गंगा की पवित्रता फिर बहाल
गंगा नदी में होने वाला प्रदूषण पिछले कई सालों से भारतीय सरकार और जनता के लिए चिंता का विषय बना हुआ है।इस नदी उत्तर भारत की सभ्यता और संस्कृति की सबसे मजबूत आधार है।
गंगा की सफाई को लेकर चिंतित सरकार ने अब उसके किनारे प्राकृतिक खेती करने का बीड़ा उठाया है जो समयानुकूल है।
गंगा को साफ करने के लिए अब तक चलाए गए अभियान अपने उद्देश्य में सफल नहीं हो पाए हैं।यही वजह है कि आज गंगा का स्वरूप बदला नजर नहीं आता।गंगा के किनारे प्राकृतिक खेती के लिए सरकार ने जो योजना तैयार की है वह सफल हो सकती है।
किनारों पर खेती से गंदगी फैलाने वालों को मौका नहीं मिलेगा और धीरे धीरे गंगा की पवित्रता फिर बहाल हो सकेगी।