बिहार

रामनवमी के अवसर पर मौदही में चैता कार्यकर्म के उद्घाटन किया

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राजकुमार यादव

किसी भी देश व गाँव की पहचान कला, संस्कृति, खेल एवं लोक परम्पराओं से होती है गाँव के लोकगाथा, कला व संस्कृति को जीवंत बनाये रखने की जरूरत है ये बातें बिहटा प्रखण्ड प्रमुख मानती देवी के प्रतिनिधि सह पूर्व पैक्स अध्यक्ष कृष्णा प्रसाद उर्फ उजागीर यादव ने रामनवमी के अवसर पर मौदही में चैता कार्य कर्म के उद्घाटन करते हुए कही उन्होंने कहा कि आधुनिकता के दौर में टीवी चैनल्स पर अश्लील फिल्मों एवं फुहरपन गानो ने ग्रामीण सभ्यता व संस्कृति को तोड़ कर रख दिया है। जिससे रहन सहन, खान पान, एवं लोक लज्जा में काफी बदलाव आया है ।पहले ग्रामीण क्षेत्रों में लोकगाथाओं के माध्यम से बारहमासा लोकगीत, फगुआ, चैति, लोरिकाई, अल्हा उदल भैरवी इत्यादि गीतो एवं लोक कला के माध्यम से समाज में जागरूकता फैलाकर एक सूत्र में बांधने में महत्वपूर्ण भूमिका होती थी ।

लेकिन आधूनिकता के चौका चौध में लोक गाथा एवं सांस्कृतिक कार्यक्रम पर संकट का बादल छा गया है। इसे अक्षुण्ण बचाये रखने के लिए इस तरह के कार्यक्रम को बढावा देने की आवश्यकता है ।ताकि गाँव की संस्कृति लुप्तप्राय नहो जाये पूर्व प्राचार्य राम सुन्दर राय ने कहा कि समाजिक बदलाव से गाँव का चरित्र बदल सकता है इसके लिए गांव में शिक्षा के स्तर को बढाकर पौराणिक संस्कृति को बचाना जा सकता है ।ग्रामीण शिक्षा एवं प्रबंधन से समाजिकरण हो सकता है। उक्त अवसर पर स्थानीय कलाकारों द्वारा चैता के माध्यम से दर्शक झुमते नजर आये उपस्थित लोगों में रामबालक राय, इन्द्रासन राय, कृष्ण प्रसाद, विजय यादव, सजीवन कुमार, रामविशुन, रामधारी राय, बीपी मंटू कुमार, भेखा राय इत्यादि शामिल थे।