उत्तर प्रदेश

अनाज, किताब, इलाज और कफन आदि पर जीएसटी लगाकर मोदी सरकार ने गरीबों के साथ क्रूर मजाक : राम सुदिष्ट यादव (समाजवादी पार्टी, प्रदेश सचिव)

बिहार हलचल न्यूज ,जन जन की आवाज
Listen to this article

न्यूज़ डेस्क 

बिहार/  समाजवादी पार्टी के प्रदेश सचिव राम सुदिष्ट यादव ने नए जीएसटी दर को लेकर( आर एस एस ) के निर्देशन में चल रही केंद्र के नरेंद्र मोदी सरकार पर हमला करते हुए उन्होंने कहा कि अनाज, किताब, इलाज और कफन आदि पर जीएसटी लगाकर मोदी सरकार ने गरीबों के साथ क्रूर मजाक किया है। आजाद भारत में पहली बार अनाज और कफन पर टैक्स लगाया गया है। लोगों के मरने के बाद दाह संस्कार से भी टैक्स दक्षिणा जबरन लेकर जनता को कंगाल बनाने की योजना है। इस प्रकार के टैक्स से गरीब और निचले तबके पर इसका ज्यादा असर पड़ेगा। जनता पछले आठ सालों से तबाह हो चुकी है।

Add 1 अनाज, किताब, इलाज और कफन आदि पर जीएसटी लगाकर मोदी सरकार ने गरीबों के साथ क्रूर मजाक : राम सुदिष्ट यादव (समाजवादी पार्टी, प्रदेश सचिव)
उन्होंने कहा कि देशवासी नोटबंदी के बाद से बदहाल अर्थव्यवस्था, बेतहाशा रिकॉर्ड तोड़ महंगाई, बेरोजगारी और नौकरी के विकल्पों के अभाव से पहले ही तंग हैं। इस नए बोझ ने उनकी परेशानी और बढ़ा दी है। नए जीएसटी के चलते दूध-दही, घी, आटा, चावल, स्टेशनरी के भाव 10-15 फीसदी बढ़ गए हैं। लोगों के भोजन के साथ-साथ पढ़ाई-लिखाई पर इसका सीधा असर पड़ना तय है। हर माह बेरोजगारों की संख्या में डेढ़-दो करोड़ का इजाफा हो रहा है।
देश की शासन-प्रशासन, नौकरी, रोजगार, सरकारी संसाधन में अनुपातिक प्रतिनिधित्व नही है वैसे वर्ग के लिए दिन-प्रतिदिन सरकार घातक कानून बनाती जा रही है और लोग चुपचाप टुकुर-टुकुर देख रही है। जनता और राजनयिक मानसिक रूप से गुलाम होने कारण सिर्फ और सिर्फ अपनी जिंदगीभर के लिए सोच पा रही है,इसलिए सरकार के हरेक जनविरोधी फैसला सहन करती जा रही है। जबकि जनता एवं राजनयिक दोनों कम  से कम सौ साल आगे तक अपनी दृष्टि को फैलाकर देखना चाहिए कि यही स्थिति रहा तो सौ साल बाद हमारा समाज, वर्ग किस हाल में कहां रहेगा।

उन्होंने ने कहा कि सरकार की गलत आर्थिक नीतियों और बिना सोचे समझे लिए गए अतार्किक फैसलों से एक ओर आय के विकल्प लगातार खत्म हो रहे हैं। वहीं दूसरी ओर बढ़ती महंगाई और लगातार नए टैक्सों के कारण बचत और जीवन यापन कठिनतम होता जा रहा है। केंद्र सरकार की जनविरोधी नीतियों से आम आदमी, गरीब, मजदूर, किसान का जीना मुस्किल हो गया है। छोटे और मंझोले किसान एवं व्यापारी बर्बाद हो रहे हैं। शिक्षा और स्वास्थ्य व्यवस्था आम नागरिकों की पहुंच से बाहर होती चली जा रही है। उठो जवानों अंगराई लो फासिस्टवादी को भगाने को संकल्पित हों।