बिहार

वित्त मंत्री तारकिशोर प्रसाद ने 2,37,691.19 करोड़ रूपये का बजट पेश किया

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News डेस्क

बि‌हार विधान मंडल के सदन पटल पर वित्त मंत्री तारकिशोर प्रसाद ने लोक लुभावनी बजट आकार 2,37,691.19 करोड़ रूपये का पेश किया। जिसमें राजकोशीय घाटा 25,885.10 करोड़ रूपये पेश करते हुए कहा कि ‌सम्पूण विश्व पिछले 2 वषों से कोविड-19 महामारी के प्रतिकूल प्रभाव से जुझ रहा है । इस दोरान की भारत की अर्थव्यवस्था प्रभावित हुई। वर्ष 2000-21 में बिहार भी इस आर्थिक मंदी से अछूता नहीं रहा और ‌आर्थिक वृदि दर 2.5 प्रतिशत रहा। वर्ष 2,022-23 में 9.7 प्रतिशत की आर्थिक वृदि दर प्राप्त होने का अनुमान है। आगे उन्होंने कहा कि सात निश्चय योजना को तरजीह देते हुए मुख्य फोकस किया गया है जिसमें औद्योगिक प्रशिक्षण पॉलिटेक्निक संस्थानों में गुणवत्ता बढ़ाने की योजना। बाजार की मांग के मुताबिक गुणवत्ता बढ़ाया जा रहा है। पहले चरण में 60 और दूसरे चरण 89 औद्योगिक प्रशिक्षण संस्थानों का चयन किया गया है। हर जिले में मेगा स्किल सेंटर, प्रथम चरण में पटना, नालंद और दरभंगा में मेगा स्किल सेंटर का निर्माण किया जा रहा है। दूसरे चरण में शेष जिलों में स्थापना होगी। हिंदी में तकनीकी संस्थानों में शिक्षा उपलब्ध कराए जाने को लेकर काम किया जा रहा है। बिहार चिकित्सा विश्वविद्यालय और बिहार खेल विश्वविद्यालय की स्थापना को स्वीकृति दी जा रही है। इस निश्चिय के लिए 1153 करोड़ रुपए का बजट प्रावधान। इंटर पास करने पर अविवाहित महिलाओं को 25 हजार रुपए और स्नातक उतीर्ण होने पर 50 हजार रुपए की आर्थिक सहायता दी जा रही है। इस निश्चित के तहत विभिन्न योजना पर 2022-23 में 900 करोड़ रुपए का बजट प्रावधान किया गया है। इस योजना के तहत संबंधित विभागों द्वारा तकनीकी सर्वेक्षण का काम पूरा हो गया है। संबंधित विभाग इस पर काम कर रहे हैं। इस पर 2022-23 के लिए 600 करोड़ रुपए का बजट प्रावधान किया गया है। ग्रामीण क्षेत्रों में ठोस और तरल कचरे के प्रबंधन के लिए लोहिया स्वच्छ बिहार अभियान दूसरे चरण को स्वीकृति दी गई है। वर्तमान में इस योजना के तहत 36 ग्राम पंचायतों में 439 वार्डों से ठोस कचरे का संग्रह किया जा रहा है। हर घर नल का जल- इसके लिए दीर्घकालीन योजना तैयार की गई है। नगर विकास आवास विभाग के द्वारा पेयजल उपयोग शुल्क नीति 2021 अधिसूचित की गई है, संवेदकों द्वारा 5 साल की रखरखाव की अवधि पूरी हो जाने के बाद रखरखाव का दायित्व शहरी-स्थानीय निकाय को दिया गया है। घर तक पक्की गली नलिया- अंतर्गत अनुरक्षण नीति का प्रारूप तैयार किया जा रहा है। पूर्व की निश्चिय योजना हर घर शौचालय के तहत स्वच्छ गांव हमारा गौरव अभियान का संचालन किया जा रहा है। अक्रियाशील निजी और सामुदायिक शौचालयों को क्रियाशील बनाने का काम किया जा रहा है। इसके लिए लाभार्थियों को जागरूक किया जा रहा है। इस पर 847 करोड़ रुपए का बजट रखा गया है। कचरा प्रबंधन के लिए 34 नगर निकायों में 52 मेटेरियल रिकवरी फैसिलिटी, 66 नगर निकायों में 105 वेस्ट को कंपोस्ट केंद्र संचालित है। मुजफ्फरपुर, बिहारशरीफ, मुंगेर, सुपौल, बोधगया, राजगीर को मॉडल टाउन के रूप में विकसित किया जा रहा है। वृद्धजनों के लिए सभी जिला मुख्यालय में वृद्धाश्रम का निर्माण होगा। शहरी गरीबों को आवास उपलब्ध कराया जाएगा। बहुमंजिला इमारत बनाकर बेघरों को आवास उपलब्ध कराया जाएगा। सभी शहरों में नदी घाटों पर विद्युत शवदाह गृह और मोक्षधाम बनाने के लिए काम हो रहा है। सभी शहरों में जलजमाव समस्या से निदान के लिए काम होगा। सड़कों को अपग्रेड किया जाएगा, चौड़ीकरण, मजबूतीकरण हेतु, ग्रामीण सड़कों की सुलभ संपर्कता के तहत 1660 सड़कों का सर्वे चल रहा है, जिसकी कुल लंबाई 12555 किमी है। शहरी क्षेत्रों में 120 बाईपास की योजना की प्रक्रिया चल रही है। इन योजनाओं पर 450 करोड़ रुपए का बजट प्रावधान किया गया है। बेहतर पशु स्वास्थ्य सुविधा के लिए आधारभूत संरक्षण, देसी गोवंश संरक्षण और संवर्धन हेतु बिहार पशु विज्ञान विश्वविद्यालय द्वारा बीएसएल-2 प्रयोगशाला की स्थापना। कॉल सेंटर और ऐप के माध्यम से पशुपालन की डोर स्टेप सुविधा के लिए काम किया जा रहा है। लोगों के लिए बेहतर स्वास्थ्य सुविधा उपलब्ध कराने के लिए राज्य के 242 स्वास्थ्य संस्थानों को वर्चुअल हब के रूप में चिह्नित करके टेलीमेडिसिन की सुविधा दी जा रही है। इसके लिए ई-संजीवनी की शुरुआत की गई है। 122 स्थानों पर नए सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्रों पर निर्माण चल रहा है। प्रत्येक विधानसभा क्षेत्र में एक अतिरिक्त प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र और 5 उपकेंद्र, हेल्थ वर्कर वेलनेस सेंटर के निर्माण की स्वीकृति दी गई है। 30 जिलों में 42 बेड और 8 जिलों में 32 बेड के बच्चों के विभाग के निर्माण की स्वीकृति दी गई है।