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आचार संहिता लागू: जरा संभलकर…चुनाव आ गए हैं; अधिकारियों को मानने होंगे ये नियम, आप ना करें ये गलतियां

बिहार हलचल न्यूज ,जन जन की आवाज
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प्रदीप कुमार नायक

लोकसभा चुनाव की घोषणा होते ही चुनाव आयोग ने उम्मीदवारों, राजनीतिक दलों और अधिकारियों के लिए कुछ दिशा-निर्देश जारी किए हैं। इनमें बताया गया है इन ढाई महीनों में वे क्या कर सकते हैं और क्या नहीं कर सकते।
लोकसभा चुनाव की घोषणा के साथ हरियाणा में आचार संहिता लागू हो गई है। इसके साथ ही हरियाणा में विकास थम जाएगा। जून को चुनाव परिणाम आने तक केवल चुनावी शोर सुनाई देगा। इसके साथ ही चुनाव आयोग ने उम्मीदवारों, राजनीतिक दलों और अधिकारियों के लिए कुछ दिशा-निर्देश जारी किए हैं।
राजतीतिक दल व उम्मीदवारों के लिए
उम्मीदवार ऐसा बयान नहीं दे सकता जिससे किसी व्यक्ति की शालीनता और नैतिकता का हनन होता हो। कोई भी उम्मीदवार ऐसी गतिविधि में शामिल नहीं होगा कि जो आपसी घृणा पैदा करे और वोट हासिल करने के लिए जाति या सांप्रदायिक आधार पर कोई अपील नहीं करेगा।
सार्वजनिक या निजी स्थान पर सभा आयोजित करने, जुलूस निकालने और लाउडस्पीकर इस्तेमाल करने से पहले स्थानीय पुलिस अधिकारियों से लिखित अनुमति लेना जरूरी है।
रात 10.00 बजे से प्रात: 6.00 बजे के बीच लाउडस्पीकर का इस्तेमाल नहीं कर सकते।
किसी के घर पर उसकी अनुमति के बिना पोस्टर, बैनर या झंडा नहीं लगा सकता।
राजनीतिक दल मतदाताओं को मतदान केंद्र तक पहुंचने के लिए अपनी गाड़ी की सुविधा भी नहीं दे सकते।_
मतदाता को अपने पक्ष में मतदान कराने के लिए डरा या धमका नहीं सकते हैं।
धार्मिक स्थलों का चुनाव प्रचार के लिए इस्तेमाल नहीं कर सकते।
सरकार के मंत्री-विधायक ये काम नहीं कर सकते_
मुख्यमंत्री अपने जिला अधिकारियों के साथ वीडियो कांफ्रेंसिंग नहीं कर सकते।
सरकारी या सार्वजनिक क्षेत्र के उपक्रमों के अतिथि गृहों में ठहरने की व्यवस्था नहीं होगी।
किसी भी रूप में किसी भी वित्तीय अनुदान की घोषणा नहीं करेंगे और न ही वादा करेंगे।
किसी परियोजनाओं या योजनाओं की आधारशिला नहीं रखेंगे।
सड़क बनवाने, पीने के पानी को लेकर काम शुरू करवाने का वादा भी नहीं कर सकते।
मंत्री अपने आधिकारिक दौरे के समय चुनाव प्रचार नहीं कर सकते।प्रचार के लिए सरकारी गाड़ियों, विमानों या किसी दूसरे सुविधाओं का भी इस्तेमाल नहीं कर सकते।
सरकारी खर्च पर चुनावी रैली या चुनाव प्रचार नहीं कर सकते।सरकारी वाहनों का इस्तेमाल सिर्फ अपने निवास से लेकर दफ्तर तक कर सकते हैं।
सरकारी खर्चे पर कोई पार्टी या इफ्तार पार्टी का आयोजन नहीं कर सकते।
सत्ताधारी पार्टी सरकारी पैसे से सरकार के काम का प्रचार-प्रसार नहीं कर सकती।
विधायक या मंत्री अपने विकास फंड से कोई नई राशि नहीं जारी कर सकते।