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कोरोना वैक्सीन पर केंद्र सरकार का यूटर्न शर्मनाक : जदयू

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पटना /जदयू के प्रवक्ता डा सुनील कुमार एवं श्री राहुल कुमार ने मोदी सरकार द्वारा कोविड वैक्सीन के दुष्प्रभावों से होने वाली मौत पर मुआवजा देने से इंकार करने की निंदा करते हुए कहा कि केंद्र सरकार को वैक्सीन के कारण हुयी मौतों को गंभीरता से लेना चाहिए एवं मृतकों के परिजनों को मुआवजा देना ही चाहिए।
प्रवक्ताओं ने कहा कि नीतीश सरकार ने कोविड से होने वाली मौत पर उनके आश्रितों को देश में सबसे पहले और सबसे ज्यादा 4- 4 लाख का मुआवजा दिया, जबकि केंद्र की मोदी सरकार ने मात्र 50 हजार का ही मुआवजा दियाl वहीं अब कोरोना वैक्सीन से होने वाली मौतों पर एक रुपये भी मुआवजा देने से इंकार कर रही है। रचना गंगू और वेणुगोपाल गोविंदम की बेटियों की 10 जुलाई को मृत्यु हो गयीl दोनों ने सुप्रीम कोर्ट का दरवाजा खटखटाया, जिस पर सुप्रीम कोर्ट ने सरकार से जवाब माँगा था
प्रवक्ताओं ने कहा कि 23 नवम्बर 2022 को सुप्रीम कोर्ट को दिए गए अपने एफिडेविट में केंद्र सरकार ने पूरी बेशर्मी के साथ पारा 41 में कहा कि केंद्र सरकार ने किसी को कोविड वैक्सीन लेने के लिए बाध्य नहीं किया था बल्कि यह स्वैच्छिक था। पारा 46 में कहा कि कोविड वैक्सीन बनाने की जिम्मेदारी निजी कंपनी की थी, इसलिए मुआवजे की जिम्मेदारी सरकार की नहीं है। जबकि पूरा देश जानता है कि लोग अगर वैक्सीन नहीं लेते तो वो कहीं भी नहीं जा सकते थे, सभी जगह प्रतिबन्ध लगा दिया गया थाl लोग बस, ट्रेन, हवाई जहाज में नहीं बैठ सकते थे, न मॉल जा सकते थे, यहाँ तक कि सरकारी कर्मचारियों के वैक्सीन नहीं लेने पर उनकी सैलरी नहीं मिलने की बात कही गयी।
प्रवक्ताओं ने कहा कि पूरा देश जानता है कि किस तरह प्रधानमंत्री जी ने देश में ऐसा माहौल बनाया कि उन्होंने विश्व की अब तक की सबसे घातक महामारी कोरोना की वैक्सीन खुद बनायी। लेकिन अब जब उसी वैक्सीन से मरने वालों के परिजन अपना हक मांग रहे हैं तो मोदी सरकार बड़ी बेशर्मी से अपनी जिम्मेदारियों से पल्ला झाड़ रही है।

ज्ञात है कि देश में अब तक कोविड टीकाकरण के प्रतिकूल प्रभाव के 92114 मामले सामने आ चुके हैं, जिसमें से 2782 गंभीर मामले हैं और अब तक 1148 लोगों की मृत्यु हो चुकी है। यह संख्या लगातार बढ़ रही है।
प्रवक्ताओं ने कहा कि एक तरफ केंद्र सरकार कोविड टीकाकरण के कारण होने वाली मौतों की जिम्मेदारी नहीं ले रही है, दूसरी तरफ चीन, नेपाल, ताइवान,रूस फ्रांस, जर्मनी, कनाडा और अमेरिका जैसे दुनिया के ज्यादातर देश कोविड वैक्सीन से होने वाली मौतों पर अपने नागरिकों को लाखों का मुआवजा दे रहें है। विश्व स्वास्थ्य संगठन ने जिन गरीब और पिछड़े 92 देशों में मुफ्त टीकाकरण करवाया था, वहां भी डब्लूएचओ द्वारा इस तरह की मौतों पर मुआवजा दिया जा रहा है।