बिहार

खाने की जरूरी चीजों पर 5% GST लगाने का फैसला जनविरोधी- आप

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न्यूज़ डेस्क

पटना/ केंद्र सरकार द्वारा जीएसटी की दरों में बढ़ोतरी करने, अनाज और गुड़ पर प्रस्तावित 5 प्रतिशत जीएसटी जो कि 18 जुलाई 2022 से लागू किया जा रहा हैं, उसके विरोध में देश भर के थोक और खुदरा अनाज मंडियां शनिवार को बंद रहीं। गल्ला व्यपारियों ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी एवं केन्द्रीय वित्त मंत्री निर्मला सीतारमन के नाम ज्ञापन सौंपा है।

आम आदमी पार्टी बिहार के प्रदेश प्रवक्ता बबलू प्रकाश एवं प्रदेश मीडिया समन्वयक राजेश सिन्हा ने एक संयुक्त बयान जारी कर कहा कि डिब्बा या पैकेट बंद खाने पीने के प्रोडक्ट जैसे दही, पनीर, लस्सी, शहद, सूखा मखाना, सूखा सोयाबीन, मटर जैसे उत्पाद, चावल, गेहूं और अन्य अनाज पर पांच प्रतिशत जीएसटी लगाने का फैसला जनविरोधी है।

बबलू ने कहा कि बिना ब्रांड वाले खाद्य पदार्थों को जीएसटी के तहत लाना आम जनता और व्यापारियों के पक्ष में नहीं है। मंडियों में उथल-पुथल और अनिश्चितता का माहौल है। लूज आटा दो रुपये प्रति किलो महंगा हो गया है। दालों के भाव में भी तेजी की आशंका बनी हुई है।

बबलू ने केंद्र सरकार से मांग किया है कि आम जनता के हित को देखते हुए ब्रांडेड कि तरह अनाज और इससे बने उत्पादों की लूज बिक्री को जीएसटी के दायरे से बाहर रखा जाए और देश के सूक्ष्म, लघु एवं मध्यम उद्योगों और खाद्यान्न व्यापार से जुड़े सभी खुदरा व्यापारियों के हित मे जीएसटी को निरस्त किया जाए।