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यूपी के वाराणसी से पीएफआई के 2 सदस्यों की हुई गिरफ्तारी

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सेंट्रल डेस्क

वाराणसी/यूपी देशभर में पीएफआई के सदस्यों की गिरफ्तारी के बाद 5 साल तक इस संगठन पर प्रतिबंध लगाए जाने को लेकर राजनीति जारी है। विपक्ष लगातार हमलावर है और अन्य संगठनों समेत RSS पर भी बैन की मांग कर रहा है। इन सबके बीच पॉपुलर फ्रंट ऑफ इंडिया के नाम से संचालित होने वाले संगठन से जुड़े 2 लोगों की गिरफ्तारी प्रधानमंत्री मोदी के संसदीय क्षेत्र बनारस से भी की गई है। इनका नाम मोहम्मद शाहिद और रिजवान अहमद है।

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दोनों की गिरफ्तारी के बाद  इन्हें 55 घंटे की पुलिस कस्टडी में रखा गया। उसके बाद कल शाम दोनों को जेल वापस भेज दिया गया। 55 घंटों के पूछताछ के दौरान दोनों ने कई राज खोले।प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के संसदीय क्षेत्र बनारस को हमेशा से ही अति संवेदनशील शहरों की श्रेणी में रखा जाता है। यहां पर वीआईपी मूवमेंट भी लगातार बनी रहती है ।इसी वजह से दोनों की एक्टिविटी बनारस के अलग-अलग क्षेत्रों में धीरे-धीरे फैल रही थी। दोनों आरोपी बनारस में स्लो पॉइजन की तर्ज पर धीरे-धीरे लोगों के बीच जहर घोलने का काम कर रहे थे। रिजवान के घर से एक मोबाइल फोन बरामद हुआ है। इसमें पॉपुलर फ्रंट ऑफ इंडिया के कई बड़े नेताओं के नंबर भी मिले हैं। यह डायरेक्ट उनके संपर्क में था और अपने साथी मोहम्मद शाहिद के साथ मिलकर उनकी तरफ से दिए जा रहे निर्देशों का पालन करता था।

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पीएफआई संगठन ने वाराणसी के करीब 12 युवाओं को अपने संपर्क में रखा हुआ था। इनमें से अब तक 3 लोगों को पुलिस ने हिरासत में लिया है और इनसे पूछताछ की जा रही है। आधिकारिक सूत्रों के मुताबिक पीएफआई मोहम्मद शाहिद और रिजवान ने ज्ञानवापी प्रकरण को लेकर जो चंदा इकट्ठा किया करता था। वह एक बैंक खाते में ट्रांसफर भी किया गया है। अब इसकी जांच भी संभावित है कि वह खाता लोकल था या फिर दिल्ली,मुंबई से संचालित हो रहा था। श्रृंगार गौरी मंदिर के नाम पर एक्टिव हिंदू संगठनों की लिस्ट भी इन सभी के द्वारा अपने मुख्यालय को भेजी गई थी। इस लिस्ट से हिंदू संगठनों की एक्टिविटी पर नजर रखी जा रही थी। जिले में भगवा रक्षा वाहिनी की तरफ से ज्ञानवापी प्रकरण की कार्बन डेटिंग की मांग करते हुए हिंदू पक्ष द्वारा पोस्टर लगाए गए थे।