धनबाद : कचरे का अंबार दे रहा है गरीबों को रोजगार
रिपोर्ट सत्येन्द्र सिंह
धनबाद /के झरिया में इन दिनों पेट की आग बुझाने के लिए कुछ लोग कचरे में जिंदगी ढूंढ रहे हैं। झरिया क़े बनियाहीर स्थित नई दुनिया, सुपर टोला, लोदना हांडी पट्टी कोयरी बांध और घनुवाडीह के सैकड़ो लोगों के लिए कचरा ही भोजन जुटाने में मदद करता है। उन लोगों ने रक्षा काली धाम रोड पर गिराए गए कचरे के पहाड़ को ही जीविका का साधन बना लिया है।
लोग प्रतिदिन सुबह से शाम तक इस कचरे के अंबार से प्लास्टिक की सामग्री चुनते हैं और फिर उसे गोदाम में बेचकर परिवार का भरन पोषण करते हैं। उन्हें न कचरे में छिपे किसी खतरनाक जीव जंतु का डर है और न ही कोरोना का।
उनका कहना है सरकार ना तो रोजगार दे रही है,और ना ही रोजगार का साधन, ऐसे में घर चलाना बहुत मुश्किल हो रहा है, पेट की आग बुझाने के लिए , मजबूरी में कचड़े में सामग्री ढूढना पड़ रहा है।
कचरा को जीविका बनानेवाले प्रीतम हांडी, राजू पासी, शबनम,मालती देवी, अनवर और गुलशन ने कहा साहब यह काम हमलोग रोज करते हैं. यही हमारा रोजगार है. बढ़ती महंगाई में भी इसी कचरे से गुजर बसर कर रहे हैं। उन्होंने कहा कि सरकार गरीबों को चावल, गेहूं और नमक तो दे रही है, लेकिन बाकी जरूरतें कैसे पूरी होंगी।
अगर यह काम नहीं करेंगे तो क्या करेंगे।