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भारतीय किसान महासभा वर्ल्ड सोशल फोरम के सम्मेलन (15-19 फरवरी 2024) काठमांडू नेपाल में

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पटना /अखिल भारतीय किसान महासभा वर्ल्ड सोशल फोरम के सम्मेलन (15-19 फरवरी 2024) काठमांडू नेपाल में हिस्सा लेगी। यह जानकारी देते हुए आज अखिल भारतीय किसान महासभा के राष्ट्रीय महासचिव कामरेड राजा राम सिंह ने बताया कि संगठन के राष्ट्रीय सचिव कॉमरेड पुरुषोत्तम शर्मा के नेतृत्व में तीन सदस्यीय प्रतिनिधिमंडल सम्मेलन में हिस्सा लेने नेपाल जा रहा है।
उन्होंने बताया कि किसान महासभा का प्रतिनिधि मंडल 14 फरवरी को काठमांडू पहुंचेगा। प्रतिनिधि मंडल 21 फरवरी की सुबह काठमांडू से वापसी करेगा। इस बीच सम्मेलन में भागीदारी के अलावा प्रतिनिधि मंडल नेपाल सहित दक्षिण एशिया के किसान संगठनों के साथ एक दूसरे के अनुभवों का आदान प्रदान भी करेगा।
कामरेड राजा राम सिंह ने बताया कि प्रतिनिधि मंडल में संगठन के राष्ट्रीय सचिव कामरेड पुरुषोत्तम शर्मा, बिहार राज्य सचिव कामरेड उमेश सिंह, बिहार में गन्ना उत्पादक किसान आंदोलन के नेता व सिकटा से विधायक कामरेड बीरेंद्र प्रसाद गुप्ता  नेपाल जा रहे हैं।

उन्होंने कहा कि आज डब्ल्यूटीओ के दबाव में बन रही कारपोरेट लूट की नीतियों ने एक वैश्विक कृषि संकट खड़ा कर दिया है। पूरी दुनिया भर में खेती, जमीन, अन्न का भंडारण और खुदरा बाजार पर बढ़ते कारपोरेट कब्जे ने खेती किसानी को तबाही के रास्ते पर ला दिया है। इससे न सिर्फ किसान तबाह हो रहे है, बल्कि दुनिया के गरीबों के सामने एक बड़ा खाद्य संकट खड़ा हो रहा है।

उन्होंने कहा खेती में उत्पादन ज्यादा हो रहा है पर सरकारों की नीतियों से दुनिया में भूख का भूगोल बढ़ता जा रहा है। दुनिया की प्रमुख कारपोरेट कंपनियां अब भूख पर मुनाफे का सौदा करना चाहती हैं। ऐसे में डब्ल्यूएसएफ का काठमांडू सम्मेलन दुनिया भर में खेती किसानी को बचाने और खाद्य सुरक्षा की गारंटी के लिए एक साझे वैश्विक आंदोलन को खड़ा करने में मददगार होगा।

कामरेड राजा राम सिंह ने कहा कि दिल्ली बॉर्डर पर तेरह माह चले भारत के ऐतिहासिक किसान आंदोलन ने दुनिया के किसानों को रास्ता दिखाया है। आज जर्मनी, फ्रांस सहित यूरोप के कई देशों में किसानों के आंदोलन उठ खड़े हुए हैं। काठमांडू सम्मेलन इन संघर्षों की ऊर्जा को पूरी दुनिया में डब्ल्यूटीओ के खिलाफ संघर्ष को आगे बढ़ाने के लिए समन्वित करेगा, ऐसी उम्मीद की जानी चाहिए।
काठमांडू सम्मेलन में हमारा प्रतिनिधि मंडल देश की कृषि की स्थिति, किसानों के आंदोलन और खाद्य सुरक्षा पर अपना पक्ष रखेगा ।