बिहार के अन्नदाता किसान उर्वरक खाद को लेकर परेशान
रिपोर्ट:संजय श्रीवास्तव
उर्वरक खाद (यूरिया) की काला बाजारी पूरे बिहार में चरम सीमा पर हर। जिसके कारण किसानों को काफी कठिनाइयों का सामना करना पड़ रहा है। किसानों को महंगे दामों में खाद अपने खेतों में डालने के लिए हरिदना पड़ रहा है। यूरिया खाद की आपूर्ति कम होने के कारण ये खामियाजा अन्नदाता किसानों को भुगतना पड़ रहा है ऐसे में किसान क्या करे और फसल कैसे उपजाए नाम नही बताए जाने पर एक किसान ने बताया कि खाद आज भी बाजारों में उपलब्ध है पर 266 रुपए बोरी की जगह 400 से 500 रुपए बोरी लेकर दिया जा रहा है।
हमलोगों के साथ विडंबना यह है कि अपने खेतों को खाली नहीं छोड़ सकते जिसके लिए हमलोगो को महंगे दामों में खाद खरीदना मजबूरी है और हमलोगों की कौन सुनता है अगर संबंधित अधिकारियों को शिकायत भी किया जाता है तो अधिकारी कुछ ले देकर मामला रफा दफा कर देते है।
वही नेपाल से सटे मधुबनी समस्तीपुर सुपौल रक्सौल आदि क्षेत्रों में भी यूरिया खाद की बाजारों में काफी किल्लत है
सूत्रों की मानें तो नेपाल में आसानी से यूरिया इन्ही क्षत्रो से भेजा जाता है । जब की नेपाल – भारत सीमा पर सीमासुरक्षा बल एव स्थानीय पुलिस की मिली भगत से रातों में की जाती है तस्करी साथ ही इन क्षेत्रों के उर्वरक विक्रेता संबंधित अधिकारियों की मिली भगत से काला बाजारी कर यूरिया खाद नेपाल पहुंचाने का कार्य कर रहें है अगर समय रहते इनलोगों पर नकेल नही कसा गया तो भुखमरी तै है। अब देखना यह है की सरकार की नजर कब इस ओर पड़ती है।