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औरंगाबाद में समाधान यात्रा के दौरान नीतिश कुमार पर फेंका कुर्सी चेहरे के पास गिरा टुकड़ा

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बिहार / मुख्यमंत्री नीतीश कुमार पर इस बार कुर्सी फेंकने की कोशिश हुई हैं। कुर्सी की एक टांग मुख्यमंत्री के चेहरे के पास से गुजरती हुई सुरक्षाकर्मी के हाथ में आई, प्लास्टिक कुर्सी का यह टुकड़ा एक पल भी बाद आता तो आगे बढ़ रहे मुख्यमंत्री के चेहरे पर ही लगता। चारों तरफ सुरक्षाकर्मियों से घिरे मुख्यमंत्री पर यह टुकड़ा भारी भीड़ और समर्थकों की नारेबाजी के बीच फेंका गया। ड्रोन मॉनीटरिंग की स्थिति में ही फेंकने वाले की पहचान हो सकती है, लेकिन बताया जा रहा है कि मुख्यमंत्री नीतीश कुमार पर इस तरह के हमले की भर्त्सना पक्ष-विपक्ष के नेताओं की ओर से की जाती रही है, लेकिन ऐसा कई बार हो चुका है। ऐसी घटनाओं के कारण सुरक्षा-व्यवस्था पर भी सवाल खड़े होते हैं और कई बार ऐसी चूक के नाम पर कार्रवाई भी हो चुकी है। कुर्सी को मुख्यमंत्री के चेहरे तक पहुंचाने वाले कोई खतरनाक सामान भी फेंक सकते थे। भीड़ में जा रहे मुख्यमंत्री ऐसी घटनाओं में निजी तौर पर ऐसे लोगों को माफ करते चल रहे हैं, लेकिन अबतक की घटनाएं बड़े खतरे की ओर संकेत देती रहती हैं।

मुख्यमंत्री नीतीश कुमार के काफिले पर पिछले साल अगस्त में फूलों की माला फेंके जाने का मामला सामने आया था। माला जदयू के किसी नेता ने काफिले पर फेंकी थी, जिसपर उन्हें हिरासत में भी लिया गया था। उससे पहले, 12 अप्रैल को गृह जिला नालंदा में मुख्यमंत्री की ओर पटाखा फेंक दिया गया था। यह पटाखा 5-6 फीट दूर गिरा और कारपेट जल गया।

2020 की चुनावी सभा में मधुबनी के हरलाखी में नीतीश के मंच पर प्याज फेंका गया था तो उन्होंने इसपर युवक को मंच से ही सीख दी थी। उससे पहले 2018 में युवा जदयू के एक कार्यक्रम के दौरान औरंगाबाद के एक युवक ने मुख्यमंत्री की ओर चप्पल फेंक दी थी। सबसे ज्यादा चर्चित मामला 28 जनवरी 2016 का था, जिसमें पटना जिले के बख्तियारपुर में स्वतंत्रता सेनानियों की याद में आयोजित कार्यक्रम के दौरान एक युवक ने अपना जूता निकालकर मुख्यमंत्री की ओर उछाल दिया था।