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गिरिराज सिंह राजद पर अनर्गल आरोप लगाने से पहले रोजगार विरोधी और रोलबैक नीति पर स्थिति स्पष्ट करें कि मोदी सरकार की मंशा क्या है :एजाज़ अहमद

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बिहार प्रदेश राष्ट्रीय जनता दल के प्रवक्ता एजाज अहमद ने केंद्रीय मंत्री गिरिराज सिंह सहित भाजपा के अन्य नेताओं के द्वारा राजद और विपक्षी दलों के ऊपर अनर्गल आरोप लगाने सर कहा इस तरह की भाजपाई सोच पर हंसी आती है और उनकी समझ पर तरस आता है , क्योंकि यह सभी को पता है कि 14 जून 2022 को जब केंद्र सरकार ने अग्निपथ योजना की घोषणा की और उसमें इस बात का भी ख्याल नहीं रखा की जब बीते दो साल से सेना में भर्तियां नहीं हो पाई थी, और उनमें से कई परीक्षाओं के तो नतीजे लंबित थे तब इस बीच सरकार ने अग्निपथ योजना को लॉन्च कर दिया और पुरानी भर्तियों को भी इसी योजना के दायरे में लाने की बात कही जो कहीं से उचित नही माना जायेगा, क्योंकि पूर्व में सफल हुए को भी एक ही झटके में सभी कैंडिडेट की योग्यता रद्द हो गई, जो एग्जाम दे चुके थे,ऐसे छात्रों को सरकार के अग्निपथ योजना के फैसले से गहरी निराशा हुई । इनमें से अधिकांश छात्र अब भी परिणाम का इंतजार कर रहे थे, दूसरी बात है कि पहले यह सभी नौकरियां स्थाई हुआ करती थी, लेकिन सरकार के इस फैसले से नौकरी की स्थाई प्रवृति लगभग खत्म होने के कगार पर आ गई।
एजाज ने कहा कि नई स्कीम की तहत बताया गया कि अब चार साल की नौकरी अग्निपथ स्कीम के तहत होगी। इसमें से सिर्फ 25 प्रतिशत अग्निवीरों को ही स्थाई किया जाएगा और बाकी 75 प्रतिशत चार साल बाद रिटायर हो जाएंगे। इस मामले में भारत सरकार के द्वारा छात्रों को विश्वास में नहीं लिया गया और ना ही उनके भविष्य की योजनाओं तथा उनके पेंशन और अन्य तरह की बातें को स्पष्ट किया गया ।साथ ही साथ पहले उम्रसीमा साढ़े 17 से 21 साल किया गया जिससे पूर्व में जो छात्र परीक्षा की तैयारी कर रहे थे उन्हें लगा कि उस उम्र सीमा के अंतर्गत वह आ ही नहीं सकते क्योंकि भारत सरकार ने कोबिड कार्यकाल में 2 वर्षों से सेना में भर्ती प्रक्रिया को रोक रखा था । बाद में भारत सरकार की ओर से 2 साल उम्र सीमा बढ़ाकर इसे 23 साल करने की घोषणा की गई और पुण: संशोधन करके दूसरी बातें सामने लाई जा रही है इससे यह स्पष्ट होता है कि सरकार ही इस योजना को ठीक ढंग से नहीं समझ सकी है, तो वह छात्रों को कैसे समझा पाएगी। इस तरह का योजना लाने से पहले सरकार को सभी को विश्वास में लेना चाहिए था जो नहीं की गई, और अब इसमें बार-बार संशोधन किया जा रहा है, इससे ही सरकार की मंशा पर सवाल उठ रहा है जो कहीं ना कहीं छात्रों के लिए गुस्सा का कारण बन रहा है ।
एजाज ने आगे कहा कि गिरिराज सिंह और भाजपा के अन्य नेता राजद पर आरोप लगाने से पहले अपने गिरेबां में झांक लेते, तो बेहतर रहता क्योंकि मोदी सरकार अपने किए को ही हमेशा वापस लेती रही है चाहे वह काला कृषि कानून हो या अब अग्निपथ योजना । इतना ही नहीं 2014 में नरेंद्र मोदी ने वादा किया था दो करोड़ नौकरी हरवर्ष देने का, जो अबतक सिर्फ जुमला ही साबित हुआ है।हद तो यह है कि अब वही नरेंद्र मोदी की सरकार डेढ वर्ष में 10 लाख नौकरियों की बात कर रही है ,वह भी ठेके पर ।
इन्होंने केंद्र सरकार से अविलंब अग्निपथ योजना को वापस लेकर पुरानी पद्धति से ही सेना में भर्ती की योजना लागू रखने की मांग की है ।