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बिहार में 17 साल के घोटालों की फाइलें जलाई जा रही हैं सभी महकमे में घोटाले की फाइलों, दस्तावेजों को जमींदोज किया जा रहा : पप्पू यादव

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रामजी यादव

पटना /यह बात अब बिल्कुल साफ होते जा रही है कि सुशासन बाबू की सरकार कुछ हफ्तों या दिनों की मेहमान है । इसी बात को देखते हुए नीतीश के खेमे के सभी आईएएस अफसर, बिहार प्रशासनिक सेवा के अफसर, ठेकेदार और माफिया , जातीय सामंत अपने घोटाले लूटपाट और सभी संदिग्ध कारगुजारियों के सबूत मिटाने लगे हैं।
उसके लिए पिछले कुछ सप्ताह से ही ऐसा व्यापक खेल और षड्यंत्र चल रहा है।
सबसे पहले तो सभी विभागों से पुराने एवं घोटालों को साक्ष्य सबूत को कंप्यूटर हार्ड डिस्क से भी गायब करने की शुरूआत कर दी गई ।
अप्रैल के अंत तक कई प्रमुख विभाग के काग़ज़ को गायब कर दिया गया। यही काम जारी है।
इन अफसरों ,माफिया नेताओं ,मंत्रियों, बिचौलियों और दलालों को लगता है कि मोदी सरकार तक नहीं रहेगी। अगर भाजपा की सरकार आएगी तो सृजन घोटाले की तरह सरकार के हर कामकाज की समीक्षा करेगी जांच होगी । बड़े नेता तो बच जाएंगे लेकिन अफसर पकड़े जाएंगे।
अभी पिछले 16 साल से लगातार महत्वपूर्ण पदों पर बैठकर लूटपाट करने वाले 2 दर्जन से अधिक भाषाएं आईपीएस अफसर और बिहार प्रशासनिक सेवा के भी दर्जनों अफसरों को भाजपा और संघ ने पहले से ही चिन्हित करके रखा है।
इन पर तो गाज गिरनी लगभग तय है। इसलिए इन अफसरों और संबंधित मंत्रियों में खासा हड़कंप है। ग्रामीण विकास विभाग, स्वास्थ्य विभाग ,शिक्षा विभाग ,ऊर्जा विभाग ग्रामीण कार्य विभाग, भवन निर्माण विभाग आदि एक दर्जन महत्वपूर्ण विभागों के पुराने अफसरों से लेकर वर्तमान अफसरों एवं माफिया तत्वों, ठेकेदारों में काफी हड़कंप है ।
उनमें जेल जाने और नई सरकार के आने पर खुद के शंट किए जाने, भारी कमीशन लौटाने से बचने के लिए व्यापक पैमाने पर बचने की तैयारी की जा रही है । कागजात जलाए जा रहे हैं।
इन सारे अफसरों नेताओं मंत्रियों और ठेकेदार, माफिया तत्वों यानी पूरे नेक्सस और सिंडिकेट में एक अलग किस्म की बेचैनी है । इनका मानना है कि अगर कुछ महीनों के लिए तेजस्वी ,नीतीश का गठबंधन भी हो जाए तो भी यह सरकार अधिक भी नहीं चलेगी ।
भाजपा सरकार आते ही सारे मामलों की जांच शुरू कर देगी । इसलिए व्यापक पैमाने पर घोटालों को दफन किया जा रहा है। इसके पहले विकास भवन में आग लगाकर स्वास्थ्य विभाग, शिक्षा विभाग के कागजातों को जला दिया गया ।
उसके पूर्व पुराना सचिवालय विभाग के ग्रामीण विकास विभाग के दफ्तर में आग लगवा कर कई दस्तावेज, कई कंप्यूटर ,हार्ड डिस्क, सॉफ्टवेयर आदि को जलवा दिया गया। महत्वपूर्ण सरकारी मकानों में रह रह कर आग लगाने की घटनाएं पिछले 2 साल से बढ़ गई।
जानकार एवं विश्वस्त के अनुसार आलम यह है कि आग की छोटी मोटी घटनाओं में सारे महत्वपूर्ण कागजातों को जला हुआ दिखा दिया जाता है। विश्वेश्वरैया भवन में बुधवार की सुबह लगी आग गुरुवार की सुबह तक नहीं बुझ पाई थी। ग्रामीण कार्य विभाग के समेत कई विभागों के कागजात भी जल रहे हैं ।
फायर ब्रिगेड की डीजी शोभा अहोतकर ने भी अपनी आशंका साफ कर दी है। उनके मुताबिक आग बुझाने का काम प्रशासन के सहयोग नहीं करने के कारण 2 घंटा विलंब से शुरू किया गया। परिसर में पानी नहीं मिला।
स्थानीय प्रशासन का कोई सहयोग फायर ब्रिगेड वालों को नहीं मिला। वहां पर जमा सभी अफसरों और कर्मचारियों की हार्दिक इच्छा थी कि आग देर तक लगी रहे ताकि वे अपने कागजातों को जला हुआ दिखा दें।
मालूम हो कि शोभा अहोतकर एक निडर और बहादुर महिला आईपीएस अफसर हैं । वे निष्पक्ष ढंग से काम करती हैं। दरभंगा प्रमंडलीय आयुक्त रहते हुए उन्होंने करीब 20 साल पूर्व वहां के राजद सांसद को भी राष्ट्र विरोधी गतिविधियों में पकड़ा था और अपनी रिपोर्ट में उनका नाम स्पष्ट रूप से शामिल करके भेज दिया था। निष्पक्ष और ईमानदार अफसर रहने के कारण वर्तमान सरकार ने उनको शंटिंग पद पर रखा है।
लेकिन इस ईमानदार महिला अफसर ने कल फिर सरकार की कारगुज़ारियों को काफी हद तक खोल कर रख दिया है।