वो रौंद रहे हैं भारत को, हम चैन से कैसे सो जाएं : पढें जरूर
निखिल कर्ण ने
वो रौंद रहे हैं भारत को,
हम चैन से कैसे सो जाएं।
वो लूट रहे हैं भारत को,
हम सपनों में कैसे खो जाएं।
वो तोड़ रहे हैं भारत को,
हम मौन भी कैसे रह जाएं।
हम भारत के हैं आम आदमी,
जुड़ कर ताकत बन जाएंगें ,
हम जुड़ेंगें और जोडेंगें ,
न्याय की ज्योति जलाएंगें ।
हम जागेंगें व जगाएंगें,
सब मिलकर तर्कपूर्ण देश बनाएंगें।
देश बनाने की खातिर हम,
हर पल जीते जाएंगें ,
देनी पड़ी कुर्बानी भी तो ,
हम देश पर फ़ना हो जाएंगें।
संघर्ष रहेगा जारी हर पल,
मैदान छोड़ कर ना भागेंगें
जनसंप्रभता के जरिए एक दिन,
जन स्वराज हम ला देंगें ।
महज़ ‘कविता’ नहीं है ये ,
ये है संकल्प हमारा।
अंतिम सांस तक जारी रहेगा,
देश बचाने व देश बनाने प्रयास हमारा,
वो भी बिना झुके, बिना रूके, बिना थके ।