपयोगिता एवं आमजनों में इसकी लोकप्रियता के दृष्टिगत जे0पी0 गंगा पथ को दीघा से शेरपुर तक 6-लेन संरचना का विस्तार। इस पथांश की लम्बाई लगभग 11 50 कि0मी0 एवं संभावित लागत राशि लगभग ₹3100 करोड़ होगी। इसके निर्माण से गंगा नदी पर प्रस्तावित शेरपुर-दिघवारा 6-लेन पुल की उपयोगिता बढ़ जाएगी।
जे0पी0 गंगा पथ के दीघा से ए.एन.सिन्हा संस्थान तक के पथांश में रिभर फ्रन्ट डेवलपमेंट एवं सौन्दर्यीकरण की परियोजना। इस परियोजना अन्तर्गत छठ घाटों का सुव्यवस्थित तरीके से विकास, वे-साईड सुविधाएँ एवं पार्किंग की व्यवस्था शामिल है। इस परियोजना पर लगभग ₹500 करोड़ की लागत संभावित है।
राज्य एवं राज्य के बाहर के पर्यटकों को न्यूनतम समय में अन्तर्राष्ट्रीय महत्व के पर्यटन स्थल राजगीर पहुँचने के उद्देश्य से निर्माणाधीन करौटा-तेलमर पथ के मार्गरेखण में नूरसराय से सिलाव तक 25.60 कि0मी0 नया 4-लेन ग्रीनफील्ड सड़क परियोजना का ₹862 करोड़ की लागत से निर्माण।
राघोपुर दियारा क्षेत्र को बाढ़ की विभीषिका से सुरक्षा प्रदान करने एवं राघोपुर क्षेत्र में आन्तरिक सड़कों का ₹1600 करोड़ की लागत से निर्माण।
सहरसा जिलान्तर्गत कोशी नदी पर डेंगराहीघाट उच्च स्तरीय पुल (2.80 कि0मी0 लम्बाई) का लगभग ₹415 करोड़ की लागत से निर्माण।
11.0 महोदय, पथ निर्माण विभाग के अधीन क्रियान्वित की जा रही सभी परियोजनाओं से संबंधित विस्तृत विवरणी विभागीय प्रतिवेदन में अंकित कर माननीय सदस्यों के अवलोकनार्थ रक्षित है।
माननीय अध्यक्ष महोदय,
आपकी अनुमति से अब मैं वित्तीय वर्ष 2023-24 के लिए अनुदान माँग संख्या-41 के अधीन पथ निर्माण विभाग का 59 अरब 18 करोड़ 86 लाख 67 हजार रूपये का अनुदान माँग स्वीकृति हेतु सदन के समक्ष प्रस्तुत कर रहा हूँ।