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पानी भी खून लग रहा.सब खून ही खून है :ओडिशा ट्रेन हादसे में रेस्क्यू ऑपरेशन चलाने वाले NDRF कर्मी सदमे

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ओडिशा /2 जून दिन शुक्रवार की शाम के बालासोर में हुए भयानक ट्रेन हादसे के बाद जहां मरने वालों के परिवार पर गमों का पहाड़ टूटा पड़ा है तो वहीं इस हादसे में रेस्क्यू ऑपरेशन चलाने वाले राष्ट्रीय आपदा मोचन बल NDRF के कर्मियों की हालत भी कुछ ठीक नहीं है,NDRF कर्मी सदमे में चले गए हैं।

इस हादसे ने एनडीआरएफ कर्मियों को मानसिक रूप से प्रताड़ित और प्रभावित किया है

एनडीआरएफ के डीजी अतुल करवाल का कहना है कि, जब वह ट्रेन हादसे में रेस्क्यू ऑपरेशन चलाने वाले अपने कर्मियों से मिले और उनसे बातचीत की तो वह सन्न रह गए। किसी कर्मी ने उनसे कहा कि हादसे से लौटने के बाद उसे लगातार खून ही खून दिख रहा है, उसे पानी भी खून लग रहा है। तो किसी कर्मी ने कहा कि उसे भूख ही नहीं लग रही।

डीजी ने कहा कि हादसे के बाद वहां रहे NDRF कर्मियों के दिमाग पर गहरा असर हुआ है। NDRF कर्मियों को इस मानसिक प्रताड़ना से उभारने के लिए मानसिक और शारीरिक फिटनेस कार्यक्रम शुरू किए गए हैं। कर्मियों की मनोवैज्ञानिक काउंसलिंग की जाएगी और उनमें मानसिक स्थिरता लाई जाएगी। डीजी ने कहा कि, ‘अच्छी मानसिक सेहत के वास्ते ऐसी काउंसलिंग हमारे कर्मियों के लिए बेहद जरुरी है। जब वह मानसिक रूप से स्वस्थ होंगे तभी आपदाग्रस्त इलाकों में रेस्क्यू ऑपरेशन चला पाएंगे। डीजी ने यह भी उल्लेख किया कि इसी तरह के कार्यक्रम फरवरी में विनाशकारी तुर्की भूकंप के बाद भी चलाए गए थे। क्योंकि वहां से लौटे एनडीआरएफ कर्मी भी मानसिक रूप से काफी प्रभावित हुए थे।

280 से ज्यादा मौतें हुईं 1000 के करीब घायल, कइयों का पता नहीं

आपको बतादें कि ओडिशा ट्रेन हादसे में 275 से ज्यादा मौतें हुईं हैं। ये मौतें इतनी दर्दनाक हुईं कि किसी का सिर अलग हो गया तो किसी के हाथ-पैर. वहीं किसी की बॉडी ही पिच्ची उड़ गई. इसके अलावा हादसे में 1000 के करीब लोग घायल हुए. वहीं इस हादसे के बाद कइयों का पता भी नहीं लग रहा. उनके अपने परिवार के लोग उन्हें दर-दर तलाश रहे हैं लेकिन उनकी जानकारी नहीं हो पा रही। फिलहाल, इस हादसे ने तमाम परिवारों को कभी न भरने वाले घाव दिए हैं।

ओडिशा में 2 जून की शाम कैसे काल बन गई

ओडिशा के बालासोर में बाहानगा बाजार रेलवे स्टेशन के नजदीक तीन ट्रेनों के साथ बेहद भयानक हादसा हुआ था। यहां 12841 शालीमार-चेन्नई कोरोमंडल एक्सप्रेस की लूप लाइन पर खड़ी एक मालगाड़ी से भीषण टक्कर हुई थी। जिसके बाद एक्सप्रेस ट्रेन के कई डिब्बे पलट गए और दूसरे ट्रैक पर जा पहुंचे। जिससे उस ट्रैक पर आ रही 12864 बेंगलुरु-हावड़ा सुपरफास्ट एक्सप्रेस भी हादसाग्रस्त हो गई। और इस तरह से कई जिंदगियां जो यात्रा पर निकली थीं। उनकी यह यात्रा अंतिम यात्रा हो गई।