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बिहार विधान सभा में नेता प्रतिपक्ष तेजस्वी यादव के भाषण का मुख्य बिन्दु

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News डेस्क

बिहार स्टार्ट- अप नीति के अंतर्गत युवाओं की उद्यमता को बढ़ावा देने के लिए 500 करोड़ के Venture Capital का प्रावधान किया गया पर यह प्रक्रिया जटिल होने के कारण 2018 -19 में 5 हजार आवेदन में से मात्र 60 को ही इसका लाभ मिल पाया।

1. एक रिपोर्ट अनुसार देश में किसानों की सबसे कम आय बिहार के किसानों की हैI

2. औसत हर भारतीय किसान परिवार 77,124 रु. सालाना कमाता हैI वहीं बिहार में यह आय देश में सबसे कम महज 42,684 रु. है यानि मात्र 6,223 रु. प्रति माहI

3. नीति आयोग के MPI (Multi Dimensional Poverty Index) बहुआयामी गरीबी सूचकांक में बिहार देश का सबसे गरीब राज्य हैI बिहार की 52% आबादी गरीब हैI गरीबी, Nutrition, Maternal Health School Attendance इत्यादि मानकों में बिहार सबसे नीचे हैI

4. नीति आयोग की Report अनुसार बिहार के 38 में से 22 जिलों में 50% से अधिक गरीब लोग है और 11 जिलों में 61% से अधिक गरीब लोग है—

5. प्रधानमंत्री आर्थिक सलाहकार परिषद (EAC-PM) द्वारा जारी Report के अनुसार 10 साल से कम उम्र के बच्चों में साक्षरता के स्तर को बताने वाले Foundational Literacy Index & Numeracy Index में बिहार सबसे नीचे है।

6. महिलाओं का शोषण और कुपोषण बिहार में चरम पर है। National Rural Health Mission Report के अनुसार 70% महिलाएँ 15 से 49 वर्ष ग्रुप में कुपोषित हैं ।

7. देश में सबसे अधिक महंगी बिजली बिहार में है और मात्र 350 किलोवाट Per Capita बिजली Consumption है जो भारत में सबसे कम है। यहाँ तक कि नागालैंड (356 kw) मणिपुर में 371 kw और त्रिपुरा में 514 kw का बिजली Per Capita Consumption है।

8. ठीक इसी प्रकार हर घर नल का जल योजना कुव्यवस्था और भ्रष्टाचार की भेंट चढ़ गया है।

9. घर तक पक्की गली नालियों का योजना भी भ्रष्टाचार एवं बिचौलियों के हाथों बर्बाद हो गयी है।

10. सरकार ने वादा किया था कि भूमिहीन दलित-महादलित को 3 डिसमिल जमीन देगी जो एक छलावा ही साबित हुआ।
“जिसके किरदार पे शैतान भी शर्मिंदा है
वो भी आये हैं यहां करने नसीहत हमको “

Education:-
नीति आयोग के स्कूलीशिक्षा गुणवत्ता सूचकांक (SEQI) मे बिहार फिसड्डी है और देश के अंतिम राज्यों मे है।
1. बिहार में 18 से 23 वर्ष के लगभग 1.25 करोड़ युवा हैं जिसमें से बिहार में मात्र 1,78,831 स्टूडेंट ही Enrolled हैं| इसका मतलब यह है कि 1,23,21,167 युवा उच्च शिक्षा से दूर हैं। या फिर अन्य प्रदेशों में पढाई के लिए चले गए हैं| इससे Brain Drain के साथ साथ Money Drain भी हो रहा है।

2. स्कूलों मे छात्र Drop Out rate देश मे सर्वाधिक है। गुणवत्तापूर्ण शिक्षा मे Top-20 मे से बिहार का 19वें नंबर पर है।

3. वहीँ बिहार में सबसे ज्यादा 70% बच्चों का पहली से दसवीं कक्षा के बीच Drop Out रेट है।

4. ASER रिपोर्ट 2017-18 देखें तो पता चलता है कि बिहार के 90% स्कूल में कंप्यूटर लैब नहीं है। 30% में लाइब्रेरी नहीं है। 60% स्कूल में प्ले ग्राउंड नहीं है। 45% स्कूल में बाउंड्री वाल भी नहीं है।

5. बिहार के स्कूलों में लगभग 3.5 लाख शिक्षक के पद खाली हैं|

6. राष्ट्रीय औसत के मुताबिक टीचर-स्टूडेंट Ratio 1:27 है वहीं बिहार में सबसे ज्यादा 1:55 है।

7. उर्दू शिक्षकों और मदरसों की हालत सामान्य स्कूल की तुलना में बेहद खराब है।

8 CRY (CHILD RIGHT AND YOU) रिपोर्ट और सेंटर फॉर बजट एंड Governance Accountability (CBJA) से पता चलता है कि भारत में अन्य राज्यों की तुलना में स्कूली शिक्षा पर Per Capita खर्च बिहार में सबसे कम है।

• Paper Leak
• Contractual Teachers
• 5-7 साल मे Graduation होता है।

“नए किरदार आते जा रहे हैं
मगर नाटक वही पुराना चल रहा है “
बिहार प्रति व्यक्ति आय में 33वें स्थान पर है।

• मानव विकास सूचकांक (HDI) में 36वें स्थान पर है,

• जीडीपी में 14वें स्थान पर है।

• बिहार मे Labour Force Participation में सिर्फ 9% है वहीं, Female Force Participation सिर्फ 4.3% है।

• बिहार में Credit Ratio Deposit सिर्फ 32% है जबकि नेशनल एवरेज 75% है।

• बिहार की Total Earning को देखें तो पता चलता है कि Expenditure का 78% केंद्र सरकार से आता है और 22% Tax Collection से आता है। (इस 22% का 70% हिस्सा GST और पेट्रोल से आता है और 30% हिस्सा रजिस्ट्री आदि से आता है।)

• वहीं बिहार का Committed Expenditure (सैलरी, पेंशन, इंटरेस्ट) 34% है और Earning सिर्फ 22%। पिछले 17 सालों का औसत देखें तो बिहार एक ऐसा राज्य है जिसे फाइनेंस कमीशन ने 28% शेयर दिया।

• इसके बावजूद भी बिहार की हालत पढ़ाई, दवाई ,सिंचाई, कमाई, सुनवाई और कारवाई में बद से बद्तर होती चली गई और CAG की रिपोर्ट देखें तो पता चलता है कि सभी विभागों में व्यापक भ्रष्टाचार फैला हुआ है।

• जब हम Human Development Index जो कि शिक्षा, स्वास्थ्य और प्रति व्यक्ति आय को दर्शाता है, को देखें तो पाते हैं कि जहां पूर्व मुख्यमंत्री श्रीमती राबड़ी देवी जी के सरकार के कार्यकाल में बिहार का स्थान 32वां था और आज 2022 में भी वह 33वां है। हमें यह भी याद रखना चाहिए कि राबड़ी सरकार के कार्यकाल में दो बार बिहार पर राष्ट्रपति शासन भी लगाया गया था l बिहार के साथ सौतेला व्यवहार हुआ था।

• तब भी राबड़ी जी की सरकार के समय लगभग 5 प्रतिशत का विकास दर था जबकि भारत सरकार का विकास दर 6.5 प्रतिशत था। सौतेला व्यवहार इससे भी पता चलता है कि Central Taxation का शेयर राबड़ी जी के कार्यकाल में कम दिया गया जबकि बिहार से लगभग आधा दर्जन से भी अधिक केंद्र में मंत्री थे।

• आंध्र प्रदेश को 3507 करोड़ (1998-2000) में एडिशनल सेंट्रल असिस्टेंस मिला वहीं बिहार को सिर्फ 306 करोड़ मिला। 2000-2003 में आंध्र प्रदेश को 9790 करोड़ का Central Grant मिला वहीं बिहार को मात्र 4047 करोड़ मिला।

• 2002-2003 में आंध्रप्रदेश को नेट लोन में भी रु 6902 करोड़ मिला वहीं बिहार को रु 2849 करोड़ मिला। Per Capita Central Assistance में भी 2000 से 2001 में आंध्रप्रदेश को रु. 626 मिला वहीं बिहार रु. 276 मिला।

बिहार का बजट 2005 में 24000 करोड़ था जबकि भारत का बजट 4,53000 करोड़ था। आज 2022 में बिहार का बजट 2,37691 हजार करोड़ है वहीं भारत का बजट 39.70 लाख करोड़ का है। राजद शासनकाल मे 1990 से लेकर 2005 तक बजट मे लगभग 8 गुणा की बढ़ोतरी हुई उतनी ही लगभग 8 गुणा देश के बजट मे बढ़ोतरी हुई। 2005 से 2020 तक बिहार के बजट मे भी वही 8 गुणा बढ़ोतरी हुई।

 

* “यहाँ तक आते आते सूख जाती है कई नदियाँ
मुझे मालूम है पानी कहाँ ठहरा हुआ होगा”

* “जिसके किरदार पे शैतान भी शर्मिंदा है
वो भी आये हैं यहां करने नसीहत हमको “

* “नए किरदार आते जा रहे हैं
मगर नाटक वही पुराना चल रहा है “

* “जहाँ सच हैं, वहाँ पर हम खड़े हैं,
इसी खातिर आँखों में गड़े हैं.”

* “डबल इंजन सरकार ने कमाल कर दिया
गरीबों को गरीब, और अमीरों को माला-माल कर दिया”

* “तुम्हारी फाइलों में गाँव का मौसम गुलाबी है
मगर ये आँकड़े झूठे है ये दावा किताबी है”

 

* अपने चेहरे से जो ज़ाहिर है छुपाएँ कैसे
तेरी मर्ज़ी के मुताबिक़ नज़र आएँ कैसे
लाख तलवारें बढ़ी आती हों गर्दन की तरफ़
सर झुकाना नहीं आता तो झुकाएँ कैसे

— वसीम बरेलवी

 

* मैं अपनी आँख पर हकीकत का चश्मा चढ़ा कर देखता हूँ हुनर ज़ितना हैं सारा आजमा कर देखता हूँ
नजर उतना ही आता हैं की ज़ितना वो दिखाता है
मैं छोटा हू मगर हर बार कद अपना बढ़ा कर देखता हूँ।